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मध्यप्रदेश की बेटियों ने किया देश का नाम रोशन, एक ने माउंट एलब्रुस तो दूसरी ने माउंट एवरेस्ट को किया फतह - छिंदवाड़ा की बेटी ने माउंट एवरेस्ट फतेह की

प्रदेश की दो बेटियों ने प्रदेश के साथ- साथ पूरे देश का नाम रोशन किया. छिंदवाड़ा की बेटी भावना डेहरिया ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फहत कर लिया है तो वहीं भोपाल की मेघा परमार ने अब रूस के माउंट एलब्रुस को भी फतेह किया.

मध्यप्रदेश की बेटियों ने किया देश का नाम रोशन
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Published : Aug 10, 2019, 11:55 PM IST

भोपाल/छिंदवाड़ा। प्रदेश से एवरेस्ट फतेह करने वाली मध्यप्रदेश की बेटी मेघा परमार ने अब रूस के माउंट एलब्रुस को भी फतेह कर लिया है. जिसके साथ ही वह ऐसा करने वाली प्रदेश की पहली बेटी बन गई हैं. वहीं छिंदवाड़ा जिले की बेटी भावना डेहरिया ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फहत कर लिया है. जिसका श्रेय उन्होंने सीएम कमलनाथ को दिया.

मध्यप्रदेश की बेटियों ने किया देश का नाम रोशन

प्रदेश की दो बेटियों ने प्रदेश के साथ- साथ पूरे देश का नाम रोशन किया. भोपाल की रहने वाली मेघा परमार ने रूस के माउंट एलब्रुस को भी फतह कर लिया. जिसके बाद मेघा को प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का ब्रांड अम्बेसडर बनाया है.
ग्राम भोज नगर के एक किसान की बेटी मेघा परमार ने अभी हाल ही में 22 मई 2019 को विश्व के सबसे ऊचे पर्वत माउंट एवरेस्ट का आरोहण किया था. ऐसा करने वाली वह प्रदेश की पहली बेटी है. प्रदेश मंत्री मंडल ने मेघा का सम्मान 3 जून 2019 को किया गया था.

वहीं छिंदवाड़ा जिले के तामिया में रहने वाली एक साधारण परिवार की बेटी भावना डेहरिया ने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर भारत का तिरंगा फहराया. पर्वतारोही भावना डेहरिया ने बताया कि वह फिजिकल रूप से एवरेस्ट की चोटी को जाने के लिए पूरी तरह से तैयार थी लेकिन साधारण से परिवार की बेटी होने के चलते उसके सामने आर्थिक संकट था. जिसके लिए वह पिछले तीन सालों से नेताओं और अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रही थीं. उनकी इस इच्छा को सीएम कमलनाथ के द्वारा कुछ ही समय में पूरा करा दिया गया.
उन्होंने महज 27 साल की उम्र में 22 मई 2019 को माउंट एवरेस्ट की फतह किया. भावना अब प्रदेश की अन्य बेटियों को पर्वतारोही बनने के लिए प्रशिक्षित करना चाहती है. उनका कहना है कि यदि उन्हें कमलनाथ जी से मदद नहीं मिलती तो उनका सपना कभी पूरा नहीं हो पाता.

भोपाल/छिंदवाड़ा। प्रदेश से एवरेस्ट फतेह करने वाली मध्यप्रदेश की बेटी मेघा परमार ने अब रूस के माउंट एलब्रुस को भी फतेह कर लिया है. जिसके साथ ही वह ऐसा करने वाली प्रदेश की पहली बेटी बन गई हैं. वहीं छिंदवाड़ा जिले की बेटी भावना डेहरिया ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फहत कर लिया है. जिसका श्रेय उन्होंने सीएम कमलनाथ को दिया.

मध्यप्रदेश की बेटियों ने किया देश का नाम रोशन

प्रदेश की दो बेटियों ने प्रदेश के साथ- साथ पूरे देश का नाम रोशन किया. भोपाल की रहने वाली मेघा परमार ने रूस के माउंट एलब्रुस को भी फतह कर लिया. जिसके बाद मेघा को प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का ब्रांड अम्बेसडर बनाया है.
ग्राम भोज नगर के एक किसान की बेटी मेघा परमार ने अभी हाल ही में 22 मई 2019 को विश्व के सबसे ऊचे पर्वत माउंट एवरेस्ट का आरोहण किया था. ऐसा करने वाली वह प्रदेश की पहली बेटी है. प्रदेश मंत्री मंडल ने मेघा का सम्मान 3 जून 2019 को किया गया था.

वहीं छिंदवाड़ा जिले के तामिया में रहने वाली एक साधारण परिवार की बेटी भावना डेहरिया ने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर भारत का तिरंगा फहराया. पर्वतारोही भावना डेहरिया ने बताया कि वह फिजिकल रूप से एवरेस्ट की चोटी को जाने के लिए पूरी तरह से तैयार थी लेकिन साधारण से परिवार की बेटी होने के चलते उसके सामने आर्थिक संकट था. जिसके लिए वह पिछले तीन सालों से नेताओं और अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रही थीं. उनकी इस इच्छा को सीएम कमलनाथ के द्वारा कुछ ही समय में पूरा करा दिया गया.
उन्होंने महज 27 साल की उम्र में 22 मई 2019 को माउंट एवरेस्ट की फतह किया. भावना अब प्रदेश की अन्य बेटियों को पर्वतारोही बनने के लिए प्रशिक्षित करना चाहती है. उनका कहना है कि यदि उन्हें कमलनाथ जी से मदद नहीं मिलती तो उनका सपना कभी पूरा नहीं हो पाता.

Intro:भोपाल- मध्यप्रदेश से एवरेस्ट फतेह करने वाली पहली बेटी मेघा परमार ने अब रूस के माउंट एलब्रुस को भी फतेह कर लिया है जिसके साथ ही वह ऐसा करने वाली प्रदेश की पहली बेटी बन गई है। मेघा को प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढाओं' का ब्रांड अम्बेसडर बनाया है,इसी कड़ी में मेघा ने राष्ट्रीय ध्वज के साथ ट्रस्ट मी का सन्देश दिया।
Body:मेघा ने अपना एक्सपीडिशन 5.8.19 को प्रारम्भ किया व फायनल समिट के लिए। 8.8.19 को रात 1.00 बजे निकलकर सुबह 10.14 पर चोटी पहुँचकर समिट किया मेघा की टीम मे अरूण ,आशा ,महिपाल ,सतीष और शेखर थे जिसमें आशा को स्वास्थ्य ख़राब होने से समिट नही हो सका ।
माउंट एल्ब्रस तकनीकी पर्वत निष्क्रिय ज्वालामुखी है जो पश्चिमी काकेशस पर्वत श्रृंखला में स्थित है, जो कबरदीनो-बलकारिया और करचाय-चर्केसिया, रूस में जॉर्जियाई सीमा के पास है।18,510 फीट (5,642 मीटर) की ऊँचाई के साथ, यह काकेशस रेंज का हिस्सा है जो एशिया और यूरोप मे फैला है ।यह इसे यूरोप का सबसे ऊँचा पर्वत और सात शिखर में से एक बनाता है, प्रत्येक महाद्वीप के सबसे ऊँचे पर्वत और कुलीन पर्वतारोही इन सभी को शिखर देने की आकांक्षा रखते हैं।
माउंट एल्ब्रस की प्रमुखता - पास की चोटियों से पहाड़ कितना अलग है, इसका माप - 15,554 फीट (4,741 मीटर) है, जो इसे दुनिया का 10 वां सबसे प्रमुख पर्वत बनाता है। पूर्वी शिखर 18,442 फीट (5,621 मीटर) से थोड़ा कम है।
Conclusion:बता दें कि ग्राम भोज नगर के किसान दामोदर परमार और मंजु परमार की बेटी मेघा परमार ने अभी हाल ही में 22 मई 2019 को विश्व के सबसे ऊँचे पर्वत माँउट एवरेस्ट का आरोहण किया है , ऐसा करने वाली वह प्रदेश की पहली बेटी है । मध्य प्रदेश मंत्री मंडल ने मेघा का सम्मान 3 जून 2019 को किया गया था ।
मेघा ने समिट के बाद प्रदेश के मुख्य मंत्री माननीय कमलनाथ , खेल मंत्री जीतू पटवारी और मुख्य सचिव एस. आर. मोहंती को प्रदेश में साहसिक खेलो को प्रमोशन देने के लिए आभार प्रकट किया ।
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