छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान लॉकडाउन के चलते बसों के पहिए थम गए थे. वहीं बस स्टैंड पर लगी दुकानें जो बस में आने वाले यात्रियों के भरोसे चलती थी, वहां पर ताला लटका हुआ है. तो कहीं बिजली का बिल निकालना भी मुश्किल हो रहा है.
छिंदवाड़ा में जनता कर्फ्यू लगने के बाद से बसों के पहिए लगभग थमे हुए हैं. हालांकि सरकार द्वारा बस मालिकों का 5 महीने का टैक्स भी माफ कर दिया गया है, लेकिन उसके बावजूद भी बस संचालकों का कहना है कि सरकार द्वारा दिसंबर माह तक का टैक्स माफ किया जाए. साथ ही उनकी और अन्य मांगे भी हैं. जब तक शासन उनकी मांगे नहीं मानेगी तब तक वह बस संचालित नहीं करेंगे.
बस स्टैंड मानसरोवर कॉम्पलेक्स पर चलने वाली दुकानों की हालत काफी खराब है. कुछ दुकानदारों ने तो अपनी दुकानों के शटर में ताला लगा दिया, कुछ दुकानें खुल रही हैं तो वहां भी सिर्फ इक्का-दुक्का ग्राहक आते हैं.
दुकानदारों की मानें तो उनका कहना है कि कारीगर और बिजली का बिल ही निकालना मुश्किल हो जाता है. वह अब इस इंतजार में हैं कि कब दोबारा बसें चालू होगी और उनका व्यापार चल पड़ेगा. हालांकि अभी कोई आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं कि बस संचालित हो सके.
बस मालिकों ने अपनी मांगों को लेकर शासन को ज्ञापन सौंपा था. जिसमें उन्होंने इस बस संचालन करने की बात से साफ इनकार कर दिया, साथ ही कहा कि बिना शर्तों के बसों का संचालन नहीं करेंगे.