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छिंदवाड़ा का लाल आतंकवादियों से लड़ते हुआ था शहीद,परिजनों ने स्वतंत्रता दिवस पर किया याद

जिले की माटी के लाल अमर शहीद मेजर अमित ठेंगे को उनके बलिदान के लिए स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरा देश उनको याद कर रहा हैं.

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Published : Aug 15, 2019, 5:51 AM IST

छिंदवाड़ा का लाल आतंवादियों से लड़ते हुआ था शहीद,परिजनों ने स्वतंत्रता दिवस पर किया याद

छिंदवाड़ा। पूरा देश 73 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और शहीदों की शहादत को याद कर रहा है, लेकिन छिंदवाड़ा के लोग उस शहीद को याद कर रहे हैं जो इंजीनियरिंग करने के बाद विदेशों में नौकरी नहीं करने गया, बल्कि देश सेवा को ही अपना लक्ष्य चुना और सेना में भर्ती हो गया और आतंकवादियों से मुठभेड़ करते हुए शहीद हो गया.

छिंदवाड़ा का लाल आतंवादियों से लड़ते हुआ था शहीद,परिजनों ने स्वतंत्रता दिवस पर किया याद

छिंदवाड़ा का लाल शहीद अमित कुमार ठेंगे का जन्म 19 अप्रैल 1982 में नागपुर के महाराष्ट्रीयन परिवार में हुआ. हालांकि उनके माता-पिता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आकर रहने लगे. अमित ने अपनी पढ़ाई में भोपाल के निजी कॉलेज से इंजीनियरिंग किया. इसके बाद तमाम नौकरी को नकार कर वह सेना में गए . 2010 में वह राष्ट्रीय राइफल में चले गए.सेना में उनकी ट्रेनिंग देहरादून में हुई जम्मू कश्मीर में 4 साल रहने के बाद 37rr पूंछ जिले के मेंडर में पोस्टिंग हुई , वहां एक बार उन्हें पता चला कि रात को आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में है तब वह अपने सीनियर अधिकारी के साथ रात में ही जंगल की ओर पहुंचे.
आतंकवादियों से मुठभेड़ में दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया साथ ही अमित ठेंगे को भी गोली लग गई जिसके कारण वह भी शहीद हो गए. छिंदवाड़ा में अमित ठेंगे की याद में एक प्रवेशद्वार बनाया गया, मानसरोवर के सामने मुख्य चौक पर शहीद अमित ठेंगे की प्रतिमा भी लगाई गई,परिवार के लोगों ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने बेटे को याद किया और कहा कि हमारा बेटा देश के लिए शहीद हुआ इसका हमको गर्व है.

छिंदवाड़ा। पूरा देश 73 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और शहीदों की शहादत को याद कर रहा है, लेकिन छिंदवाड़ा के लोग उस शहीद को याद कर रहे हैं जो इंजीनियरिंग करने के बाद विदेशों में नौकरी नहीं करने गया, बल्कि देश सेवा को ही अपना लक्ष्य चुना और सेना में भर्ती हो गया और आतंकवादियों से मुठभेड़ करते हुए शहीद हो गया.

छिंदवाड़ा का लाल आतंवादियों से लड़ते हुआ था शहीद,परिजनों ने स्वतंत्रता दिवस पर किया याद

छिंदवाड़ा का लाल शहीद अमित कुमार ठेंगे का जन्म 19 अप्रैल 1982 में नागपुर के महाराष्ट्रीयन परिवार में हुआ. हालांकि उनके माता-पिता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आकर रहने लगे. अमित ने अपनी पढ़ाई में भोपाल के निजी कॉलेज से इंजीनियरिंग किया. इसके बाद तमाम नौकरी को नकार कर वह सेना में गए . 2010 में वह राष्ट्रीय राइफल में चले गए.सेना में उनकी ट्रेनिंग देहरादून में हुई जम्मू कश्मीर में 4 साल रहने के बाद 37rr पूंछ जिले के मेंडर में पोस्टिंग हुई , वहां एक बार उन्हें पता चला कि रात को आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में है तब वह अपने सीनियर अधिकारी के साथ रात में ही जंगल की ओर पहुंचे.
आतंकवादियों से मुठभेड़ में दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया साथ ही अमित ठेंगे को भी गोली लग गई जिसके कारण वह भी शहीद हो गए. छिंदवाड़ा में अमित ठेंगे की याद में एक प्रवेशद्वार बनाया गया, मानसरोवर के सामने मुख्य चौक पर शहीद अमित ठेंगे की प्रतिमा भी लगाई गई,परिवार के लोगों ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने बेटे को याद किया और कहा कि हमारा बेटा देश के लिए शहीद हुआ इसका हमको गर्व है.

Intro:छिंदवाड़ा
शहीद अमित ठेंगे इंजीनियरिंग करने के बाद विदेशों में नौकरी ना करने के के बजाय देश सेवा के लिए आर्मी जॉइन की और आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे पुंछ जिले के मेंढर में हुए आतंकवादी हमले में हुए थे शहीद


Body:छिंदवाड़ा
शहीद अमित कुमार ठेंगे का जन्म 19 अप्रैल 1982 में नागपुर के महाराष्ट्रीयन परिवार में हुआ हालांकि उनके माता-पिता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आकर रहने लगे अमित ने अपनी पढ़ाई भोपाल के एलएनसीटी कॉलेज से इंजीनियरिंग किया इसके बाद तमाम नौकरी को नकार कर वह सेना में आ गए 2007 में सेना में कमीशन होने के बाद 2010 में वह राष्ट्रीय राइफल में चले गए
विदेश की कंपनियों में नौकरी ना चुनकर देश की सेवा के लिए आर्मी में आए इनकी सेना में ट्रेनिंग देहरादून में हुई जम्मू कश्मीर में 4 साल रहने के बाद 37rr पूछ जिले मेंडर में पोस्टिंग हुई वहां एक बार उन्हें पता चला कि रात को आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में है तब वह अपने सीनियर अधिकारी के साथ रात में ही जंगल की और पहुंचे आतंकवादियों से मुठभेड़ में दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया साथ ही अमित ठेंगे को भी गोली लग गई जिसके कारण वह भी शहीद हो गए
छिंदवाड़ा में अमित ठेंगे की याद में एक प्रवेशद्वार बनाया गया मानसरोवर के सामने मुख्य चौक पर शहीद अमित ठेंगे की प्रतिमा लगाई गई

बाईट 01- मधुकरराव ठेंगे,शहीद अमित ठेंगे के पिता
बाईट02- श्रीमती लता ठेंगे, शहीद अमित ठेंगे की मां


Conclusion:
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