छिंदवाड़ा। शहर के बीचो बीच बने परासिया रोड वर्धमन की जमीन पर कचरा प्रोसेसिंग प्लांट लगाया गया है. जिसे अब कलेक्टर ने वहां से शिफ्ट करने के निर्देश जारी किए हैं. कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने शहर के बीच कचरा घर होने पर नाराजगी जताई थी. जिसके बाद अब नगर पालिका निगम 15 जुलाई तक कचरा प्रोसेसिंग यूनिट को जामुन झिरी कचरा घर के पास शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है. बता दें शहर के बीचो-बीच कचरा घर होने पर इसके पहले भी रहवासियों ने इसे यहां से शिफ्ट करने की मांग की थी.
प्रोसेसिंग प्लांट में होता था काम
नगर पालिका निगम द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छे अंक पाने के लिए परासिया रोड वर्णन की जमीन पर प्रोसेसिंग यूनिट लगाई थी. यहां पर एमआरएफ सेंटर तैयार किया गया था. जहां पर लोगों के घरों से कचरा गाड़ी द्वारा गीला और सूखा कचरा अलग-अलग कलेक्ट किया जाता था. उसके बाद यह कचरा यहां पर लाकर फेंक दिया जाता था. जिससे सूखा कचरा अलग कर दिया जाता था और गीला कचरा को खाद बनाने की प्रक्रिया में उपयोग किया जाता था. इसके लिए नगर निगम ने करोड़ों रूपए की मशीन भी लगाई थी, जो फिलहाल बंद पड़ी हुई है.
कंपोस्टिंग यूनिट के बुरे हाल
शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छे नंबर लाने के उद्देश्य से नगर पालिका निगम द्वारा कई उपाय किए गए. जिसमें गीले कचरे से खाद बनाने की विधि की शुरुआत की गई. जिसके लिए कंपोस्टिंग यूनिट लगाई गई. जिसमें हरी सब्जियां, खराब फल, हरी पत्तियां, गीले कचरे को कंपोस्टिंग यूनिट के द्वारा खाद में तब्दील किया जाता था.
इस खाद को पार्कों में और लोग अपने घरों के बगीचों में डालने के लिए ले जाया करते थे. जिसके लिए नगर पालिका निगम द्वारा दो-तीन खाद बिक्री सेंटर भी खोले गए थे. अब खाद बनने वाली यूनिट में सिर्फ कचरा पड़ा हुआ है, जो अब खंडहर और खाली पड़े हुए हैं.
फिलहाल नगर पालिका निगम द्वारा पहले एक निजी कंपनी को साफ सफाई के लिए टेंडर किया गया था जो शहर से कचरा एकत्रित करते थे, जिसके बाद अचानक ही इन कंपनियों का टेंडर कैंसिल कर दिया गया. अनियमितताओं के चलते इन कंपनी में काम करने लगभग 400 लोग बेरोजगार हो गए थे.