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षष्ठी मां के दर्शन मात्र से ही दूर होते हैं भक्तों के कष्ट

छिंदवाड़ा के कपुर्दा गांव में विराजमान माता षष्ठी का सिद्धपीठ धाम है, जहां भक्त अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं और मां के दर्शन से ही भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं.

षष्ठी मां के दर्शन मात्र से ही दूर होते हैं भक्तो के कष्ट
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Published : Sep 29, 2019, 9:30 AM IST

Updated : Sep 29, 2019, 10:10 AM IST

छिंदवाड़ा। आपके घर में पड़े पुराने और गंदे कपड़ों को बेकार समझने की भूल मत करिएगा, क्योंकि ये पुराने कपड़े आपको मां षष्ठी का वरदान दिला सकते हैं , अगर आपके बच्चे को किसी की बुरी नजर लग गई है या फिर डर सता रहा है, तो कपुर्दा गांव में विराजमान माता षष्ठी भक्तों की हर समस्या का समाधान करती हैं.

छिंदवाड़ा के चौरई के पास कपुर्दा गांव में विराजमान माता षष्ठी का सिद्धपीठ धाम है, जहां लोग अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं और मां के दर्शन से ही भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं. षष्ठी मां को देवी कात्यायनी का रुप माना जाता है, जिनकी पूजा नवरात्रि में छठवें दिन की जाती है. इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां लोग अपने बच्चों को बुरी नजर से बचाने और सूनी गोद को भरने की मन्नत मांगने के लिए आते हैं जो दर्शन मात्र से पूरी होती है.

षष्ठी मां के दर्शन मात्र से ही दूर होते हैं भक्तों के कष्ट

पुराने कपड़े चढ़ाए जाते हैं

मान्यता है कि अगर बच्चे को बुरी नजर लग गई है या फिर कोई बला सता रही हो तो बच्चे के पुराने कपड़े लाकर यहां पर चढ़ाते हैं, और फिर बच्चे के ऊपर पानी उतारा जाता है जिसके बाद बुरी नजर और बुरी शक्तियां दूर हो जाती हैं

कुएं से प्रकट हुई थी मां षष्ठी

कपुर्दा गांव में मां षष्ठी की प्रतिमा एक किसान को अपने खेत में कुएं खुदाई के दौरान मिली थी और उसके बाद फिर उनकी स्थापना की गई.आज भी उस कुएं के पानी को पीते ही लोगों की मुरादें पूरी होती हैं. वहीं अब ये धाम देशभर में ख्याति पा चुका है, दूर दूर से लोग यहां दर्शन करने के लिए आते हैं.

मन्नत पूरी होने पर चढ़ता है गुढ़ का प्रसाद

सूनी गोद भरना हो या फिर बच्चे की नजर दूर करना हो या फिर कोई भी इच्छापूर्ति के लिए भक्त यहां अर्जी लगाते हैं. जब मां उनकी मुरादें पूरी कर देती है तो भक्त यहां पर बच्चे या फिर जिसके नाम पर मन्नत की मांगी गई है उनके वजन के हिसाब से गुढ़ का प्रसाद चढ़ाते हैं, जिसे फिर मंदिर में मौजूद भक्तों में बांटा जाता है.

छिंदवाड़ा। आपके घर में पड़े पुराने और गंदे कपड़ों को बेकार समझने की भूल मत करिएगा, क्योंकि ये पुराने कपड़े आपको मां षष्ठी का वरदान दिला सकते हैं , अगर आपके बच्चे को किसी की बुरी नजर लग गई है या फिर डर सता रहा है, तो कपुर्दा गांव में विराजमान माता षष्ठी भक्तों की हर समस्या का समाधान करती हैं.

छिंदवाड़ा के चौरई के पास कपुर्दा गांव में विराजमान माता षष्ठी का सिद्धपीठ धाम है, जहां लोग अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं और मां के दर्शन से ही भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं. षष्ठी मां को देवी कात्यायनी का रुप माना जाता है, जिनकी पूजा नवरात्रि में छठवें दिन की जाती है. इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां लोग अपने बच्चों को बुरी नजर से बचाने और सूनी गोद को भरने की मन्नत मांगने के लिए आते हैं जो दर्शन मात्र से पूरी होती है.

