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हरछठ पूजा: बच्चों की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने किया व्रत, विधिविधान से किया पूजन

छिंदवाड़ा में हरछठ (हलषष्ठी) का पर्व धूमधाम से मनाया गया, जिसमें महिलाओं ने पूजन किया और माताओं ने अपने बेटे की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए व्रत रखा गया.

halchhat pujan
हरछठ पूजन
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Published : Aug 9, 2020, 4:36 PM IST

छिंदवाड़ा। आज प्रदेशभर में हरछठ का पर्व धूमाम से मनाया गया, जिसमें महिलाओं ने पूजन किया और माताओं ने अपने बेटे की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए व्रत रखा गया. इस दौरान माताएं बिना भोजन, बिना पानी पिए दिन भर व्रत रहती हैं और शाम को पूजन करती हैं, माना जाता है निसंतान महिला यदि इस व्रत को रखकर मनोकामना की गांठ कुशा में बांधे तो उसे संतान की प्राप्ती होती है.

छिंदवाड़ा में हर घर में माताएं अपने बेटे की लंबी उम्र की कामना और सुख समृद्धि के लिए उपवास रखती हैं. इस व्रत में बिना पानी पिए, बिना कुछ खाए दिन भर उपवास रखा जाता है और महिलाएं हर छठ माता की पूजन करती है. इस पर्व में विशेष रुप से लाई, चुरुकू, डाबली, महुआ, पसीई के चावल, विशेष रूप से भैंस का दूध और घी का महत्व रहता है.

इस व्रत में महिलाएं से खेतों से उपजा अनाज का सेवन नहीं करती हैं. इस व्रत का पूजन महिलाएं एक जगह एकत्रित होकर करती हैं और छठ पूजन से जुड़ी कथाओं का पाठ किया जाता है. प्रसाद में लाई, चुरुकू, नारियल, भैंस का दूध लिया जाता है. इसी तरह छिंदवाड़ा में महिलाओं ने हर साल की तरह सभी रीति रिवाजों से हरछठ का पर्व धूमधाम से मनाया.

छिंदवाड़ा। आज प्रदेशभर में हरछठ का पर्व धूमाम से मनाया गया, जिसमें महिलाओं ने पूजन किया और माताओं ने अपने बेटे की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए व्रत रखा गया. इस दौरान माताएं बिना भोजन, बिना पानी पिए दिन भर व्रत रहती हैं और शाम को पूजन करती हैं, माना जाता है निसंतान महिला यदि इस व्रत को रखकर मनोकामना की गांठ कुशा में बांधे तो उसे संतान की प्राप्ती होती है.

छिंदवाड़ा में हर घर में माताएं अपने बेटे की लंबी उम्र की कामना और सुख समृद्धि के लिए उपवास रखती हैं. इस व्रत में बिना पानी पिए, बिना कुछ खाए दिन भर उपवास रखा जाता है और महिलाएं हर छठ माता की पूजन करती है. इस पर्व में विशेष रुप से लाई, चुरुकू, डाबली, महुआ, पसीई के चावल, विशेष रूप से भैंस का दूध और घी का महत्व रहता है.

इस व्रत में महिलाएं से खेतों से उपजा अनाज का सेवन नहीं करती हैं. इस व्रत का पूजन महिलाएं एक जगह एकत्रित होकर करती हैं और छठ पूजन से जुड़ी कथाओं का पाठ किया जाता है. प्रसाद में लाई, चुरुकू, नारियल, भैंस का दूध लिया जाता है. इसी तरह छिंदवाड़ा में महिलाओं ने हर साल की तरह सभी रीति रिवाजों से हरछठ का पर्व धूमधाम से मनाया.

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