छिंदवाड़ा। सरकार भले ही बुनियादी सुविधाओं को लेकर लाख दावे करें लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है. जिले के पातालकोट आदिवासी इलाके में करीब 40 गांवों के लिए एक ही अस्पताल है, लेकिन डॉक्टर नहीं होने की वजह से वहां के लोग अपना इलाज नहीं करा पा रहे हैं.
जिले के आदिवासी अंचल में छिन्दी एक गांव है जो करीब 40 गांवों के बीच में पड़ता है. यहां पर इकलौता सरकारी अस्पताल है, लेकिन पूरा अस्पताल सिर्फ एक स्वीपर के भरोसे है. करीब 5 साल पहले बनी चमकदार बिल्डिंग में अस्पताल का नाम भी लिखा है लेकिन डॉक्टर नहीं होने की वजह से सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है. बीमार आदिवासी इलाज के लिए आते तो हैं, लेकिन अस्पताल बन्द होने की वजह से बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ता है.