दमोह। जिला अस्पताल में प्रबंधन की लापरवाही के चलते खून की कमी से एक बच्चे की मौत हो गई,अब अस्पताल प्रबंधन मामले से कन्नी काट रहा है,परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में खून चढ़ाने के लिए गोरख धंधा चल रहा है. यहां पैसा लेने के बाद भी खून नहीं दिया गया. जिला अस्पताल में आज ही ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किया गया था, इसके बाद भी खून का अभाव हो जाने से बच्चे की मौत हो गई.
दरअसल पूरा मामला जिले के करैया गांव में रहने वाला आठ साल का पवन का है पवन पिछले कुछ दिनों से बीमार था. जब उसकी हालत खराब होने लगी, तब परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. जहां पर डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया, साथ ही उसे ब्लड की कमी बताकर ब्लड चढ़ाने की बात कही. जिसके बाद परिजनों ने खून की तलाश की. लेकिन बच्चे के परिजन ही एक्सचेंज में ब्लड देने को तैयार नहीं थे और किसी अन्य व्यक्ति ने भी खून नहीं दिया. वहीं अस्पताल प्रबंधन द्वारा इसके एवज में एक रसीद कटवाकर पैसे जमा करवा लिए गए.
परिजनों का आरोप है कि खून देने के लिए 1200 रूपये की रसीद कटवाई गई थी. लेकिन खून नहीं मिलने से उनके बच्चे की मौत हो गई. जबकि जिला अस्पताल में आज ही ब्लड डोनेट करने के लिए लोगों ने कैंप में हिस्सा लेकर ब्लड डोनेट किया है. वहीं बच्चे की मौत के बाद बिना पोस्ट मार्टम के ही बच्चे के शव को परिजनों के साथ भेज दिया गया. मामले के तूल पकड़ने के बाद अब अस्पताल प्रबंधन ब्लड बैंक के प्रभारी एवं जिम्मेदारों पर कार्यवाही की बात कह रहा है.
मामले पर अस्पताल के सिविल सर्जन ने कहा कि बच्चा एनीमिया से पीड़ित था. उसके शरीर में पॉइंट फाइव खून बचा था. जिसको इलाज दिए जाने के साथ ब्लड चढ़ाने की सलाह दी गई थी. इसके बाद भी उसे खून क्यों नहीं मिला, इसकी जांच की जाएगी. वहीं ब्लड के लिए पैसा मांगे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसको लेकर सबूत पेश किए जाएं तो कार्रवाई की जाएगी.