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5 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे निजी बस संचालक, मांग पूरी होने पर ही चलाएंगे बसें - धरने पर बैठे निजी बस संचालक

छिंदवाड़ा में निजी बस संचालक अपनी पांच सूत्रीय मांग को लेकर बस स्टैंड में धरने पर बैठे हुए हैं. उनका कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होगी तब तक वो बस नहीं चलाएंगे.

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धरने पर बैठे निजी बस संचालक
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Published : Jun 27, 2020, 1:06 PM IST

छिंदवाड़ा। लॉकडाउन के बाद से बसों के पहिए थमे हुए हैं. वहीं अनलॉक होने के बाद अब यात्री बसों के चालू होने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन बस संचालक अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर बस स्टैंड में धरने पर बैठे हुए हैं. उनका कहना है कि निजी बस संचालकों की जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक बस नहीं चलाएंगे.

धरने पर बैठे निजी बस संचालक
कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे देश में आवागमन बंद किया गया था, लेकिन अब प्रशासन की ओर से आदेश दिए गए हैं कि निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार बसें चलाई जाएं लेकिन निजी बस संचालक ने अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा है. बिना उनकी मांग पूरे हुए वे बस का संचालन करने को तैयार नहीं हैं. बस संचालक बस स्टैंड पर टेंट लगाकर अपनी मांगों को लेकर बैठे हैं, जहां उन्होंने बताया कि उनकी पांच सूत्रीय मांग हैं, जिसे सरकार मानेगी उसके बाद ही वे बस संचालन करेंगे. 1. लॉकडाउन की अवधि में 6 महीने का टैक्स माफ करे सरकार. 2. डीजल की दर में 15 फीसदी की सब्सिडी दी जाए साथ ही 50 प्रतिशत किराए में वृद्धि की जाए. 3. बीमा पॉलिसी में तीन महीने के लॉकडाउन के कारण बीमा अवधि बढ़ाई जाए.4. चालक-परिचालक के खाते में 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए. 5. मार्ग पर यात्रियों की उपलब्धता न होने पर वाहनों को नानयूज रखने की अनुमति प्रदान करें.

छिंदवाड़ा। लॉकडाउन के बाद से बसों के पहिए थमे हुए हैं. वहीं अनलॉक होने के बाद अब यात्री बसों के चालू होने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन बस संचालक अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर बस स्टैंड में धरने पर बैठे हुए हैं. उनका कहना है कि निजी बस संचालकों की जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक बस नहीं चलाएंगे.

धरने पर बैठे निजी बस संचालक
कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे देश में आवागमन बंद किया गया था, लेकिन अब प्रशासन की ओर से आदेश दिए गए हैं कि निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार बसें चलाई जाएं लेकिन निजी बस संचालक ने अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा है. बिना उनकी मांग पूरे हुए वे बस का संचालन करने को तैयार नहीं हैं. बस संचालक बस स्टैंड पर टेंट लगाकर अपनी मांगों को लेकर बैठे हैं, जहां उन्होंने बताया कि उनकी पांच सूत्रीय मांग हैं, जिसे सरकार मानेगी उसके बाद ही वे बस संचालन करेंगे. 1. लॉकडाउन की अवधि में 6 महीने का टैक्स माफ करे सरकार. 2. डीजल की दर में 15 फीसदी की सब्सिडी दी जाए साथ ही 50 प्रतिशत किराए में वृद्धि की जाए. 3. बीमा पॉलिसी में तीन महीने के लॉकडाउन के कारण बीमा अवधि बढ़ाई जाए.4. चालक-परिचालक के खाते में 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए. 5. मार्ग पर यात्रियों की उपलब्धता न होने पर वाहनों को नानयूज रखने की अनुमति प्रदान करें.
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