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खून के अभाव में गई मासूम की जान, खून के लिए परिजनों से मांगे गए पैसे

जिला अस्पताल में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते खून के अभाव में एक बच्चे की मौत दो हो गई. अब अस्पताल प्रबंधन मामले से कन्नी काट रहा है.

खून के अभाव में गई मासूम की जान
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Published : Jul 17, 2019, 12:28 AM IST

Updated : Jul 17, 2019, 2:35 AM IST

दमोह। जिला अस्पताल में प्रबंधन की लापरवाही के चलते खून की कमी से एक बच्चे की मौत हो गई,अब अस्पताल प्रबंधन मामले से कन्नी काट रहा है,परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में खून चढ़ाने के लिए गोरख धंधा चल रहा है. यहां पैसा लेने के बाद भी खून नहीं दिया गया. जिला अस्पताल में आज ही ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किया गया था, इसके बाद भी खून का अभाव हो जाने से बच्चे की मौत हो गई.

खून के अभाव में गई मासूम की जान

दरअसल पूरा मामला जिले के करैया गांव में रहने वाला आठ साल का पवन का है पवन पिछले कुछ दिनों से बीमार था. जब उसकी हालत खराब होने लगी, तब परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. जहां पर डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया, साथ ही उसे ब्लड की कमी बताकर ब्लड चढ़ाने की बात कही. जिसके बाद परिजनों ने खून की तलाश की. लेकिन बच्चे के परिजन ही एक्सचेंज में ब्लड देने को तैयार नहीं थे और किसी अन्य व्यक्ति ने भी खून नहीं दिया. वहीं अस्पताल प्रबंधन द्वारा इसके एवज में एक रसीद कटवाकर पैसे जमा करवा लिए गए.

परिजनों का आरोप है कि खून देने के लिए 1200 रूपये की रसीद कटवाई गई थी. लेकिन खून नहीं मिलने से उनके बच्चे की मौत हो गई. जबकि जिला अस्पताल में आज ही ब्लड डोनेट करने के लिए लोगों ने कैंप में हिस्सा लेकर ब्लड डोनेट किया है. वहीं बच्चे की मौत के बाद बिना पोस्ट मार्टम के ही बच्चे के शव को परिजनों के साथ भेज दिया गया. मामले के तूल पकड़ने के बाद अब अस्पताल प्रबंधन ब्लड बैंक के प्रभारी एवं जिम्मेदारों पर कार्यवाही की बात कह रहा है.

मामले पर अस्पताल के सिविल सर्जन ने कहा कि बच्चा एनीमिया से पीड़ित था. उसके शरीर में पॉइंट फाइव खून बचा था. जिसको इलाज दिए जाने के साथ ब्लड चढ़ाने की सलाह दी गई थी. इसके बाद भी उसे खून क्यों नहीं मिला, इसकी जांच की जाएगी. वहीं ब्लड के लिए पैसा मांगे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसको लेकर सबूत पेश किए जाएं तो कार्रवाई की जाएगी.

दमोह। जिला अस्पताल में प्रबंधन की लापरवाही के चलते खून की कमी से एक बच्चे की मौत हो गई,अब अस्पताल प्रबंधन मामले से कन्नी काट रहा है,परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में खून चढ़ाने के लिए गोरख धंधा चल रहा है. यहां पैसा लेने के बाद भी खून नहीं दिया गया. जिला अस्पताल में आज ही ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किया गया था, इसके बाद भी खून का अभाव हो जाने से बच्चे की मौत हो गई.

खून के अभाव में गई मासूम की जान

दरअसल पूरा मामला जिले के करैया गांव में रहने वाला आठ साल का पवन का है पवन पिछले कुछ दिनों से बीमार था. जब उसकी हालत खराब होने लगी, तब परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. जहां पर डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया, साथ ही उसे ब्लड की कमी बताकर ब्लड चढ़ाने की बात कही. जिसके बाद परिजनों ने खून की तलाश की. लेकिन बच्चे के परिजन ही एक्सचेंज में ब्लड देने को तैयार नहीं थे और किसी अन्य व्यक्ति ने भी खून नहीं दिया. वहीं अस्पताल प्रबंधन द्वारा इसके एवज में एक रसीद कटवाकर पैसे जमा करवा लिए गए.

परिजनों का आरोप है कि खून देने के लिए 1200 रूपये की रसीद कटवाई गई थी. लेकिन खून नहीं मिलने से उनके बच्चे की मौत हो गई. जबकि जिला अस्पताल में आज ही ब्लड डोनेट करने के लिए लोगों ने कैंप में हिस्सा लेकर ब्लड डोनेट किया है. वहीं बच्चे की मौत के बाद बिना पोस्ट मार्टम के ही बच्चे के शव को परिजनों के साथ भेज दिया गया. मामले के तूल पकड़ने के बाद अब अस्पताल प्रबंधन ब्लड बैंक के प्रभारी एवं जिम्मेदारों पर कार्यवाही की बात कह रहा है.

