दमोह। प्रदेश की कमलनाथ सरकार के निर्देश के बाद मध्य प्रदेश के साथ ही दमोह जिले के समस्त महाविद्यालयों में 30 जनवरी तक जो प्रतिमाएं लगाई गई, वो ना तो महात्मा गांधी की प्रतिमा के मापदंड के मुताबिक लगाई गई हैं और ना ही है प्रतिमाएं महात्मा गांधी के चेहरे से मेल खाती हैं. अनेक प्रतिमाओं में जहां चश्मे का आकार बदला हुआ है. तो अनेक प्रतिमाओं में महात्मा गांधी की मूछें भी बना दी गई.
दमोह के अग्रणी महाविद्यालय पीजी कॉलेज में लगाई गई महात्मा गांधी की प्रतिमा उनके चेहरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाती. वहीं दमोह के ही कमला नेहरू महिला महाविद्यालय में लगाई गई प्रतिमा तो किसी अन्य महापुरुष की ही लगती है, लेकिन ये दोनों प्रतिमाएं एक ही प्राचार्य द्वारा बनवाई गई हैं. दो अलग- अलग महाविद्यालयों में दो अलग-अलग प्रतिमाएं लगा दी गई हैं.
इसी तरह से तेंदूखेड़ा महाविद्यालय में तो महात्मा गांधी की प्रतिमा ही नदारद थी, तो हटा के कॉलेज में लगी प्रतिमा में महात्मा गांधी की आंखें ही नजर नहीं आती. इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष ने वर्तमान कांग्रेस सरकार पर गांधी प्रतिभाओं के साथ मजाक किए जाने का आरोप लगाया है.