छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में पुलिस का एक मानवीय चेहरा सामने आया है. जिस वजह से लोग पुलिस की खूब तारीफ कर रहे हैं, पुलिस ने संवेदनाएं दिखाते हुए वो कर डाला जो शायद एक बेटा ही कर सकता था. दरअसल, छतरपुर जिले के प्रकाश बमोरी थाना क्षेत्र के गांव में एक 90 साल के बुजुर्ग की सामान्य मौत हो गई थी. लेकिन गांव के लोग कोरोना बीमारी के डर से बुजुर्ग मृतक को ना तो कंधा देने के लिए तैयार थे और न ही कोई उसका अंतिम संस्कार करने के लिए आगे आ रहा था. बताया जा रहा है कि मृतक मूरत सिंह के दो बेटे हैं लेकिन दोनों ही दिमागी रूप से अस्वथ्य हैं. मामले की जानकारी किसी तरह प्रकाश बमोरी थाना क्षेत्र के थाना प्रभारी छत्रपाल सिंह को लगी जिसके बाद थाना प्रभारी छत्रपाल सिंह अपने दो सिपाही चंद्रभान जाट और शिवम मिश्रा को लेकर बुजुर्ग के घर पहुंचे और पीपीके पहनते हुए मृत बुजुर्ग को न सिर्फ कन्धा दिया बल्कि अंतिम संस्कार भी कराया.
गहराया संकट: दाह संस्कार के लिए कम पड़ रही सामग्री
फोन पर जानकारी देते हुए थाना प्रभारी छत्रपाल सिंह ने बताया कि गांव के लोग मृतक बुजुर्ग को कंधा देने में एवं अंतिम संस्कार कराने में असमर्थता दिखा रहे थे, यही वजह रही कि मैंने अपने दो आरक्षकों के साथ मृतक मूरत सिंह को कंधा दिया और हिंदू रीति रिवाज के अनुसार उनका अंतिम संस्कार भी कराया. फिलहाल छतरपुर पुलिस के द्वारा कोरोना काल में इस तरह की मानवता दिखाने के लिए लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं.