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सरकार बदली लेकिन नहीं बदले हालात, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर रह रहे आशियाना खोजते लोग

शहर में गरीब लोगों के लिए पक्के मकान बनाने के लिए सरकारी योजनाएं चल रही हैं. इसका फायदा वह लोग उठा रहे हैं जिनको इसकी आवश्यकता नहीं है. दबंग सरकारी जमीनों पर कब्जा कर उसके एवज में पट्टा मांगकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हैं और जरुरतमंद इधर-उधर भटक रहे हैं.

अतिक्रमण
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Published : Mar 20, 2019, 12:39 PM IST

Updated : Mar 20, 2019, 12:46 PM IST

छिंदवाड़ा। विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने गरीबों के लिए जमीन के पट्टे की बात कही थी, जबकि केंद्र सरकार मुफ्त आवास की बात करती है, लेकिन आज भी गरीब अपने छोटे से आशियाने के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं.

अतिक्रमण

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भी हालात जैसे के तैसे हैं. कांग्रेस ने चुनाव से पहले वादा किया था कि जो लोग कच्चे मकानों में अस्थाई पट्टे पर रह रहे हैं उन्हें पट्टा दिया जाएगा और जिनके पट्टे हैं उन्हें पक्के मकान बनाने के लिए सरकारी योजना का लाभ दिया जाएगा. ये तो अब तक नहीं हो सका, लेकिन गरीब तबके के लोग सरकारी जमीन में अतिक्रमण कर अपना घर बसा रहे हैं.

अतिक्रमण कर रह रही एक महिला से जब बात की गई तो उसने बताया कि वह किराया देने में असमर्थ है, लिहाजा मजबूरन उसे सरकारी जमीन में घर बनाना पड़ रहा है. शहर के बीचोंबीच स्थित चंदन गांव के बोदरी के किनारे ऐसे कई लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है, कई बार शिकायत की गई पर कार्रवाई नहीं हुई.

छिंदवाड़ा। विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने गरीबों के लिए जमीन के पट्टे की बात कही थी, जबकि केंद्र सरकार मुफ्त आवास की बात करती है, लेकिन आज भी गरीब अपने छोटे से आशियाने के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं.

अतिक्रमण

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भी हालात जैसे के तैसे हैं. कांग्रेस ने चुनाव से पहले वादा किया था कि जो लोग कच्चे मकानों में अस्थाई पट्टे पर रह रहे हैं उन्हें पट्टा दिया जाएगा और जिनके पट्टे हैं उन्हें पक्के मकान बनाने के लिए सरकारी योजना का लाभ दिया जाएगा. ये तो अब तक नहीं हो सका, लेकिन गरीब तबके के लोग सरकारी जमीन में अतिक्रमण कर अपना घर बसा रहे हैं.

अतिक्रमण कर रह रही एक महिला से जब बात की गई तो उसने बताया कि वह किराया देने में असमर्थ है, लिहाजा मजबूरन उसे सरकारी जमीन में घर बनाना पड़ रहा है. शहर के बीचोंबीच स्थित चंदन गांव के बोदरी के किनारे ऐसे कई लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है, कई बार शिकायत की गई पर कार्रवाई नहीं हुई.

Intro:सत्ता परिवर्तन होने के बाद सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने जब से बनी है उन्होंने गरीबों को पट्टा देने की बात कही थी उसके बाद लगातार सरकारी जमीनों पर लोगों का कब्जा होते जा रहा है जिसकी जहां मर्जी वहां अतिक्रमण करता जा रहा है कई बार इसकी शिकायत भी की गई पर कार्रवाई के नाम पर होती है सिर्फ खानापूर्ति


Body:छिंदवाड़ा
विधानसभा चुनाव होने के बाद मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ वह कांग्रेस सत्ता में आई उसके बाद कई बार कांग्रेस सरकार की ओर से गरीबों को पट्टे देने की बात कही गई जो लोग कच्चे मकानों में अस्थाई पट्टे पर रह रहे हैं उन्हें पट्टा दिया जाए और जिन के पट्टे हैं उन्हें योजना के तहत पक्के मकान बनाने के लिए सरकारी योजना का लाभ दिया जाता है पर पर शहर में अतिक्रमण का ऐसा जाल फैलता जा रहा है कि जहां सरकारी जमीन दिखे वही लोग अतिक्रमण कर रहे हैं और बाद में उसी जगह के पट्टे की मांग करते हैं ऐसा कर कई लोगों के द्वारा सरकारी जमीनों पर लगातार कब्जा बढ़ता जा रहा है इस और कई बार शिकायत भी की गई पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति होती है बाकी कुछ नहीं कुछ समय बाद फिर से कि उन्हीं जगहों पर झोपड़े तान दिए जाते हैं

ऐसे ही अतिक्रमण कर रही एक महिला से हमने बात की तो उन्होंने बताया कि वह किराए के मकान में रहती है वह किराए का मकान छोड़ना चाहती है इसलिए वह सरकारी जमीन पर अपना झोपड़ा बना रही है
शहर के बीचोबीच स्थित चंदन गांव के बोदरी के किनारे अतिक्रमणकारियों ने बड़ी मात्रा में अतिक्रमण कर लिया है कई बार शिकायत की गई पर कार्रवाई नहीं हुई ऐसा लोगों का कहना है पर वहां कैमरे के सामने आकर बोलना नहीं चाहते


Conclusion:शहर में लोग पक्के मकान बनाने के लिए सरकारी योजनाएं चल रही है इसका फायदा कुछ अच्छे लोग तो कुछ जिनको इस फायदे की आवश्यकता नहीं है वह लोग भी उठा रहे हैं वहां सरकारी जमीनों पर कब्जा कर अतिक्रमण का जाल फैला रहे हैं और फिर उस एवज में पट्टा मांग कर सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हैं ऐसे लोगों पर कार्रवाई कब होगी देखने वाली बात है आखिर प्रशासन कब जागेगा आखिर कैसे बनेगा छिंदवाड़ा स्मार्ट सिटी
Last Updated : Mar 20, 2019, 12:46 PM IST

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