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WOMEN'S DAY SPECIAL : गरीबों और असहायों के लिए मसीहा बनीं शिक्षिका किरण सोनी - किरण सोनी

विश्व महिला दिवस पर हम आपको ऐसी प्ररेणादायक कहानियों से रू-ब-रू करा रहे हैं, जिन्होंने महिलाओं के लिए एक मिसाल पेश की है. ऐसी ही एक कहानी हम फिर लेकर आए हैं. शिक्षिका किरण सोनी समाजसेविका का काम कर रही हैं, जो शिक्षा देने के साथ-साथ कई गरीब लड़कियों के हाथ भी पीले कर चुकी हैं. पढ़िए और देखिए पूरी कहानी...

Teacher Kiran Soni became the messiah of the poor
गरीबों की मसीहा बनीं शिक्षिका किरण सोनी
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Published : Mar 2, 2020, 2:49 PM IST

छिंदवाड़ा। कभी उन बेसहारों को गले से लगाकर तो देखो, कभी उनकी उम्मीद की किरण बनकर तो देखो, खुदा की इबादत करनेवालों इन्हीं में खुदा बसता है, कभी उनकी चौखट पर जाकर तो देखो... इन लाइनों को चरितार्थ किया है छिंदवाड़ा की शिक्षिका किरण सोनी ने, जो आज उन बेसहारों के लिए एक सहारा हैं, गरीबों की उम्मीद हैं और महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल हैं.

गरीबों की मसीहा बनीं शिक्षिका किरण सोनी

सात लड़कियों का किया कन्यादान

किरण सोनी शासकीय स्कूल में शिक्षिका हैं, साथ ही समाजसेविका के रूप में भी काम करती हैं. किरण ने तालीम के साथ-साथ आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद की है. अब तक किरण सात लड़कियों की शादी करा चुकी हैं.

Teacher Kiran Soni became the messiah of the poor
गरीबों की मसीहा बनीं शिक्षिका किरण सोनी

माता-पिता से मिली प्रेरणा

किरण बताती हैं कि लोगों की मदद करने की सीख उन्हें अपने माता-पिता से मिली थी. बचपन में उन्होंने अपनी एक सहेली की मदद की थी. फ्रेंड की फ्रॉक खरीदने के लिए उन्होंने पैसे इकट्ठे किए थे, जिससे उन्हें बेहद खुशी हुई थी. इसके बाद वे समाजसेवा के काम से जुड़ गईं, हालांकि जल्दी शादी के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन शादी के 10 साल बाद जब वे शिक्षा विभाग से जुड़ीं तो उनके काम को गति मिली.

शिक्षा के साथ आर्थिक मदद

मदद पाने वाली रुपाली विश्वकर्मा बताती हैं कि मैडम किरण ने उसे न केवल पढ़ाया बल्कि उसकी शादी कराने में आर्थिक मदद भी की. वहीं मदद पाने वाली शीला यादव बताती हैं कि मैडम उनकी जिंदगी में एक मसीहा की तरह आईं, जिन्होंने न केवल उन्हें पढ़ाने में मदद की बल्कि उनके परिवार को आर्थिक मदद भी दी, साथ ही उनकी बहन की शादी भी कराई.

शासकीय हाई स्कूल शुकुलूठाना में पढ़ाने वाली किरण सोनी गरीब और असहायों की मसीहा बनकर उभरी हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ईटीवी भारत शिक्षिका किरण के जज़्बे को सलाम करता है.

छिंदवाड़ा। कभी उन बेसहारों को गले से लगाकर तो देखो, कभी उनकी उम्मीद की किरण बनकर तो देखो, खुदा की इबादत करनेवालों इन्हीं में खुदा बसता है, कभी उनकी चौखट पर जाकर तो देखो... इन लाइनों को चरितार्थ किया है छिंदवाड़ा की शिक्षिका किरण सोनी ने, जो आज उन बेसहारों के लिए एक सहारा हैं, गरीबों की उम्मीद हैं और महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल हैं.

गरीबों की मसीहा बनीं शिक्षिका किरण सोनी

सात लड़कियों का किया कन्यादान

किरण सोनी शासकीय स्कूल में शिक्षिका हैं, साथ ही समाजसेविका के रूप में भी काम करती हैं. किरण ने तालीम के साथ-साथ आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद की है. अब तक किरण सात लड़कियों की शादी करा चुकी हैं.

Teacher Kiran Soni became the messiah of the poor
गरीबों की मसीहा बनीं शिक्षिका किरण सोनी

माता-पिता से मिली प्रेरणा

किरण बताती हैं कि लोगों की मदद करने की सीख उन्हें अपने माता-पिता से मिली थी. बचपन में उन्होंने अपनी एक सहेली की मदद की थी. फ्रेंड की फ्रॉक खरीदने के लिए उन्होंने पैसे इकट्ठे किए थे, जिससे उन्हें बेहद खुशी हुई थी. इसके बाद वे समाजसेवा के काम से जुड़ गईं, हालांकि जल्दी शादी के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन शादी के 10 साल बाद जब वे शिक्षा विभाग से जुड़ीं तो उनके काम को गति मिली.

शिक्षा के साथ आर्थिक मदद

मदद पाने वाली रुपाली विश्वकर्मा बताती हैं कि मैडम किरण ने उसे न केवल पढ़ाया बल्कि उसकी शादी कराने में आर्थिक मदद भी की. वहीं मदद पाने वाली शीला यादव बताती हैं कि मैडम उनकी जिंदगी में एक मसीहा की तरह आईं, जिन्होंने न केवल उन्हें पढ़ाने में मदद की बल्कि उनके परिवार को आर्थिक मदद भी दी, साथ ही उनकी बहन की शादी भी कराई.

शासकीय हाई स्कूल शुकुलूठाना में पढ़ाने वाली किरण सोनी गरीब और असहायों की मसीहा बनकर उभरी हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ईटीवी भारत शिक्षिका किरण के जज़्बे को सलाम करता है.

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