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इलाज के लिए भटकता मरीज, काम नहीं आ रहा 'आयुष्मान कार्ड' - इलाज के लिए भटकता मरीज

छिंदवाड़ा में इलाज के लिए एक युवक भटक रहा था लेकिन उसकी ना तो प्रशासन सुन रहा था और ना ही डॉक्टर. काफी परेशानी के बाद डिप्टी कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद युवक को फिर से इलाज के लिए भर्ती कर लिया है और उसका इलाज किया जा रहा है.

Patients wandering for treatment
इलाज के लिए भटकता मरीज
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Published : Feb 1, 2021, 9:03 PM IST

छिंदवाड़ा। एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के हर एक नागरिक को बेहतर इलाज का वादा कर चुके हैं. तो वही दूसरे ओर हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. छिंदवाड़ा जिले में मरीज इलाज के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं. छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में इलाज कराने आए युवक को बिना इलाज के ही डिस्चार्ज कर दिया. जिसके बाद युवक इलाज के लिए परेशान होता रहा. युवक के साथ आए एक शख्स ने कहा कि युवक को आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं मिल रहा है. जिला अस्पताल में पांच दिन भर्ती करने के बाद बिना इलाज के ही उसे जबरन डिस्चार्ज दिया. जिसके बाद मरीज के साथ परिजन इलाज के लिए कलेक्ट्रेट के मेन गेट पर बैठ गए. मामले की जानकारी लगते ही डिप्टी कलेक्टर ने हस्तक्षेप किया. उसके बाद युवक को फिर से भर्ती कर लिया है.

इलाज के लिए भटकता मरीज

छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा के भील खेड़ी गांव का रहने वाला हरिशचंद कोकोड़े लॉकडाउन के पहले दोस्त के साथ मोटरसाइकिल से किसी काम से जा रहा था. तभी उसका एक्सीडेंट हो गया जबकि उसके एक साथी की मौत हो गई. जिसके बाद घायल युवक को नागपुर के मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया गया. जहां मरीज हरिशचंद कोकोड़े को हाथ और पैर में रोड डाली गई. जिसके बाद लॉकडाउन में वहां अपने घर वापस आ गया. लॉकडाउन होने के कारण वह इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज नागपुर नहीं जा पाया. उसके बाद जब वहां मेडिकल कॉलेज गया तो डॉक्टर्स ने इलाज करने से मना कर दिया.

तभी से युवक इलाज के लिए दर दर भटक रहा था. मरीज के परिजनों ने बताया कि इसका इलाज आप नागपुर में कराइए यहां नहीं करेंगे. उसके बाद मरीज और परिजनों ने कलेक्ट्रेट आकर कलेक्ट्रेट के गेट के सामने बैठ गए. डिप्टी कलेक्टर के बोलने के बाद फिर एंबुलेंस आई और मरीज और परिजनों को भी डाल के जिला अस्पताल ले गई. वहीं मरीज के परिजनों ने कहा कि आयुष्मान कार्ड बनाया है, जिसका लाभ नहीं मिल रहा है.

छिंदवाड़ा। एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के हर एक नागरिक को बेहतर इलाज का वादा कर चुके हैं. तो वही दूसरे ओर हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. छिंदवाड़ा जिले में मरीज इलाज के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं. छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में इलाज कराने आए युवक को बिना इलाज के ही डिस्चार्ज कर दिया. जिसके बाद युवक इलाज के लिए परेशान होता रहा. युवक के साथ आए एक शख्स ने कहा कि युवक को आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं मिल रहा है. जिला अस्पताल में पांच दिन भर्ती करने के बाद बिना इलाज के ही उसे जबरन डिस्चार्ज दिया. जिसके बाद मरीज के साथ परिजन इलाज के लिए कलेक्ट्रेट के मेन गेट पर बैठ गए. मामले की जानकारी लगते ही डिप्टी कलेक्टर ने हस्तक्षेप किया. उसके बाद युवक को फिर से भर्ती कर लिया है.

इलाज के लिए भटकता मरीज

छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा के भील खेड़ी गांव का रहने वाला हरिशचंद कोकोड़े लॉकडाउन के पहले दोस्त के साथ मोटरसाइकिल से किसी काम से जा रहा था. तभी उसका एक्सीडेंट हो गया जबकि उसके एक साथी की मौत हो गई. जिसके बाद घायल युवक को नागपुर के मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया गया. जहां मरीज हरिशचंद कोकोड़े को हाथ और पैर में रोड डाली गई. जिसके बाद लॉकडाउन में वहां अपने घर वापस आ गया. लॉकडाउन होने के कारण वह इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज नागपुर नहीं जा पाया. उसके बाद जब वहां मेडिकल कॉलेज गया तो डॉक्टर्स ने इलाज करने से मना कर दिया.

तभी से युवक इलाज के लिए दर दर भटक रहा था. मरीज के परिजनों ने बताया कि इसका इलाज आप नागपुर में कराइए यहां नहीं करेंगे. उसके बाद मरीज और परिजनों ने कलेक्ट्रेट आकर कलेक्ट्रेट के गेट के सामने बैठ गए. डिप्टी कलेक्टर के बोलने के बाद फिर एंबुलेंस आई और मरीज और परिजनों को भी डाल के जिला अस्पताल ले गई. वहीं मरीज के परिजनों ने कहा कि आयुष्मान कार्ड बनाया है, जिसका लाभ नहीं मिल रहा है.

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