दमोह। गर्मी शुरू होेते ही जंगल में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया है. बीते तीन दिनों में जिले की तीन-अलग अलग जगहों पर जंगल में आग लगने की घटना सामने आ चुकी है. रविवार को फिर शहजादपुरा गांव क्षेत्र के जंगल में भीषण आग लगने की घटना सामने आई है. आग बुझाने के लिए वन अमले के पास भी कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं.
शुक्रवार को रजपुरा, दहा, करकोई चौपरा में और शनिवार को सादपुर और कनोरा मार्ग पर जंगलों में आग लगने की घटनाएं होने के बाद भी हटा वन विभाग ने कोई कदम नहीं उठाए. नतीजन रविवार को फिर बटियागढ़ के शहजादपुरा के जंगलों में भीषण आग फैल गई. देखते ही देखते जंगल की आग ने विक्राल रूप ले लिया, जिससे आग की चपेट में हजारों पेड़-पौधे जलकर खाक हो गए.
आग लगने की सूचना पर हटा से फायर ब्रिगेड और वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा. वन विभाग आग पर नियंत्रण पाने की कोशिशों में जुटा रहा, लेकिन तेज हवाओं से जंगल में फैली आग लगातार विक्राल होती जा रही थी.
बताया जा रहा है कि ग्रामीणों द्वारा जंगल से महुआ इकट्ठा करने के नाम पर आग लगाई जाती है. ग्रामीणों के मुताबिक जंगल के पत्तों में पेड़ से गिरे महुआ के फूल नहीं दिख पाते है. पत्तों को साफ करने के चक्कर में ग्रामीण आग लगाते हैं. ग्रामीणों द्वारा माहुआ के पेड़ के नीचे कचरा इकट्ठा कर आगजनी की जाती है, यही आग बाद में जंगल को अपने चपेट में ले लेती है.