छिंदवाड़ा। नगर निगम द्वारा पीएम आवास योजना के तहत बनाए गए मकान 3 साल बीत जाने के बाद भी हितग्राहियों को हैंडओवर (Housing not found after three years) नहीं हुए हैं. नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विधानसभा में एक विधायक के सवाल के जवाब में 30 दिसंबर तक मकान हैंडओवर करने का जवाब दिया था, लेकिन मकानों का काम अभी 50 फीसदी भी पूरा नहीं हुआ है.
नगर निगम कर चुका है एग्रीमेंट : 3 साल पहले नगर निगम ने इमलीखेड़ा में 78 मकानों का प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हाउसिंग प्रोजेक्ट स्वीकृत किया था, 31 लाख रुपए में हितग्राहियों को मकान बेचकर एग्रीमेंट हुआ. इसी एग्रीमेंट के आधार पर बैंक से 90 फ़ीसदी ग्राहकों ने लोन भी ले लिया. करीब 1 साल से ग्राहक किस्त भी चुका रहे हैं. अब नगर निगम ने सभी हितग्राहियों को साढ़े 3 लाख रुपये जमा करने का नोटिस थमाया है.
आवंटन की शर्तों से खिलवाड़ : नोटिस में आवंटन शर्तों का हवाला देते हुए लिखा गया है कि निर्माण एरिया का क्षेत्रफल बढ़ाया गया है. इस वजह से राशि बढ़ाई गई है. जबकि आवंटन की शर्तों में कंडिका 8 में इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान खरीदने वाले हितग्राहियों का कहना है कि अगर मकान निर्माण के दौरान किसी काम भी बढ़ोतरी की गई है तो इसकी सहमति ग्राहकों से लेनी थी. लेकिन ग्राहकों से किसी प्रकार का कोई भी सहमति पत्र नहीं लिया गया. 18 महीने में मकान बनाकर देने का वादा किया गया था, लेकिन करीब 3 साल हो गए मकान नहीं दिया.
प्रभारी मंत्री ने ये कहा था : जब नगर निगम ने साढ़े 3 लाख रुपए हितग्राहियों से अतिरिक्त वसूलने के नोटिस जारी किए थे तो छिंदवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने तत्कालीन कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन को बढ़ी हुई राशि हितग्राहियों से नहीं लेने के निर्देश दिए थे. प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने कहा था कि जितनी राशि में हितग्राहियों से एग्रीमेंट किया गया है, उतनी राशि वसूल कर समय सीमा में मकान हैंडओवर कर दिया जाए.
विधानसभा में दी गलत जानकारी : नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विधानसभा में गलत जानकारी दी. हितग्राहियों को पीएम आवास के मकान हैंडओवर नहीं किए जाने के संबंध में बैतूल जिले के मुलताई से विधायक सुखदेव पांसे ने विधानसभा में सवाल किया था. इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जवाब दिया था कि 30 दिसंबर तक मकान हितग्राहियों को बनाकर दे दिए जाएंगे, लेकिन 30 दिसंबर बीत जाने के बाद भी मकानों का काम अधूरा है.