छिन्दवाड़ा। आदिवासियों को खुश करने के लिए भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शहडोल में भाषण दे रहे थे, लेकिन निशाना पूर्व सीएम कमलनाथ के छिंदवाड़ा को लेकर साध रहे थे. उन्होंने गांधी परिवार पर तंज कसते हुए कहा कि "शहडोल संभाग में नेशनल यूनिवर्सिटी खोली गई, लेकिन उसका नाम भी उन्होंने अपने परिवार के नाम पर रखा गया तो वही छिंदवाड़ा में शिवराज सरकार ने राजाशंकर शाह के नाम पर यूनिवर्सिटी खोलकर आदिवासियों का गौरव बढ़ाया है."
गांधी परिवार पर तंज छिंदवाड़ा रहा निशाने पर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों को खुश करने के लिए गांधी परिवार पर एक बार फिर तंज कसते हुए कहा कि "मध्य प्रदेश के लोगों ने भी इस परिवार के रवैया को साक्षात देखा है. शहडोल संभाग में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय खुला उसका नाम भी उन्होंने अपने परिवार के नाम पर रख दिया जबकि शिवराज की सरकार द्वारा छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम महान क्रांतिकारी राजा शंकर शाह के नाम पर किया गया है."
मोदी ने आगे कहा कि "हमने पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम टंट्या मामा रेलवे स्टेशन रखा, इन्होंने गोंड़ समाज के इतने बड़े नेता दलवीर सिंह के परिवार का भी अपमान किया, उसकी भरपाई हमने की. हमने उन्हें सम्मान दिया, हमारे लिए आदिवासी नायकों का सम्मान आदिवासी युवाओं का सम्मान है, आप सभी का सम्मान है."
राजा शंकर शाह के नाम पर हुआ छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय: दिसंबर 2021 में छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम बदलकर राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय कर दिया गया, 1857 के पहले राजा शंकर शाह गोंडवाना राज्य के शासक थे. उन्होंने अंग्रेज कमांडर क्लार्क के खिलाफ पड़ोसी राज्यों को एकजुट कर विद्रोह की भावना को हवा दी थी, हालांकि इसके चलते राजा शंकर शाह और उनके बेटे को रघुनाथ शाह को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. अंग्रेजों ने दोनों को तोप के मुंह पर बांध कर उड़ा दिया था. आदिवासी समुदाय के लोगों के लिए दोनों पिता-पुत्र आज भी बेहद सम्मानीय हैं. दोनों महान कवि भी थे, अपनी कविताओं के जरिए प्रजा में देशभक्ति का जज्बा जगाते थे.
रीवा की सभा में भी छिंदवाड़ा को लेकर मोदी ने दिया था बयान: 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रीवा की सभा में भी कमलनाथ और छिंदवाड़ा मॉडल को लेकर भी कटाक्ष किया था. मोदी ने कहा था कि "छिंदवाड़ा के जिन लोगों पर आपने लंबे समय तक भरोसा किया, वे भी आपके क्षेत्र के लिए इतना उदासीन क्यों रहे. इसका जवाब कुछ राजनीतिक दलों की सोच में है, आपके साथ वर्षों तक सौतेला व्यवहार किया जाता रहा है."
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विश्वविद्यालय के नाम पर राजनीति बिल्डिंग का अब भी इंतजार: छिंदवाड़ा का राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजरों तक में है, लेकिन अभी भी इस विवि को बिल्डिंग नसीब नहीं हुई है. 4 साल बीत जाने के बाद भी राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय को अपनी बिल्डिंग के इंतजार में है, शासकीय स्वशासी पीजी कॉलेज की लाइब्रेरी में अब तक यूनिवर्सिटी का कामकाज किया जा रहा है. इसके चलते यूनिवर्सिटी सिर्फ एग्जाम कराने तक ही सीमित रह गई है, साल 2019 में छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के नाम से यूनिवर्सिटी खोल दी गई और 120 एकड़ जमीन भी बिल्डिंग बनाने के लिए सरकार के द्वारा आवंटित की गई है. बाद में भाजपा की शिवराज सिंह सरकार ने विश्वविद्यालय का नाम बदलकर राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय कर दिया, लेकिन बिल्डिंग के लिए अभी तक फंड नहीं आया है. पिछले 4 सालों से विश्वविद्यालय शासकीय स्वशासी पीजी कॉलेज की लाइब्रेरी बिल्डिंग में संचालित किया जा रहा है.
विंध्य में नया माहौल बनाने में जुटी भाजपा: गौरतलब है कि कुछ महीनों बाद मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं और विधानसभा के चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री के इस दौरे को इस आदिवासी बहुल इलाके में काफी अहम दौरा माना जा रहा है राजनीतिक गलियारों में इसके यह मायने भी लगाए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे के साथ ही इस विंध्य क्षेत्र में माहौल बदलने की तैयारी है. भारतीय जनता पार्टी एक अलग माहौल यहां बनाना चाह रही है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आदिवासी समाज के लोगों को अपने भाषण में इस बात को समझाते नजर आए जैसा कि कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश में जो आदिवासी समाज की 47 आरक्षित सीटें हैं, वह आगामी विधानसभा चुनाव में अहम रोल अदा करेंगे.
एमपी सरकार पर कमलनाथ लगा चुके हैं भेदभाव का आरोप: विश्वविद्यालय की बिल्डिंग में फंड की कमी को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ कई बार शिवराज सिंह सरकार पर निशाना साध चुके हैं. कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि "शिवराज सिंह सरकार ने छिंदवाड़ा के साथ भेदभाव करते हुए विकास कामों पर रोक लगाई है. विश्वविद्यालय के लिए कमलनाथ सरकार रहते हुए जो फंड जारी किया गया था, उसे रोक दिया गया जिसकी वजह से बिल्डिंग तैयार नहीं हो पाई इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है."