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बागेश्वर धाम पर बंटे शंकराचार्य! एक ने किया समर्थन दूसरे ने दी 'चमत्कार' को चुनौती

Bageshwar Dham Sarkar: शंकराचार्य बनने के बाद पहली बार छिंदवाड़ा पहुंचे स्वामी सदानंद सरस्वती ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का समर्थन किया तो वहीं ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने चमत्कार को चुनौती दे दी है.

Bageshwar Dham Sarkar Shankaracharya
बागेश्वर धाम पर बंटे शंकराचार्य
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Published : Jan 24, 2023, 9:40 AM IST

छिंदवाड़ा। पहली बार छिंदवाड़ा पहुंचे शारदा द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का समर्थन किया. सदानंद सरस्वती ने कहा कि दवा और दुआ हमारी परंपरा है. जो लोग इसे अंधविश्वास बता रहे हैं, उन्हें अंधविश्वास का अर्थ नहीं मालूम है. हालांकि, इससे पहले ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों पर सवाल उठाए थे.

Bageshwar Dham Sarkar Shankaracharya
शंकराचार्य ने किया धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का समर्थन

कैसे कहेंगे अंधविश्वास: सदानंद सरस्वती महाराज ने बागेश्वर धाम का समर्थन करते हुए कहा कि, उनकी किसी भी क्रिया से अगर किसी का नुकसान होता है. शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने कहा कि, 'कौन से अंधविश्वास की बात कर रहे हैं. जिस बात की प्रामाणिकता हो उसे अंधविश्वास कैसे कहेंगे. बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री कह रहे हैं ना कि, हनुमान जी ही कृपा कर रहे हैं. हमारी परंपरा ही रही है. दवा और दुआ की, जो इसे अंध विश्वास कह रहे हैं, उन्हे अंधविश्वास का अर्थ नहीं मालूम.

दवा-दुआ से क्यों तकलीफ: उन्होंने कहा कि, बागेश्वर सरकार के धीरेंद्र शास्त्री ने किसी से कोई पैसा नहीं लिया. कोई ठगी नहीं की और ना किसी को षड्यंत्र में फसाया. ना ही उनकी किसी ने शिकायत की. यदि उनके द्वारा बताए गए उपाय से कोई ठीक हो जाता है क्या दिक्कत है. आप लोगों के माता-पिता दवा-दुआ मानते थे कि नहीं मानते थे. बस तो फिर क्या तकलीफ है किसी को.

अर्थ को जाने बिना ना करें उच्चारण: कुछ राजनीतिज्ञ द्वारा रामचरित मानस को लेकर दिए गए बयान के संबंध में स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि, वह रामचरित मानस की एक चौपाई का अर्थ नहीं बता सकते. जो आपका विषय नहीं है उस पर क्यों बोलते हैं. शब्दों के अर्थ को जाने बिना उसका उच्चारण नहीं करना चाहिए. शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज पातालेश्वर में आयोजित मां काली की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव एवं श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में पहुंचे थे. यहां से वे मोहखेड़ विकासखंड के ग्राम जाम में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा व मंदिर लोकार्पण महोत्सव में शामिल होने के लिए रवाना हो गए.

Joshimath Sinking: शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती बोले- जोशीमठ बड़ी त्रासदी, प्रकृति से छेड़छाड़ ठीक नहीं

शंकराचार्य ने किया था चैलेंज: बागेश्वर धाम को लेकर देशभर में छिड़ी बहस में बद्रीकापीठेश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कथित चमत्कारों के सवाल पर ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि, अगर वो (धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री) इतने ही चमत्कारी हैं तो उत्तराखंड के जोशीमठ जाएं और वहां पड़ रही दरारों और धसकती जमीन को रोककर बताएं तो हम उनका स्वागत करेंगे.

छिंदवाड़ा। पहली बार छिंदवाड़ा पहुंचे शारदा द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का समर्थन किया. सदानंद सरस्वती ने कहा कि दवा और दुआ हमारी परंपरा है. जो लोग इसे अंधविश्वास बता रहे हैं, उन्हें अंधविश्वास का अर्थ नहीं मालूम है. हालांकि, इससे पहले ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों पर सवाल उठाए थे.

Bageshwar Dham Sarkar Shankaracharya
शंकराचार्य ने किया धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का समर्थन

कैसे कहेंगे अंधविश्वास: सदानंद सरस्वती महाराज ने बागेश्वर धाम का समर्थन करते हुए कहा कि, उनकी किसी भी क्रिया से अगर किसी का नुकसान होता है. शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने कहा कि, 'कौन से अंधविश्वास की बात कर रहे हैं. जिस बात की प्रामाणिकता हो उसे अंधविश्वास कैसे कहेंगे. बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री कह रहे हैं ना कि, हनुमान जी ही कृपा कर रहे हैं. हमारी परंपरा ही रही है. दवा और दुआ की, जो इसे अंध विश्वास कह रहे हैं, उन्हे अंधविश्वास का अर्थ नहीं मालूम.

दवा-दुआ से क्यों तकलीफ: उन्होंने कहा कि, बागेश्वर सरकार के धीरेंद्र शास्त्री ने किसी से कोई पैसा नहीं लिया. कोई ठगी नहीं की और ना किसी को षड्यंत्र में फसाया. ना ही उनकी किसी ने शिकायत की. यदि उनके द्वारा बताए गए उपाय से कोई ठीक हो जाता है क्या दिक्कत है. आप लोगों के माता-पिता दवा-दुआ मानते थे कि नहीं मानते थे. बस तो फिर क्या तकलीफ है किसी को.

अर्थ को जाने बिना ना करें उच्चारण: कुछ राजनीतिज्ञ द्वारा रामचरित मानस को लेकर दिए गए बयान के संबंध में स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि, वह रामचरित मानस की एक चौपाई का अर्थ नहीं बता सकते. जो आपका विषय नहीं है उस पर क्यों बोलते हैं. शब्दों के अर्थ को जाने बिना उसका उच्चारण नहीं करना चाहिए. शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज पातालेश्वर में आयोजित मां काली की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव एवं श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में पहुंचे थे. यहां से वे मोहखेड़ विकासखंड के ग्राम जाम में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा व मंदिर लोकार्पण महोत्सव में शामिल होने के लिए रवाना हो गए.

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