छिंदवाड़ा। chhindwara latest news: देश के सरहदों पर तैनात रहनेवाले जवान को अपनी जमीन पर हक नहीं मिल रहा है. कश्मीर के अनंतनाग में पोस्टेड सीआरपीएफ का एक जवान मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में अपनी जमीन पर मालिकाना हक पाने के लिए दर-दर भटक रहा है, प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर काट रहा है.
MP Latest News: सीआरपीएफ जवान को भूमाफिया ने लगाया चूना, ले ली पूरी रकम-नहीं मिला जमीन पर मालिकाना हक - एमपी लेटेस्ट हिन्दी न्यूज
chhindwara latest news:देश की रक्षा में तैनात रहनेवाला जवान इन दिनों अपनी जमीन पर मालिकाना हक पाने के लिए परेशान हैं. छिंदवाड़ा में जवान को भू-माफिया (chhindwara land mafia) ने चूना लगाया है. जमीन की पूरी कीमत देने के बाद भी उससे कब्जा नहीं मिल रहा है.
जमीन का मालिकाना हक पाने के लिए भटक रहा जवान
छिंदवाड़ा। chhindwara latest news: देश के सरहदों पर तैनात रहनेवाले जवान को अपनी जमीन पर हक नहीं मिल रहा है. कश्मीर के अनंतनाग में पोस्टेड सीआरपीएफ का एक जवान मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में अपनी जमीन पर मालिकाना हक पाने के लिए दर-दर भटक रहा है, प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर काट रहा है.
सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद में पदस्थ ओम शंकर ऊइके ने बताया कि छिंदवाड़ा में उसकी पत्नी और बच्चा रहते हैं. उन्होंने अपनी पत्नी के नाम से एक प्लॉट खरीदा, जिसकी बकायदा रजिस्ट्री भी हुई और जमीन की कीमत का चेक के माध्यम से भुगतान भी किया. लेकिन जब सीमांकन और कब्जा करने पहुंचे तो जमीन मालिक का कहना है कि उसे पैसे ही नहीं मिले, जवान ने बताया कि दिनेश रघुवंशी और महेश ईवनाती ने उन्हें प्लॉट खरीदवाया था. इन्होंने पैसे तो ले लिए, लेकिन जमीन वाले को पैसे ही नहीं दिए इसी वजह से जमीन मालिक होने के बाद भी प्लॉट पर कब्जा नहीं मिल पा रहा है.
कई बार प्रशासन से की शिकायत पर कार्रवाई नहीं (Chhindwara administration unaware)
सेना के जवान ने बताया कि परिजनों ने प्रशासन की दर-दर पर कई बार अर्जी लगाई, लेकिन किसी ने नहीं सुना. मजबूरन उसे कश्मीर से छुट्टी लेकर घर आना पड़ा. जवान ने कहा कि मुश्किल से उन्हें छुट्टियां मिलती है और अगर वह आकर घर में समय बिताने की बजाए ऐसे परेशान हो रहे हैं तो उनकी मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है.
सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद में पदस्थ ओम शंकर ऊइके ने बताया कि छिंदवाड़ा में उसकी पत्नी और बच्चा रहते हैं. उन्होंने अपनी पत्नी के नाम से एक प्लॉट खरीदा, जिसकी बकायदा रजिस्ट्री भी हुई और जमीन की कीमत का चेक के माध्यम से भुगतान भी किया. लेकिन जब सीमांकन और कब्जा करने पहुंचे तो जमीन मालिक का कहना है कि उसे पैसे ही नहीं मिले, जवान ने बताया कि दिनेश रघुवंशी और महेश ईवनाती ने उन्हें प्लॉट खरीदवाया था. इन्होंने पैसे तो ले लिए, लेकिन जमीन वाले को पैसे ही नहीं दिए इसी वजह से जमीन मालिक होने के बाद भी प्लॉट पर कब्जा नहीं मिल पा रहा है.
कई बार प्रशासन से की शिकायत पर कार्रवाई नहीं (Chhindwara administration unaware)
सेना के जवान ने बताया कि परिजनों ने प्रशासन की दर-दर पर कई बार अर्जी लगाई, लेकिन किसी ने नहीं सुना. मजबूरन उसे कश्मीर से छुट्टी लेकर घर आना पड़ा. जवान ने कहा कि मुश्किल से उन्हें छुट्टियां मिलती है और अगर वह आकर घर में समय बिताने की बजाए ऐसे परेशान हो रहे हैं तो उनकी मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है.