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कचरा प्रोसेसिंग प्लांट 15 जुलाई तक शहर के बाहर किया जाएगा शिफ्ट, कलेक्टर ने दिए निर्देश

छिंदवाड़ा शरह के बीचो बीच बने कचरा प्रोसेसिंग प्लांट को शिफ्ट करने के लिए कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने निर्देश दिए हैं. जिसके बाद नगर पालिका निगम ने 15 जुलाई तक कचरा प्रोसेसिंग यूनिट को जामुन झिरी कचरा घर के पास शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है.

Waste processing plant will shift
कचरा प्रोसेसिंग प्लांट होगा शिफ्ट
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Published : Jun 27, 2020, 10:38 AM IST

Updated : Jun 27, 2020, 2:07 PM IST

छिंदवाड़ा। शहर के बीचो बीच बने परासिया रोड वर्धमन की जमीन पर कचरा प्रोसेसिंग प्लांट लगाया गया है. जिसे अब कलेक्टर ने वहां से शिफ्ट करने के निर्देश जारी किए हैं. कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने शहर के बीच कचरा घर होने पर नाराजगी जताई थी. जिसके बाद अब नगर पालिका निगम 15 जुलाई तक कचरा प्रोसेसिंग यूनिट को जामुन झिरी कचरा घर के पास शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है. बता दें शहर के बीचो-बीच कचरा घर होने पर इसके पहले भी रहवासियों ने इसे यहां से शिफ्ट करने की मांग की थी.

कचरा प्रोसेसिंग प्लांट होगा शिफ्ट

प्रोसेसिंग प्लांट में होता था काम

नगर पालिका निगम द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छे अंक पाने के लिए परासिया रोड वर्णन की जमीन पर प्रोसेसिंग यूनिट लगाई थी. यहां पर एमआरएफ सेंटर तैयार किया गया था. जहां पर लोगों के घरों से कचरा गाड़ी द्वारा गीला और सूखा कचरा अलग-अलग कलेक्ट किया जाता था. उसके बाद यह कचरा यहां पर लाकर फेंक दिया जाता था. जिससे सूखा कचरा अलग कर दिया जाता था और गीला कचरा को खाद बनाने की प्रक्रिया में उपयोग किया जाता था. इसके लिए नगर निगम ने करोड़ों रूपए की मशीन भी लगाई थी, जो फिलहाल बंद पड़ी हुई है.

Compost was made from waste
कचरे से बनता था खाद

कंपोस्टिंग यूनिट के बुरे हाल

शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छे नंबर लाने के उद्देश्य से नगर पालिका निगम द्वारा कई उपाय किए गए. जिसमें गीले कचरे से खाद बनाने की विधि की शुरुआत की गई. जिसके लिए कंपोस्टिंग यूनिट लगाई गई. जिसमें हरी सब्जियां, खराब फल, हरी पत्तियां, गीले कचरे को कंपोस्टिंग यूनिट के द्वारा खाद में तब्दील किया जाता था.

municipal Corporation
नगर पालिका निगम

इस खाद को पार्कों में और लोग अपने घरों के बगीचों में डालने के लिए ले जाया करते थे. जिसके लिए नगर पालिका निगम द्वारा दो-तीन खाद बिक्री सेंटर भी खोले गए थे. अब खाद बनने वाली यूनिट में सिर्फ कचरा पड़ा हुआ है, जो अब खंडहर और खाली पड़े हुए हैं.

फिलहाल नगर पालिका निगम द्वारा पहले एक निजी कंपनी को साफ सफाई के लिए टेंडर किया गया था जो शहर से कचरा एकत्रित करते थे, जिसके बाद अचानक ही इन कंपनियों का टेंडर कैंसिल कर दिया गया. अनियमितताओं के चलते इन कंपनी में काम करने लगभग 400 लोग बेरोजगार हो गए थे.

छिंदवाड़ा। शहर के बीचो बीच बने परासिया रोड वर्धमन की जमीन पर कचरा प्रोसेसिंग प्लांट लगाया गया है. जिसे अब कलेक्टर ने वहां से शिफ्ट करने के निर्देश जारी किए हैं. कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने शहर के बीच कचरा घर होने पर नाराजगी जताई थी. जिसके बाद अब नगर पालिका निगम 15 जुलाई तक कचरा प्रोसेसिंग यूनिट को जामुन झिरी कचरा घर के पास शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है. बता दें शहर के बीचो-बीच कचरा घर होने पर इसके पहले भी रहवासियों ने इसे यहां से शिफ्ट करने की मांग की थी.

कचरा प्रोसेसिंग प्लांट होगा शिफ्ट

प्रोसेसिंग प्लांट में होता था काम

नगर पालिका निगम द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छे अंक पाने के लिए परासिया रोड वर्णन की जमीन पर प्रोसेसिंग यूनिट लगाई थी. यहां पर एमआरएफ सेंटर तैयार किया गया था. जहां पर लोगों के घरों से कचरा गाड़ी द्वारा गीला और सूखा कचरा अलग-अलग कलेक्ट किया जाता था. उसके बाद यह कचरा यहां पर लाकर फेंक दिया जाता था. जिससे सूखा कचरा अलग कर दिया जाता था और गीला कचरा को खाद बनाने की प्रक्रिया में उपयोग किया जाता था. इसके लिए नगर निगम ने करोड़ों रूपए की मशीन भी लगाई थी, जो फिलहाल बंद पड़ी हुई है.

Compost was made from waste
कचरे से बनता था खाद

कंपोस्टिंग यूनिट के बुरे हाल

शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छे नंबर लाने के उद्देश्य से नगर पालिका निगम द्वारा कई उपाय किए गए. जिसमें गीले कचरे से खाद बनाने की विधि की शुरुआत की गई. जिसके लिए कंपोस्टिंग यूनिट लगाई गई. जिसमें हरी सब्जियां, खराब फल, हरी पत्तियां, गीले कचरे को कंपोस्टिंग यूनिट के द्वारा खाद में तब्दील किया जाता था.

municipal Corporation
नगर पालिका निगम

इस खाद को पार्कों में और लोग अपने घरों के बगीचों में डालने के लिए ले जाया करते थे. जिसके लिए नगर पालिका निगम द्वारा दो-तीन खाद बिक्री सेंटर भी खोले गए थे. अब खाद बनने वाली यूनिट में सिर्फ कचरा पड़ा हुआ है, जो अब खंडहर और खाली पड़े हुए हैं.

फिलहाल नगर पालिका निगम द्वारा पहले एक निजी कंपनी को साफ सफाई के लिए टेंडर किया गया था जो शहर से कचरा एकत्रित करते थे, जिसके बाद अचानक ही इन कंपनियों का टेंडर कैंसिल कर दिया गया. अनियमितताओं के चलते इन कंपनी में काम करने लगभग 400 लोग बेरोजगार हो गए थे.

Last Updated : Jun 27, 2020, 2:07 PM IST
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