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देखिए ! जनता के पैसों की बर्बादी, लाखों रुपये के पानी के मीटर हुए खराब - यूआइडीएसएसएमटी

छिंदवाड़ा जिले में जलापूर्ति व्यवस्था बनाने के लिए कई घरों में पानी के मीटर लगाए गए थे, लेकिन नगर निगम की लापरवाही के चलते मीटरों से पानी देने का काम शुरू नहीं हुआ. अब लगभग सभी घरों में मीटर खराब हो गए हैं.

Municipal council
नगर निगम
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Published : Jan 29, 2021, 10:34 PM IST

छिंदवाड़ा। नगर निगम क्षेत्र में जलापूर्ति व्यवस्था बनाने के लिए जनता के टैक्सों की कमाई से लाखों रुपए की लागत से पानी के मीटर लगाए गए थे, ताकि जितना पानी खर्च हों, उतना बिल वसूला जा सकें, लेकिन योजना पूरी नहीं हुई और मीटर भी खराब हो गए.

UIDSSMT योजना के तहत शहरी इलाकों में लगाए गए थे पानी के मीटर

करीब 3 साल पहले यूआइडीएसएसएमटी योजना के तहत जल आवर्धन का बजट पास हुआ था, जिसके चलते पानी के मीटर शहरी इलाकों के हर एक घर में लगाए गए थे, ताकि जितना पानी नागरिक खर्च करेगा, उतना बिल वसूला भी जायेगा. ठेकेदारों द्वारा मीटर लगा दिए गए, लेकिन नगर निगम की लापरवाही के चलते मीटरों से पानी देने का काम शुरू नहीं हुआ. अब हालात ऐसे हैं कि शहरी इलाकों में लगभग सभी घरों में मीटर खराब हो गए हैं.

पुराने मीटर शुरू नहीं हुए

जल विभाग के उपयंत्री विवेक चौहान ने बताया कि पहले यूआइडीएसएसएमटी योजना के तहत शहरी इलाकों में पानी के मीटर लगाए गए थे. अब केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत नगर निगम में शामिल किए गए 24 गांवों में पानी के मीटर लगाने का काम शुरू है, जो जल्द ही पूरा हो जाएगा, लेकिन अब तक पुराने मीटर चालू नहीं हुए हैं. उनका कहना है कि अधिकतर मीटर खराब इसलिए हो गए हैं, क्योंकि शहर में सीवरेज लाइन की खुदाई के चलते कनेक्शन काट दिए गए थे.

जनता के पैसों की बर्बादी
बिजली की तरह ही पानी की भी होगी रीडिंगजिस तरह से बिजली की खपत मीटर में दर्ज होती है, उसी तरह अब पानी के मीटर लगने के बाद रीडिंग के अनुसार नागरिकों को पानी का बिल भरना होगा. इसी योजना के तहत मीटर लगाए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर सिर्फ मीटर दिख रहे हैं, उनसे होने वाला काम कब चालू होंगे, यह कह पाना मुश्किल है.नगर निगम के 48 वार्ड में लगेंगे पानी के मीटरनगर निगम कमिश्नर हिमांशु सिंह का कहना है कि योजना के अंतर्गत सभी 48 वार्डों में पानी मीटर लगाने का काम चालू है. जल्दी काम पूरा होना के बाद सभी घरों में मीटर के जरिए पानी सप्लाई किए जायेंगे. फिर उसी हिसाब से बिल की वसूली की जायेगी.

जनता के टैक्स का पैसा, पानी में बहा रहा नगर निगम

लोगों का कहना है कि नगर निगम टैक्स वसूल कर उनकी मेहनत की कमाई पानी में बहा रहा है. फिर चाहे वह पानी के मीटर हों या दूसरी अन्य सुविधाएं. काम चालू तो नगर निगम करता है, लेकिन उसे अंजाम तक नहीं पहुंचाता. इसी का नतीजा है कि 3 सालों से पानी के मीटर लगे हुए हैं, जो अब तक चालू नहीं हुए.

छिंदवाड़ा। नगर निगम क्षेत्र में जलापूर्ति व्यवस्था बनाने के लिए जनता के टैक्सों की कमाई से लाखों रुपए की लागत से पानी के मीटर लगाए गए थे, ताकि जितना पानी खर्च हों, उतना बिल वसूला जा सकें, लेकिन योजना पूरी नहीं हुई और मीटर भी खराब हो गए.

UIDSSMT योजना के तहत शहरी इलाकों में लगाए गए थे पानी के मीटर

करीब 3 साल पहले यूआइडीएसएसएमटी योजना के तहत जल आवर्धन का बजट पास हुआ था, जिसके चलते पानी के मीटर शहरी इलाकों के हर एक घर में लगाए गए थे, ताकि जितना पानी नागरिक खर्च करेगा, उतना बिल वसूला भी जायेगा. ठेकेदारों द्वारा मीटर लगा दिए गए, लेकिन नगर निगम की लापरवाही के चलते मीटरों से पानी देने का काम शुरू नहीं हुआ. अब हालात ऐसे हैं कि शहरी इलाकों में लगभग सभी घरों में मीटर खराब हो गए हैं.

पुराने मीटर शुरू नहीं हुए

जल विभाग के उपयंत्री विवेक चौहान ने बताया कि पहले यूआइडीएसएसएमटी योजना के तहत शहरी इलाकों में पानी के मीटर लगाए गए थे. अब केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत नगर निगम में शामिल किए गए 24 गांवों में पानी के मीटर लगाने का काम शुरू है, जो जल्द ही पूरा हो जाएगा, लेकिन अब तक पुराने मीटर चालू नहीं हुए हैं. उनका कहना है कि अधिकतर मीटर खराब इसलिए हो गए हैं, क्योंकि शहर में सीवरेज लाइन की खुदाई के चलते कनेक्शन काट दिए गए थे.

जनता के पैसों की बर्बादी
बिजली की तरह ही पानी की भी होगी रीडिंगजिस तरह से बिजली की खपत मीटर में दर्ज होती है, उसी तरह अब पानी के मीटर लगने के बाद रीडिंग के अनुसार नागरिकों को पानी का बिल भरना होगा. इसी योजना के तहत मीटर लगाए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर सिर्फ मीटर दिख रहे हैं, उनसे होने वाला काम कब चालू होंगे, यह कह पाना मुश्किल है.नगर निगम के 48 वार्ड में लगेंगे पानी के मीटरनगर निगम कमिश्नर हिमांशु सिंह का कहना है कि योजना के अंतर्गत सभी 48 वार्डों में पानी मीटर लगाने का काम चालू है. जल्दी काम पूरा होना के बाद सभी घरों में मीटर के जरिए पानी सप्लाई किए जायेंगे. फिर उसी हिसाब से बिल की वसूली की जायेगी.

जनता के टैक्स का पैसा, पानी में बहा रहा नगर निगम

लोगों का कहना है कि नगर निगम टैक्स वसूल कर उनकी मेहनत की कमाई पानी में बहा रहा है. फिर चाहे वह पानी के मीटर हों या दूसरी अन्य सुविधाएं. काम चालू तो नगर निगम करता है, लेकिन उसे अंजाम तक नहीं पहुंचाता. इसी का नतीजा है कि 3 सालों से पानी के मीटर लगे हुए हैं, जो अब तक चालू नहीं हुए.

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