छिंदवाड़ा। खेत में खून पसीना बहा कर मेहनत कर खेती करने वाला अन्नदाता परेशान है. टमाटर की फसल तो लगा ली, लेकिन ना तो लागत निकल रही और ना ही तोड़वाई का पैसा मिल रहा है. दिन रात खून पसीना बहा कर खेतों में काम कर, अपनी फसल को बड़ा करने वाला किसान परेशान है. किसानों ने जैसे तैसे जोड़-तोड़ कर खेत में टमाटर की फसल लगाई थी कि अच्छा खासा भाव मिलेगा, लेकिन किस्मत ऐसी बदली की किसानों को खेतों में ही टमाटर को सड़ने के लिए छोड़ दिया (Farmer upset with tomato crop).
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कर्ज लेकर किसान कर रहे खेती: जिले के उमरेठ तहसील क्षेत्र में अधिक संख्या में किसान सब्जियों की खेती करते हैं. किसानों ने कहा कि सब्जियों को लेकर सरकार द्वारा कोई ऐसी व्यवस्था बनाई जाना चाहिए कि इनका मूल्य निर्धारित हो सके.किसान ने बताया कि टमाटर की फसल से मुनाफा तो छोड़िए लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है. आलम ये है कि किसान ढाई एकड़ में लगा टमाटर पौधों में ही लगा हुआ छोड़ रहा है. किसान ने बताया कि उन्होंने खेती के लिए कर्ज लिया हुआ था कि टमाटर की फसल अच्छी होगी तो उन्हें काफी मुनाफा होगा. अब मुनाफा तो छोड़िए लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है. जिसको लेकर किसान काफी परेशान है. किसान अब सरकार की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है कि सरकार कोई उनकी मदद करें.