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निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान है अभिभावक, भारी-भरकम फीस भरने में हो रही है दिक्कतें - निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान है अभिभावक

छिंदवाड़ा में निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर अभिभावक परेशान नजर आ रहे हैं. सरकार के आदेश के बाद भी निजी स्कूलों के भारी-भरकम फीस अभिभावकों की परेशानी का कारण है.

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Published : Jul 28, 2021, 3:07 PM IST

छिंदवाड़ा। कोविड-19 संक्रमण के चलते स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से स्कूलों में पढ़ाई कराई जा रही है. लेकिन अभिभावकों और बच्चों में ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर असंतोष दिखाई दे रहा है. ऑनलाइन पढ़ाई के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. साथ ही बच्चों को मोबाइल गेम खेलने की भी लत लग रही है. अभिभावकों का कहना है कि पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है, लेकिन फीस पूरी वसूली जा रही है.

निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान है अभिभावक

अभिभावकों का कहना है कि बच्चा 5-6 घंटे स्कूल में रहकर अलग-अलग तरह की एक्टिविटी करता है. लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों की एक्टिविटी नहीं हो पाती है. बेहतर इंटरनेट सुविधा नहीं होने के चलते भी बच्चों को ऑनलाइन क्लास की आधी बातें समझ नहीं आती है. स्कूलों के पूरी फीस वसूलने के फरमान के चलते भी अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बच्चों के पैरेंट्स का कहना है कि कोविड की वजह से रोजगार और व्यापार पर असर पड़ा है, लेकिन स्कूल संचालक पूरी फीस देने का दबाव बनाते हैं.

निजी स्कूलों की हड़ताल पर एमपी सरकार ने HC में दिया जवाब, बताया कि सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

कुछ अभिभावकों ने बताया कि उनके बच्चे दिल्ली से ऑनलाइन माध्यम से 6 घंटे पढ़ाई कर रहे हैं, जहां उनसे 8 हजार रुपए फीस ली जा रही है. जबकि स्थानीय स्कूल 1 से 2 घंटे की पढ़ाई करवाकर 25 से 30 हजार रुपए फीस ले रहे हैं. अभिभावकों का कहना है कि लगातार मोबाइल की स्क्रीन पर पढ़ने से बच्चों की आंखों पर सबसे ज्यादा असर दिखाई दे रहा है. कई अभिभावकों ने आरोप लगाया कि TC देने में भी कई निजी स्कूल आनाकानी कर रहे हैं.

छिंदवाड़ा। कोविड-19 संक्रमण के चलते स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से स्कूलों में पढ़ाई कराई जा रही है. लेकिन अभिभावकों और बच्चों में ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर असंतोष दिखाई दे रहा है. ऑनलाइन पढ़ाई के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. साथ ही बच्चों को मोबाइल गेम खेलने की भी लत लग रही है. अभिभावकों का कहना है कि पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है, लेकिन फीस पूरी वसूली जा रही है.

निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान है अभिभावक

अभिभावकों का कहना है कि बच्चा 5-6 घंटे स्कूल में रहकर अलग-अलग तरह की एक्टिविटी करता है. लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों की एक्टिविटी नहीं हो पाती है. बेहतर इंटरनेट सुविधा नहीं होने के चलते भी बच्चों को ऑनलाइन क्लास की आधी बातें समझ नहीं आती है. स्कूलों के पूरी फीस वसूलने के फरमान के चलते भी अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बच्चों के पैरेंट्स का कहना है कि कोविड की वजह से रोजगार और व्यापार पर असर पड़ा है, लेकिन स्कूल संचालक पूरी फीस देने का दबाव बनाते हैं.

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कुछ अभिभावकों ने बताया कि उनके बच्चे दिल्ली से ऑनलाइन माध्यम से 6 घंटे पढ़ाई कर रहे हैं, जहां उनसे 8 हजार रुपए फीस ली जा रही है. जबकि स्थानीय स्कूल 1 से 2 घंटे की पढ़ाई करवाकर 25 से 30 हजार रुपए फीस ले रहे हैं. अभिभावकों का कहना है कि लगातार मोबाइल की स्क्रीन पर पढ़ने से बच्चों की आंखों पर सबसे ज्यादा असर दिखाई दे रहा है. कई अभिभावकों ने आरोप लगाया कि TC देने में भी कई निजी स्कूल आनाकानी कर रहे हैं.

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