मामले पर अस्पताल के सिविल सर्जन ने कहा कि बच्चा एनीमिया से पीड़ित था. उसके शरीर में पॉइंट फाइव खून बचा था. जिसको इलाज दिए जाने के साथ ब्लड चढ़ाने की सलाह दी गई थी. इसके बाद भी उसे खून क्यों नहीं मिला, इसकी जांच की जाएगी. वहीं ब्लड के लिए पैसा मांगे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसको लेकर सबूत पेश किए जाएं तो कार्रवाई की जाएगी.

Intro:खून के अभाव में हो गई बच्चे की मौत अस्पताल प्रबंधन मामले से काट रहा कन्नी

परिजनों का आरोप खून चढ़ाने के लिए अस्पताल में चल रहा है गोरख धंधा पैसा लेने के बाद भी नहीं दिया गया खून

जिला अस्पताल में आज ही आयोजित किए गए ब्लड डोनेशन कैंप इसके बाद भी खून के अभाव में हो गई बच्चे की मौत


दमोह. जिला अस्पताल में खून का गोरखधंधा जा रही है. यह आरोप उस मृतक बच्चे के परिजनों का है, जिसकी मौत खून की कमी की वजह से हो गई. एक बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसको खून दिया जाना था. लेकिन उनके परिजनों में से कोई भी खून देने तैयार नहीं था. ऐसे हालात में पैसे जमा करने के बाद भी ब्लड नहीं दिया गया. जिससे उस बच्चे की मौत हो गई. जबकि जिला अस्पताल में आज ही ब्लड डोनेट करने के लिए लोगों ने कैंप में हिस्सा लेकर ब्लड डोनेट किया है. वहीं अब अस्पताल प्रबंधन मामले की लीपापोती में लग गया है.



Body:जिले के करैया गांव में रहने वाला पवन कुछ दिनों से बीमार था. जब उसकी हालत खराब होने लगी तो 8 साल के पवन के परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. जहां पर डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया, साथ ही उसे ब्लड की कमी बताकर ब्लड चढ़ाने की बात कही. जिसके बाद परिजनों ने खून की तलाश की. लेकिन ना तो उसके परिजन ही एक्सचेंज में ब्लड देने तैयार थे और ना ही किसी अन्य व्यक्ति ने खून देने में सहायता की. वहीं अस्पताल प्रबंधन द्वारा इसके एवज में एक रसीद कटवाकर पैसे जमा करवा लिए. परिजनों का आरोप है कि खून देने के लिए ₹5000 की मांग भी की गई. लेकिन खून नहीं मिलने से उसके बच्चे की मौत हो गई.

बाइट- मृतक पवन की मां

खून की कमी से पवन की मौत के मामले में अस्पताल में ही भर्ती अन्य मरीजों के परिजन भी कहते हैं कि इसके लिए पूरी तरह अस्पताल प्रबंधन जिम्मेदार है. क्योंकि खून नहीं दिए जाने के कारण पवन की मौत हुई है. जबकि इसके लिए अस्पताल में कुछ पैसे भी जमा कराए थे.

बाइट - अन्य मरीज के परिजन

इस मामले पर अस्पताल के सिविल सर्जन का कहना है कि बच्चा एनीमिया से पीड़ित था. उसके शरीर में पॉइंट फाइव खून बचा था. जिसको इलाज दिए जाने के साथ ब्लड चढ़ाने की सलाह दी गई थी. इसके बाद भी उस से खून क्यों नहीं मिला इसकी जांच की जाएगी. वही ब्लड के लिए पैसा मांगे जाने के सवाल पर उनका कहना था कि इसको लेकर सबूत पेश किए जाएं तो कार्रवाई की जाएगी.

बाइट - डॉक्टर ममता तिमोरी सिविल सर्जन

एक गरीब बच्चे को खून देने के लिए अस्पताल प्रबंधन के ब्लड बैंक प्रभारियों ने लापरवाही की साथ ही उसे समय पर खून उपलब्ध नहीं कराया तथा ब्लड एक्सचेंज की बात कह कर मृतक बच्चे के परिजनों को भटकाया जाता रहा. जबकि ब्लड बैंक में आज ही कुछ संस्थाओं द्वारा ब्लड डोनेशन कैंप के माध्यम से रक्त का दान किया गया है.

बाइट योगेश जाट ब्लड बैंक कर्मचारी


Conclusion:जिला अस्पताल में लाख सुविधाओं का दावा करने वाला प्रशासन एक गरीब बच्चे को खून नहीं दे सका. जिससे उसकी मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन उसे खून के लिए भटकता रहा, केबल दवाओं की बोतलें चढ़ाता रहा. लेकिन उसे खून नहीं दिया गया, जिस कारण से उसके बच्चे की मौत हो गई. इतना ही नहीं बच्चे की मौत के बाद बिना पीएम के ही बच्चे के शव को परिजनों के साथ भेज दिया गया. वहीं मामले के तूल पकड़ने के बाद अब अस्पताल प्रबंधन ब्लड बैंक के प्रभारी एवं जिम्मेदारों पर कार्यवाही की बात कह रहा है. जिला अस्पताल में चल रहा यह खेल कब खत्म होता है तथा मासूमों की जान से खेलने का सिलसिला कब बंद होता है. यह कोई नहीं जानता.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
Last Updated : Jul 17, 2019, 2:35 AM IST
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