छिंदवाड़ा। कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री की अगुवाई में छिंदवाड़ा के चौरई से आंदोलन की शुरुआत की है. इस दौरान ट्रैक्टर रैली के रूप में कमलनाथ और छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ सभा स्थल पर पहुंचे थे. इस दौरान सांसद नकुल नाथ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि सिर्फ सड़कों में ही नहीं सदन के भीतर भी कृषि कानूनों का विरोध करेंगे.
'सदन के भीतर भी कृषि कानूनों का करेंगे विरोध'
सांसद नकुल नाथ ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि अभी तो कांग्रेस सड़कों में कृषि बिल का विरोध कर रही है, इसके बाद आने वाले सत्र में सदन के भीतर भी कांग्रेस कानूनों का विरोध करेगी.
'जरूरत पड़ने पर ट्रैक्टर तो क्या खेतों में भी उतरूंगा'
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान सांसद नकुल नाथ ने कहा कि 'वे अभी ट्रैक्टर में सवार हुए हैं अगर जरूरत पड़ी तो किसानों के हित के लिए सड़कों और खेतों में भी प्रदर्शन करेंगे, क्योंकि मोदी सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है और जबरदस्ती किसानों पर बिल थोपा गया है.'
गौरतलब है कि पूर्व सीएम कमलनाथ अपने गृह जिले छिंदवाड़ा के चौरई में कांग्रेस आंदोलन में शामिल हुए, वहीं उनके साथ उनके बेटे नकुल नाथ भी मौजूद रहे. जहां उन्होंने ट्रैक्टर खुद चलाया और कृषि कानूनों का विरोध किया. इसके बाद सभा को संबोधित किया. इस दौरान कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा.
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मुरैना शराब कांड पर शिवराज सरकार को घेरा
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि हमने वोट से सरकार बनाई थी. प्रदेश की कानून व्यवस्था मजबूत की थी. किसानों के हित के लिए कर्ज माफी जैसे कदम उठाए. गरीब वर्ग के कल्याण की योजनाएं लाए. लेकिन अब क्या हो रहा है...? माफिया राज चल रहा है. खुले आम जहरीली शराब बिक रही है. लोगों के पास राशन नहीं है. लेकिन उन्हें पीने के लिए जहरीली शराब दी जा रही है. लोग मर रहे हैं, मुरैना में कई लोगों की मौत हो गई. लेकिन इसकी सरकार को कोई परवाह नहीं है.
कृषि कानूनों पर उठाए सवाल
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों को कोई फायदा नहीं होने वाला. कोई भी व्यापारी किसानों का हित क्यों सोचेगा. उसे तो मुनाफा चाहिए. धीरे-धीरे किसान खेती छोड़ देगा और इनका बंधुआ मजदूर बन जाएगा. सरकार को इन कानूनों को वापस लेना चाहिए.खाद-बीज फर्टीलाइजर सब उद्योगपतियों के हाथ में आ जाएगा. किसान तबाह हो जाएगा. एमएसपी से थोड़ा-बहुत किसान को संबल मिल जाता था, लेकिन अब धीरे-धीरे इसे भी खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है.