छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश की पर्वतारोही मेघा परमार ने जब दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भारत का झंडा बुलंद किया तो पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा उठ गया. मंगलवार को महिला खिलाड़ी मेघा परमार ने छिंदवाड़ा जिले के परासिया में कांग्रेस की 'नारी सम्मान योजना' की लांचिंग के दौरान पूर्व सीएम कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की. मेघा परमार शिवराज सरकार से बहुत नाराज हैं. उन्होंने सरकार के कामकाज पर सवालिया निशान लगाए.
शिवराज सरकार की योजनाएं केवल कागजों में : मेघा परमार ने कहा कि उन्हें मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया. इसके चलते उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों का दौरा किया लेकिन उन्होंने देखा कि कागजों में और मीडिया में योजनाओं का बड़ा बखान किया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत में आज भी महिलाएं अपना हक पाने के लिए तरस रही हैं. उनका आधा जीवन तो सिर्फ पानी भरने में बीत जाता है. उन्हें लगा कि खिलाड़ी होने के साथ-साथ अपनी बिरादरी और महिलाओं के लिए कुछ करना चाहिए, इसलिए राजनीति में कदम रखा.
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मौका मिला तो चुनाव भी लड़ूंगी : मेघा परमार ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह वर्तमान में भाजपा सरकार में भी ब्रांड अम्बेसडर हैं. उन्होंने बहुत नजदीक से सरकार के कामकाज को देखा है. जब उन्हें माउंट एवरेस्ट फतह करने के लिए सरकार से आर्थिक मदद की जरूरत थी तो बल्लभ भवन के चक्कर काटते-काटते उनके जूते घिस गए. लेकिन 2019 में कमलनाथ की सरकार आई और वे एक पहली बार ही उनसे मिली. उन्होंने सरकार की तरफ से आर्थिक मदद की और कहा कि मेघा परमार नहीं बल्कि मध्य प्रदेश की नारी शक्ति विश्व की सबसे ऊंची चोटी फतह करने जा रही है. उन्होंने उनके साथ तीन और महिलाओं की मदद की थी. मेघा परमार ने कहा कि कांग्रेस व कमलनाथ के साथ जुड़कर वह लोगों की समस्याएं हल करेंगी. अगर पार्टी ने चाहा और उन्हें मौका मिला तो चुनाव भी लड़ेंगी.