ETV Bharat / state

कपास की फसल पर लगा लाल्या रोग, परेशान किसानों ने वैज्ञानिकों से पूछा उपाए

छिंदवाड़ा के सौसर और पांढुर्णा में किसानों की कपास की फसल में लाल्या रोग लग गया है. लाल्या रोग का सीधा असर कपास की उत्पादन क्षमता पर पड़ रहा है.

chhindwara
कपास की फसल पर लगा लाल्या रोग
author img

By

Published : Oct 7, 2020, 1:40 PM IST

Updated : Oct 7, 2020, 2:10 PM IST

छिंदवाड़ा। इस साल कपास का अधिक उत्पादन देखने को मिल रहा है, लेकिन ज्यादा बारिश होने से कपास पर लगा लाल्या रोग, अब फसल को चौपट कर रहा है. सौसर और पांढुर्णा के क्षेत्र में बड़ी संख्या में किसान कपास का उत्पादन करते हैं, लाल्या रोग आने से किसान की चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं. लाल्या रोग का सीधा असर कपास की उत्पादन क्षमता पर पड़ रहा है.

कपास की फसल पर लगा लाल्या रोग

छिंदवाड़ा के सौसर और पांढुर्णा क्षेत्र में कपास की खेती बड़े स्तर पर की जाती है, जिससे किसान कपास की पैदावार कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है, वहीं ज्यादा बारिश होने के कारण अब किसानों के माथे पर चिंता की लकीर दिखाई देने लगी हैं. इस साल मक्का, सोयाबीन के साथ-साथ कपास की फसल पर भी दोहरी मार दिखाई दे रही है, जिसके चलते किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

लाल्या रोग के कारण और लक्षण-

लाल्या रोग से फसल की पत्तियां लाल रंग की हो जाती हैं. जिसके कारण पौधा अपने आप सूखने लगता है. पत्तियों के नीचे पदार्थ और इल्लियां लगी रहती हैं. जिसके कारण पत्तियों का रंग लाल होने लगता है, इसका होने का मुख्य कारण अधिक मात्रा में असीमित खाद का उपयोग करना और पानी का अधिक भराव हो जाना या पानी का खेत से नहीं निकल पाना है.

छिंदवाड़ा। इस साल कपास का अधिक उत्पादन देखने को मिल रहा है, लेकिन ज्यादा बारिश होने से कपास पर लगा लाल्या रोग, अब फसल को चौपट कर रहा है. सौसर और पांढुर्णा के क्षेत्र में बड़ी संख्या में किसान कपास का उत्पादन करते हैं, लाल्या रोग आने से किसान की चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं. लाल्या रोग का सीधा असर कपास की उत्पादन क्षमता पर पड़ रहा है.

कपास की फसल पर लगा लाल्या रोग

छिंदवाड़ा के सौसर और पांढुर्णा क्षेत्र में कपास की खेती बड़े स्तर पर की जाती है, जिससे किसान कपास की पैदावार कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है, वहीं ज्यादा बारिश होने के कारण अब किसानों के माथे पर चिंता की लकीर दिखाई देने लगी हैं. इस साल मक्का, सोयाबीन के साथ-साथ कपास की फसल पर भी दोहरी मार दिखाई दे रही है, जिसके चलते किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

लाल्या रोग के कारण और लक्षण-

लाल्या रोग से फसल की पत्तियां लाल रंग की हो जाती हैं. जिसके कारण पौधा अपने आप सूखने लगता है. पत्तियों के नीचे पदार्थ और इल्लियां लगी रहती हैं. जिसके कारण पत्तियों का रंग लाल होने लगता है, इसका होने का मुख्य कारण अधिक मात्रा में असीमित खाद का उपयोग करना और पानी का अधिक भराव हो जाना या पानी का खेत से नहीं निकल पाना है.

Last Updated : Oct 7, 2020, 2:10 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.