छिंदवाड़ा। लॉकडाउन के दौरान देशभर में स्कूल बंद हैं. ऐसे हालातों में कहीं-कहीं ऑनलाइन क्लास के जरिए बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है. वहीं इस बीच पालकों का कहना है कि स्कूल उन पर बच्चों की फीस देने के लिए प्रेशर बना रहे हैं जो कि गलत है. अभिभावकों का आरोप है कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंद थे उसके बावजूद भी फीस मांगी जा रही है.
लॉकडाउन अनलॉक होने के बाद अब स्कूलों द्वारा बच्चों के अभिभावकों को मैसेज और फोन के जरिए फीस के लिए कहा जा रहा है. जिसके बाद से पालक काफी परेशान हैं. पालकों ने बताया कि उन्हें फीस के नाम पर लगातार परेशान किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि फीस भरों नहीं तो बच्चों को निकाल दिया जाएगा. अभिभावकों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान न तो स्कूल लगे हैं और न ही बसें आई-गईं. इसके अलावा इस दौरान पढ़ाई भी नहीं हुई तो फिर किस बात की फीस. हालांकि, बहुत सी जगह स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई कराई गई है. जिस पर भी पालकों का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. लगातार गैजेट्स का उपयोग करने से उनकी आंखों में दिक्कत, सर दर्द जैसी बातें भी सामने आ रही हैं.
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अभिभावकों का कहना है कि ज्यादातर लोग व्यवसाय पर आश्रित हैं. लॉकडाउन के कारण व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो चुका है. आर्थिक स्थिति भी काफी कमजोर है. उसके बाद भी लगातार स्कूलों द्वारा प्रेशर बनाया जा रहा है.
वहीं इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद चौरागढ़ का कहना है कि शासन द्वारा निर्देश आए हैं कि निजी स्कूल अभिभावकों से ट्यूशन फीस ले सकते हैं. उसके अलावा वहां कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा. इसके अलावा हर साल जो फीस में वृद्धि होती थी, वह भी इस साल नहीं की जाएगी. अगर कोई स्कूल अतिरिक्त फीस लेगा तो उसपर कार्रवाई की जाएगी.