छिंदवाड़ा। कहते है कि मन में जज्बा हो और कुछ करने का इरादा हो तो, कोई भी काम करना आसान हो जाता है. जी हां कुछ ऐसा ही जज्बा और इरादा जिले के पांढुर्णा के मरकावाडा सरकारी प्राथमिक स्कूल के छात्र और शिक्षकों में दिखाई दिया है. छात्र और शिक्षकों ने स्कूल के पीछे की खाली पड़ी जमीन पर एक बागान बनाया है, जहां 11 सब्जियां उगाई जाती हैं और उन सब्जियों को स्कूल के छात्रों को दी जाती हैं. जो अपने घर ले जाकर सब्जी बनाकर अपना पेट भरते हैं.
- शिक्षकों और छात्रों ने लगाई सब्जियां
इस बागान की देखरेख करने में स्कूल के छात्रों का सबसे ज्यादा योगदान है. छात्र बताते हैं कि उनकी मोहल्ला क्लास खत्म होने के बाद छात्र बागान में लगे पेड़ों को पानी की सिंचाई कर साफ सफाई करते हैं. आज भी यह सभी पौधे हरे भरे हैं. इस बागान में उपयोग में आने वाली कबाड़ की चीजों का उपयोग कर उसमें पौधा लगाया गया है, जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मरकावाड़ा की इस सरकारी प्राथमिक स्कूल में महज 31 छात्र हैं, जिनकी पढ़ाई की जिम्मेदारी एक शिक्षक और एक शिक्षिका के भरोसे चल रही है.
- बागान में 11 सब्जियों की होती हैं पैदावार
स्कूल की शिक्षिका हेमलता बताती हैं कि इस बागान में टमाटर, बैंगन, आलू, लौकी, लहसुन, फूल गोबी, हरी मिर्ची, प्याज, पालक और मेथी सहित अन्य सब्जियां उगाई जाती है. बागान से निकलने वाली हरी सब्जियों को छात्रों को दी जाती हैं, जिसे वे अपने घर ले जाते है.
- कई तरह की उगाई जा रही सब्जियां
स्कूल के शिक्षक दशरथ पठाड़े बताते है कि जिस जमीन पर सब्जियों उगाई जा रही हैं, उस जमीन पर कई साल पहले मोहल्ले के लोग शौच करते थे. स्कूल के आसपास गंदगी रहने से शिक्षकों ने इस जगह पर बागान लगाने का सोचा. जिसके बाद जुलाई 2020 में वहां शिक्षा विभाग से 5 हजार रुपये की सहायता राशि से गार्डन बनाया गया. हालांकि इस मुहिम में ग्रामीणों ने भी सहयोग कर श्रमदान किया है.
- ग्राम पंचायत के ट्यूबवेल से मिलता है 24 घंटे पानी
सब्जियों के इस गार्डन को जिंदा रखने में ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों का विशेष सहयोग रहा है. दरअसल जिस जगह पर गार्डन बना है, उसी जगह पर ग्राम पंचायत द्वारा ट्यूबवेल लगाया गया. ट्यूबवेल का पानी 24 घंटे सब्जियों को मिल रहा है.