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राशन के लिए दर-दर भटक रहे मजदूर, नहीं मिल रही दो वक्त की रोटी - bpl holder

लॉकडाउन के दौरान कुछ गरीब, जिनके पास राशनकार्ड नहीं हैं, उन्हें न तो राशन मिल पा रहा है और न ही भोजन. ऐसे में कुछ मजदूर खाद्य आपूर्ति कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने भोजन की व्यवस्था करवाए जाने की मांग की.

Workers wandering for ration in chhindwara
राशन के लिए दर-दर भटक रहे मजदूर
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Published : Apr 24, 2020, 9:59 AM IST

छिन्दवाड़ा। कोरोना वायरस से बचाव के लिए 24 मार्च से लॉकडाउन जारी है. ऐसे में मजदूरी करने वाले गरीब काफी परेशान हैं. हालांकि प्रशासन की तरफ से राशन और भोजन की व्यवस्था की जा रही है. लेकिन ऐसे कई गरीब हैं, जिन्हें भोजन नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते वे राशन की मांग को लेकर जिला खाद्य आपूर्ति कार्यालय पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही मजदूरों ने आरोप लगाया कि, ना तो उन्हें राशन दिया जा रहा है और न ही भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.

अधिकारियों का कहना है कि, जिले में लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए दीनदयाल रसोई में भोजन तैयार किया जाता है. जिसे नगर पालिका निगम और समाजसेवी संगठनों के सहयोग से लोगों तक पहुंचाया जाता है. बीपीएल कार्डधारियों को पहले ही 3 महीने का राशन दिया जा चुका है. साथ ही जिनके पास सफेद कार्ड है या जिनके पास कार्ड नहीं है और उन्हें जरूरत है, ऐसे लोगों के लिए भी राशन देने के आदेश दिए गए हैं. शासन ने ऐसे लोगों के लिए 2000 क्विंटल गेहूं की व्यवस्था की थी, लेकिन वह भी समाप्त हो गया है.

मजदूरों ने बताया कि, उनके पास राशन कार्ड भी नहीं है. ऐसी स्थिति में वे राशन कार्ड बनवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं. लेकिन राशन कार्ड नहीं बन पा रहा और ना ही राशन मिल पा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि, उनके पास अलग से राशन देने की कोई व्यवस्था नहीं है.

छिन्दवाड़ा। कोरोना वायरस से बचाव के लिए 24 मार्च से लॉकडाउन जारी है. ऐसे में मजदूरी करने वाले गरीब काफी परेशान हैं. हालांकि प्रशासन की तरफ से राशन और भोजन की व्यवस्था की जा रही है. लेकिन ऐसे कई गरीब हैं, जिन्हें भोजन नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते वे राशन की मांग को लेकर जिला खाद्य आपूर्ति कार्यालय पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही मजदूरों ने आरोप लगाया कि, ना तो उन्हें राशन दिया जा रहा है और न ही भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.

अधिकारियों का कहना है कि, जिले में लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए दीनदयाल रसोई में भोजन तैयार किया जाता है. जिसे नगर पालिका निगम और समाजसेवी संगठनों के सहयोग से लोगों तक पहुंचाया जाता है. बीपीएल कार्डधारियों को पहले ही 3 महीने का राशन दिया जा चुका है. साथ ही जिनके पास सफेद कार्ड है या जिनके पास कार्ड नहीं है और उन्हें जरूरत है, ऐसे लोगों के लिए भी राशन देने के आदेश दिए गए हैं. शासन ने ऐसे लोगों के लिए 2000 क्विंटल गेहूं की व्यवस्था की थी, लेकिन वह भी समाप्त हो गया है.

मजदूरों ने बताया कि, उनके पास राशन कार्ड भी नहीं है. ऐसी स्थिति में वे राशन कार्ड बनवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं. लेकिन राशन कार्ड नहीं बन पा रहा और ना ही राशन मिल पा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि, उनके पास अलग से राशन देने की कोई व्यवस्था नहीं है.

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