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यहां ना लाड़ली बहना चली और ना मोदी मैजिक आया काम, कमलनाथ के सामने चारों खाने चित - छिंदवाड़ा की सभी सीटें कांग्रेस को

मध्य प्रदेश में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. इसके पीछे मोदी मैजिक और लाड़ली बहना स्कीम को बताया जा रहा है. लेकिन छिंदवाड़ा जिले में ये सब कारण बौने साबित हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कई केंद्रीय नेताओं ने छिंदवाड़ा में कमलनाथ के किले को फतह करने के लिए जोर लगाया. लेकिन कमलनाथ एक बार फिर अजेय योद्धा साबित हुए.

Kamalnath strong hold chhindwara congress win
छिंदवाड़ा में ना लाड़ली बहना चली और ना मोदी मैजिक आया काम
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 5, 2023, 12:12 PM IST

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिला कांग्रेस का किला यूं ही नहीं कहलाता है. छिंदवाड़ा जिले में कांग्रेस और कमलनाथ को हराने के लिए भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्री और नेताओं ने राजनीतिक बिसात बिछाई लेकिन कमलनाथ इन सब नेताओं पर एक बार फिर भारी पड़े. छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से खुद कमलनाथ तो चुनाव जीते ही. इसके साथ ही जिले की छह और विधानसभा सीटों पर भी कांग्रेस के विधायक दूसरी बार चुनकर आए हैं. खास बात यह रही कि पूरे चुनाव के दौरान छिंदवाड़ा जिले में कमलनाथ और उनके बेटे छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ के अलावा किसी ने भी चुनाव प्रचार नहीं किया.

बीजेपी के दिग्गजों के दौरे काम नहीं आए : भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कमलनाथ को हराने के लिए मार्च से छिंदवाड़ा में काम शुरू कर दिया था. अमित शाह ने छिंदवाड़ा में ही सबसे पहली रैली महा विजय अभियान के नाम से की थी. इसके बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नितिन गडकरी, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, स्मृति ईरानी, एल मुरूगन, भानु प्रताप सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर और खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय नेता कैलाश विजयवर्गीय, रवि शंकर प्रसाद, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित प्रदेश स्तर के कई नेताओं ने बीजेपी को जिताने के लिए जी-तोड़ मेहनत की. लेकिन कुछ काम नहीं आया.

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पीएम मोदी की सिवनी में रैली : छिंदवाड़ा के पड़ोसी जिले सिवनी में भी पीएम नरेंद्र मोदी ने सभा की थी. जहां पर छिंदवाड़ा के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे थे. इसके साथ ही बीजेपी की प्रचंड जीत के पीछे लाडली बहनाओं का योगदान बताया जा रहा है. छिंदवाड़ा में भी भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासी वोट बैंक पर फोकस किया था. अमित शाह ने आदिवासियों की रैली के साथ ही आदिवासियों के प्रमुख धार्मिक स्थल आंचल कुंड में दर्शन किए थे. लेकिन छिंदवाड़ा जिले की जनता ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट किया. इस प्रकार यहां ना तो लाडली बहना का असर हुआ और ना ही मोदी मैजिक चला.

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिला कांग्रेस का किला यूं ही नहीं कहलाता है. छिंदवाड़ा जिले में कांग्रेस और कमलनाथ को हराने के लिए भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्री और नेताओं ने राजनीतिक बिसात बिछाई लेकिन कमलनाथ इन सब नेताओं पर एक बार फिर भारी पड़े. छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से खुद कमलनाथ तो चुनाव जीते ही. इसके साथ ही जिले की छह और विधानसभा सीटों पर भी कांग्रेस के विधायक दूसरी बार चुनकर आए हैं. खास बात यह रही कि पूरे चुनाव के दौरान छिंदवाड़ा जिले में कमलनाथ और उनके बेटे छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ के अलावा किसी ने भी चुनाव प्रचार नहीं किया.

बीजेपी के दिग्गजों के दौरे काम नहीं आए : भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कमलनाथ को हराने के लिए मार्च से छिंदवाड़ा में काम शुरू कर दिया था. अमित शाह ने छिंदवाड़ा में ही सबसे पहली रैली महा विजय अभियान के नाम से की थी. इसके बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नितिन गडकरी, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, स्मृति ईरानी, एल मुरूगन, भानु प्रताप सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर और खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय नेता कैलाश विजयवर्गीय, रवि शंकर प्रसाद, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित प्रदेश स्तर के कई नेताओं ने बीजेपी को जिताने के लिए जी-तोड़ मेहनत की. लेकिन कुछ काम नहीं आया.

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