षष्ठी मां के दर्शन मात्र से ही दूर होते हैं भक्तों के कष्ट

पुराने कपड़े चढ़ाए जाते हैं

मान्यता है कि अगर बच्चे को बुरी नजर लग गई है या फिर कोई बला सता रही हो तो बच्चे के पुराने कपड़े लाकर यहां पर चढ़ाते हैं, और फिर बच्चे के ऊपर पानी उतारा जाता है जिसके बाद बुरी नजर और बुरी शक्तियां दूर हो जाती हैं

कुएं से प्रकट हुई थी मां षष्ठी

कपुर्दा गांव में मां षष्ठी की प्रतिमा एक किसान को अपने खेत में कुएं खुदाई के दौरान मिली थी और उसके बाद फिर उनकी स्थापना की गई.आज भी उस कुएं के पानी को पीते ही लोगों की मुरादें पूरी होती हैं. वहीं अब ये धाम देशभर में ख्याति पा चुका है, दूर दूर से लोग यहां दर्शन करने के लिए आते हैं.

मन्नत पूरी होने पर चढ़ता है गुढ़ का प्रसाद

सूनी गोद भरना हो या फिर बच्चे की नजर दूर करना हो या फिर कोई भी इच्छापूर्ति के लिए भक्त यहां अर्जी लगाते हैं. जब मां उनकी मुरादें पूरी कर देती है तो भक्त यहां पर बच्चे या फिर जिसके नाम पर मन्नत की मांगी गई है उनके वजन के हिसाब से गुढ़ का प्रसाद चढ़ाते हैं, जिसे फिर मंदिर में मौजूद भक्तों में बांटा जाता है.

Intro:छिंदवाड़ा। आपके घर में पड़े पुराने और मेले कुचैले कपड़ो को बेकार समझने की भूल मत करिएगा क्योंकि ये पुराने कपड़े आपको दिला सकतें माँ षष्ठी का वरदान, अगर आपके बच्चे को लग गई है किसी की बुरी नजर या फिर सता रहा है कोई डर तो छिंदवाड़ा के कपुर्दा की षष्ठी माँ करती है भक्तों की हर समस्या का समाधान।

Body:छिंदवाड़ा के चौरई के पास कपुर्दा गांव में विराजमान है माता षष्ठी का सिद्धपीठ धाम जहां पर लोग अपनी समस्याओं को लेकर जाते हैं जो मां के दर्शन मात्र से दूर हो जाती है..षष्ठी मां देवी कात्यायनी का रुप माना जाता है जिनकी पूजा छटवें नवरात्रि में छटवें दिन की जाती है..इस मंदिर की खासियत है कि यहां पर लोग अपने बच्चों को बुरी नजर से बचाने या फिर सूनी गोद को भरने की मन्नत मांगते हैं जो दर्शन मात्र से पूरी होती है।

चढ़ते हैं पुराने कपड़े

मान्यता है कि अगर बच्चे को बुरी नजर लग गई हो या फिर कोई बला सता रही है तो बच्चे पुराने कपड़े लाकर यहां पर चढ़ाते हैं और फिर बच्चे के ऊपर पानी उतारा जाता है जिसके बाद बुरी नजर और बुरी शक्तियां दूर हो जाती हैं इसलिए यहां पर लोग पुराने कपड़ों का चढ़ावा चढ़ाते हैं।

कुएं से प्रकट हुई थी माँ षष्ठी

कपुर्दा गांव में माँ षष्ठी की प्रतिमा एक किसान को अपने खेत में कुएं खुदाई के दौरान मिली थी और उसके बाद फिर उनकी स्थापना की गई..आज भी उस कुएं के पानी को पीने लोंगो की मुरादें पूरी होती है..धीरे धीरे ये धाम अब देशभर में ख्याती पा चुका है जिसमें दूर दूर से लोग दर्शन के लिए यहां आते हैं।

Conclusion:मन्नत पूरी होने पर चढ़ता है गुढ़ का प्रसाद

सूनी गोद भरना हो या फिर बच्चे की नजर दूर करना हो या फिर कोई भी इच्छापूर्ती के लिए भक्त यहां अर्जी लगाते हैं जब मां उनकी मुरादें पूरी कर देती है तो भक्त यहां पर बच्चे या फिर जिसके नाम पर मन्नत की जाती है उनके वजन के हिसाब से गुढ़ का प्रसाद चढ़ाते हैं जिसे मंदिर में मौजूद भक्तों में बांटा जाता है ।
Last Updated : Sep 29, 2019, 10:10 AM IST
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