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लापरवाही के चलते बारिश में बर्बाद हुईं निःशुल्क वितरित होने वाली किताबें - damoh book news

दमोह जिले के बीईओ कार्यालय के पास एक बिल्डिंग में हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल के कई विषयों की किताबें पानी में सड़ रहीं हैं.

लापरवाही के चलते बारिश में बर्बाद हुईं निःशुल्क वितरित होने वाली किताबें
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Published : Aug 22, 2019, 2:47 AM IST

दमोह। एक ओर बच्चों को देने के लिए सरकारी स्कूलों में पर्याप्त किताबें नहीं है. वहीं जिले के बीईओ कार्यालय के पास एक बिल्डिंग में हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल के कई विषयों की किताबें पानी में सड़ रहीं हैं. ये सभी किताबें वर्ष 2019 की हैं, जबकि कई जिले के कई स्कूलों में कोर्स की पूरी किताबें तक नहीं हैं.

लापरवाही के चलते बारिश में बर्बाद हुईं निःशुल्क वितरित होने वाली किताबें


शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों को हर साल निःशुल्क किताबें देता है, लेकिन किताबों के रख रखाव में लापरवाही के चलते पानी में सड़ चुकी हैं. जिससे आला अधिकारियों की लापरवाही साफ उजागर होती है. तो वहीं जिला शिक्षा अधिकारी पीपी सिंह कहते हैं कि डिमांड करने के बाद 10 फीसदी कम पुस्तकें ही प्राप्त होती हैं, इसके बावजूद भी पुस्तकों का पूरी तरह से वितरण ना किया जाना विभाग की कथनी और करनी पर सवाल खड़े करता है, उन्होंने ने कहा कि किताबें किस वर्ष की हैं इसकी जांच की जायेगी.

दमोह। एक ओर बच्चों को देने के लिए सरकारी स्कूलों में पर्याप्त किताबें नहीं है. वहीं जिले के बीईओ कार्यालय के पास एक बिल्डिंग में हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल के कई विषयों की किताबें पानी में सड़ रहीं हैं. ये सभी किताबें वर्ष 2019 की हैं, जबकि कई जिले के कई स्कूलों में कोर्स की पूरी किताबें तक नहीं हैं.

लापरवाही के चलते बारिश में बर्बाद हुईं निःशुल्क वितरित होने वाली किताबें


शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों को हर साल निःशुल्क किताबें देता है, लेकिन किताबों के रख रखाव में लापरवाही के चलते पानी में सड़ चुकी हैं. जिससे आला अधिकारियों की लापरवाही साफ उजागर होती है. तो वहीं जिला शिक्षा अधिकारी पीपी सिंह कहते हैं कि डिमांड करने के बाद 10 फीसदी कम पुस्तकें ही प्राप्त होती हैं, इसके बावजूद भी पुस्तकों का पूरी तरह से वितरण ना किया जाना विभाग की कथनी और करनी पर सवाल खड़े करता है, उन्होंने ने कहा कि किताबें किस वर्ष की हैं इसकी जांच की जायेगी.

Intro:मध्य प्रदेश के दमोह में सरकारी पुस्तकों का हाल बेहाल स्कूलों में वितरण ना कर कबाड़ में खराब हो रही इसी सत्र की पुस्तकें

डिमांड से कम संख्या में मिलती है पुस्तकें फिर भी नहीं होता वितरण रद्दी बनाने विभाग दिखाता है चुस्ती


दमोह. शिक्षा विभाग की करनी का एक नजारा दमोह में दिखाई दिया. जहां पर हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी के लिए बुलाई गई सरकारी पुस्तकें पानी में खराब हो रही है. वहीं शिक्षा विभाग इन पुस्तकों को कबाड़ बनाने में तुला हुआ है. जिससे रद्दी हो जाने पर यह पुस्तकें रद्दी के भाव बेची जा सके. हम यह इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सत्र 2019 की पुस्तकों को रद्दी नुमा भवनों में रखकर नई नवेली पुस्तकों को कबाड़ करने का काम शिक्षा विभाग कर रहा है.


Body:जिला मुख्यालय के बीईओ कार्यालय के समीप बने एक भवन में साल 2019 की हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी की कई विषयों की पुस्तकें कबाड़ हो रही है. बड़ी संख्या में इन पुस्तकों को ढेर में रखा हुआ है. जहां पर यह पुस्तकें बारिश के पानी में खराब हो रही हैं. वही इन पुस्तकों पर धूल एवं गंदगी भी चढ़ रही है. पुस्तकें खराब हालात में पहुंच चुकी है, तो वहीं जिले के शिक्षा अधिकारी कहते हैं कि डिमांड करने के बाद 10% कम पुस्तकें ही उनको प्राप्त होती है. इसके बावजूद भी पुस्तकों का पूरी तरह से वितरण ना किया जाना विभाग की कथनी और करनी पर सवाल खड़े करता है. वहीं जब शिक्षा अधिकारी से पुस्तकों के कबाड़ होने एवं खराब होने का सवाल किया गया तो उनका कहना था कि संबंधित अधिकारी को बुलाकर जांच कराई जाएगी. जिला शिक्षा अधिकारी यह तो मानते हैं कि डिमांड के अनुसार कम पुस्तके आती है. उसके बावजूद पूरी पुस्तकों का वितरण शिक्षा विभाग करता ही नहीं. क्योंकि विभाग पुस्तकों को कबाड़ होने के लिए छोड़ देता है और यह पुस्तकें फिर एक दो साल के बाद रद्दी के भाव बेच दी जाती है. जबकि इन पुस्तकों को स्कूलों में भेजकर उसके उद्देश्य को पूरा करना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं होता और यह पुस्तकें उसी सत्र में कबाड़ में तब्दील हो जाती है.

बाइट - पीपी सिंह जिला शिक्षा अधिकारी दमोह


Conclusion:शिक्षा विभाग में बच्चों को मुफ्त में वितरित करने के लिए आने वाली शैक्षणिक सामग्री की ऐसी दुर्दशा शायद ही किसी जिले में नजर आती हो, लेकिन दमोह जिले में पुस्तकों की दुर्दशा देखने के बाद यह कहा जा सकता है कि शासन भले ही करोड़ों रुपए खर्च कर पुस्तकों को बच्चों में वितरित करने के लिए भेजती हो, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इन पुस्तकों को कबाड़ करने में लगे हुए हैं. ऐसे हालात में जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्यवाही होती है या फिर जिम्मेदार अधिकारियों का यह रवैया जारी रहता है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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