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सहकारी समितियों में बेची जा रही अमानक खाद, जांच में हुआ खुलासा - Co-operative Society Chhindwara

छिंदवाड़ा जिले में सहकारी समितियों में किसानों को बेची जा रही खाद जांच में अमानक निकली है, जिसके बाद कृषि उपसंचालक ने इन खाद के विक्रय को प्रतिबंधित कर कंपनी को नोटिस जारी किया है.

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Published : Jul 1, 2020, 3:21 PM IST

Updated : Jul 1, 2020, 3:31 PM IST

छिंदवाड़ा। जिले में सहकारी समितियों में बेची जा रही खाद भी अब अमानक स्तर की निकल रही है. कृषि विभाग द्वारा जांच के लिए भेजे गए खाद के नमूनों में तीन समितियों के नमूने अमानक पाए गए हैं. कृषि उप संचालक ने इन उर्वरक के विक्रय को प्रतिबंधित कर कंपनी को नोटिस जारी किया है.

छिंदवाड़ा जिले की प्राथमिक सहकारी साख समितियों से विक्रय किया जाने वाला उर्वरक भी अब अमानक स्तर का आ रहा है. यह बात कृषि विभाग के द्वारा लिए गए उर्वरक के नमूने फेल होने के बाद सामने आई है.

कृषि उप संचालक जेआर हेड़ाऊ ने बताया कि खरीफ के सीजन में 102 उर्वरक के नमूने भेजने का टारगेट था. जिसके एवज में 146 नमूने जांच के लिए भेजे गए थे, इनमें से 88 नमूनों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है. जिसमें से तीन नमूने अमानक पाए गए हैं. उर्वरक के तीनों नमूने सहकारी समितियों से बिक्री किए जाने वाले खाद के हैं.

छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा की प्राथमिक सेवा सहकारी साख समिति मर्यादित सेजा से लिया गया बालाजी फर्टिलाइजर, इंदौर की सुपर फास्फेट का सैंपल फेल हुआ है. सेवा सहकारी समिति अमरवाड़ा से लिया गया अरिहंत फर्टिलाइजर, इंदौर के सुपर फास्फेट का सैंपल भी अमानक पाया गया है, तो वहीं सेवा सहकारी समिति गाजनडोह से लिया गया एनएफएल के डीएपी का भी सैंपल अमानक पाया गया है.

तीनों ही कंपनी के उर्वरक को बिक्री भंडारण पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके अलावा समितियों को इन कंपनियों का भुगतान करने पर रोक लगा दी गई है. जब किसानों को सरकार के द्वारा दिए जाने वाला खाद बीज ही अब नकली निकल रहा है तो आखिर किसान किस पर भरोसा करेगा.

छिंदवाड़ा। जिले में सहकारी समितियों में बेची जा रही खाद भी अब अमानक स्तर की निकल रही है. कृषि विभाग द्वारा जांच के लिए भेजे गए खाद के नमूनों में तीन समितियों के नमूने अमानक पाए गए हैं. कृषि उप संचालक ने इन उर्वरक के विक्रय को प्रतिबंधित कर कंपनी को नोटिस जारी किया है.

छिंदवाड़ा जिले की प्राथमिक सहकारी साख समितियों से विक्रय किया जाने वाला उर्वरक भी अब अमानक स्तर का आ रहा है. यह बात कृषि विभाग के द्वारा लिए गए उर्वरक के नमूने फेल होने के बाद सामने आई है.

कृषि उप संचालक जेआर हेड़ाऊ ने बताया कि खरीफ के सीजन में 102 उर्वरक के नमूने भेजने का टारगेट था. जिसके एवज में 146 नमूने जांच के लिए भेजे गए थे, इनमें से 88 नमूनों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है. जिसमें से तीन नमूने अमानक पाए गए हैं. उर्वरक के तीनों नमूने सहकारी समितियों से बिक्री किए जाने वाले खाद के हैं.

छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा की प्राथमिक सेवा सहकारी साख समिति मर्यादित सेजा से लिया गया बालाजी फर्टिलाइजर, इंदौर की सुपर फास्फेट का सैंपल फेल हुआ है. सेवा सहकारी समिति अमरवाड़ा से लिया गया अरिहंत फर्टिलाइजर, इंदौर के सुपर फास्फेट का सैंपल भी अमानक पाया गया है, तो वहीं सेवा सहकारी समिति गाजनडोह से लिया गया एनएफएल के डीएपी का भी सैंपल अमानक पाया गया है.

तीनों ही कंपनी के उर्वरक को बिक्री भंडारण पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके अलावा समितियों को इन कंपनियों का भुगतान करने पर रोक लगा दी गई है. जब किसानों को सरकार के द्वारा दिए जाने वाला खाद बीज ही अब नकली निकल रहा है तो आखिर किसान किस पर भरोसा करेगा.

Last Updated : Jul 1, 2020, 3:31 PM IST
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