छिंदवाड़ा। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (Pm Ujjwala Yojana) के तहत गरीबों को मुफ्त में रसोई गैस के कनेक्शन दिए थे. सरकार का मकसद था कि गरीब महिलाओं को धुएं से छुटकारा दिलाया जाए, लेकिन देश में एलपीजी (LPG) के तेजी से बढ़ते दामों के मद्देनजर लोग सिलेंडरों को नहीं भर पा रहे हैं. लिहाजा गरीब महिलाएं फिर से चूल्हें पर खाना पकाने को मजबूर हैं.
- कोरोना और महंगाई दोनों ने तोड़ी आम आदमी की कमर
कोरोना संक्रमण (Corona Virus) की पिछली 2 लहरों ने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में रहने वाले गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की आर्थिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया है. लॉकडाउन और बढ़ती महंगाई के कारण इन लोगों के लिए 2 वक्त की रोटी जुटा पाना मुश्किल हो गया है. आलम यह है कि उज्जवला योजना के तहत जिले में बांटे गए करीब 2 लाख सिलेंडरों की कई लोगों ने दोबारा रिफलिंग तक नहीं की है. छिंदवाड़ा जिले के गैस एजेंसी संचालकों (Gas Agency Chhindwara) के मुताबिक, उज्जवला योजना के करीब 30 हजार लाभार्थी ही हैं जो सिलेंडरों की रिफलिंग करा रहे हैं. इसके अलावा 1 लाख 70 हजार लाभार्थियों ने दूसरी बार सिलेंडर नहीं भरवाए हैं.
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- 833 रुपए पहुंचे सिलेंडर के दाम
छिंदवाड़ा में घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 833 रुपए प्रति सिलेंडर पहुंच गया है. लगातार तेजी से बढ़ रही महंगाई के कारण अब लाभार्थियों के खाते में गैस सब्सिडी आना भी बंद हो गई है. जिले में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का लाभ लेने वाले लोगों का कहना है कि इस संकट काल में उनके लिए रोजी-रोटी का कमाना भी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में वह गैस कहां से भर पाएंगे. इसलिए चूल्हे में ही खाना पका रहे हैं. चूल्हे पर खाना पकाने को मजबूर छिंदवाड़ा की महिलाओं ने कहा कि बरसात के दिनों में चूल्हे में खाना बनाना मुश्किल होता है. एक तो वे दिन भर काम में रहती हैं और जब खाना बनाने हो तो लकड़ी गीली रहती है. ऐसे में धुआं उनकी सबसे बड़ी मुश्किल है. जलाऊ लकड़ी की कीमत भी 10-12 रुपए प्रति किलो तक हो गई है जिसके कारण भी उनका इन्हें खरीदना मुश्किल है.
31 जनवरी तक 8.3 करोड़ लोगों को मिली फ्री गैस
1 फरवरी 2021 को देश का आम बजट (Aam Budget 2021) पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत इस साल गरीबों को 1 करोड़ रसोई गैस कनेक्शन दिए जाएंगे. जानकारी के मुताबिक, संबंधित मंत्रालय ने दूसरे चरण के लिए रुपरेखा तैयार कर ली है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 31 जनवरी तक 8.3 करोड़ लोगों को मुक्त रसोई गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं.