छिंदवाड़ा। आसमान से बरसती आग से धधकती धरती को मानसून की पहली बारिश भी शीतल नहीं कर पायी. ऊपर से चिलचिलाती गर्मी के चलते पानी के स्रोत रसातल में समाते जा रहे हैं. हरदोली गांव में लोग प्यास से व्याकुल है क्योंकि पानी के सारे स्रोत सूख चुके हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ की कर्मस्थली होने के बावजूद यहां पानी के लिए हाहाकार मची है, पानी की आपूर्ति के लिए महिलाएं पांढुर्णा एसडीएम के कार्यालय पहुंच गयीं और उनके कक्ष के सामने धरने पर बैठ गयीं.
पांढुर्णा एसडीएम दीपक वैद्य ने फौरन पीएचई विभाग के उपयंत्री को निर्देश जारी कर हरदोली गांव के किसान डुंगली खापरे का ट्यूबवेल अधिग्रहित करने का आदेश दिया, तब जाकर महिलाओं ने धरना-प्रदर्शन खत्म किया.
⦁ हरदोली गांव के लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं.
⦁ पानी आपूर्ति के लिए महिलाओं ने एसडीएम कक्ष के सामने धरना दिया.
⦁ एसडीएम ने पीएचई विभाग को किसान का ट्यूबवेल अधिग्रहित करने का आदेश दिया.
⦁ एसडीएम के आदेश के बाद महिलाओं ने खत्म किया धरना.
⦁ गांव की नलजल योजना पूरी तरह ठप्प पड़ी.
⦁ लोग प्यास बुझाने के लिए कोसों दूर से पानी लाते हैं.
⦁ मुख्यमंत्री के कर्म क्षेत्र में पानी के लिए मची हाहाकार.
हरदोली गांव निवासी लोकेश पोद्दार ने बताया कि गांव से कुछ दूरी से गुजरने वाली वर्धा नदी के पास ग्राम पंचायत ने कुआं निर्माण शुरू किया था, लेकिन 5 फीट गहरा गड्ढा बनाकर उसे अधूरा छोड़ दिया गया. यदि कुएं की खुदाई पूरी हुई होती तो पानी की समस्या कुछ हद तक दूर हो जाती.