भोपाल/छिंदवाड़ा। प्रदेश से एवरेस्ट फतेह करने वाली मध्यप्रदेश की बेटी मेघा परमार ने अब रूस के माउंट एलब्रुस को भी फतेह कर लिया है. जिसके साथ ही वह ऐसा करने वाली प्रदेश की पहली बेटी बन गई हैं. वहीं छिंदवाड़ा जिले की बेटी भावना डेहरिया ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फहत कर लिया है. जिसका श्रेय उन्होंने सीएम कमलनाथ को दिया.
प्रदेश की दो बेटियों ने प्रदेश के साथ- साथ पूरे देश का नाम रोशन किया. भोपाल की रहने वाली मेघा परमार ने रूस के माउंट एलब्रुस को भी फतह कर लिया. जिसके बाद मेघा को प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का ब्रांड अम्बेसडर बनाया है.
ग्राम भोज नगर के एक किसान की बेटी मेघा परमार ने अभी हाल ही में 22 मई 2019 को विश्व के सबसे ऊचे पर्वत माउंट एवरेस्ट का आरोहण किया था. ऐसा करने वाली वह प्रदेश की पहली बेटी है. प्रदेश मंत्री मंडल ने मेघा का सम्मान 3 जून 2019 को किया गया था.
वहीं छिंदवाड़ा जिले के तामिया में रहने वाली एक साधारण परिवार की बेटी भावना डेहरिया ने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर भारत का तिरंगा फहराया. पर्वतारोही भावना डेहरिया ने बताया कि वह फिजिकल रूप से एवरेस्ट की चोटी को जाने के लिए पूरी तरह से तैयार थी लेकिन साधारण से परिवार की बेटी होने के चलते उसके सामने आर्थिक संकट था. जिसके लिए वह पिछले तीन सालों से नेताओं और अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रही थीं. उनकी इस इच्छा को सीएम कमलनाथ के द्वारा कुछ ही समय में पूरा करा दिया गया.
उन्होंने महज 27 साल की उम्र में 22 मई 2019 को माउंट एवरेस्ट की फतह किया. भावना अब प्रदेश की अन्य बेटियों को पर्वतारोही बनने के लिए प्रशिक्षित करना चाहती है. उनका कहना है कि यदि उन्हें कमलनाथ जी से मदद नहीं मिलती तो उनका सपना कभी पूरा नहीं हो पाता.