छिंदवाड़ा। जिले में एक शासकीय अधिकारी सुसाइड मामले में पुलिस ने खुलासा किया है. महिला एवं बाल विकास विभाग में पदस्थ परियोजना अधिकारी ने कुछ दिनों पहले क्रिप्टो करेंसी में हो रहे नुकसान की वजह से आत्महत्या कर ली थी. अब इस मामले में कोतवाली पुलिस ने एक परियोजना अधिकारी और कर्मचारी को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि आरोपी डूबे हुए पैसे की मांग करते हुए मानसिक प्रताड़ित कर रहे थे.
क्रिप्टो करेंसी में लगाए हुए पैसे डूबे: 29 दिसबंर को हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी मनोज वानखेड़े ने आत्महत्या की थी. इस मामले में मौके से मिले सुसाइड नोट और वीडियो के जरिए पुलिस ने बैतूल के चिचोली में पदस्थ परियोजना अधिकारी निर्मल सिंह ठाकुर और उसके साथी ब्रजेश विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया है. जांच में सामने आया कि, दोनों आरोपियों ने क्रिप्टो करेंसी फंड में मनोज के माध्यम से निवेश किया था (Chhindwara Manoj Wankhede loss in Crypto Currency). ब्रजेश ने 24 हजार लगाए थे, जिसके एवज में उसे 16 लाख रुपए मिलने का भरोसा दिया गया था. वहीं निर्मल को 34 हजार के बदले 24 लाख रुपए से ज्यादा की रकम मिलने का भरोसा दिलाया गया था. क्रिप्टो करेंसी में यह रकम डूबने के बाद से दोनों मनोज को परेशान कर रहे थे. इस बीच आरोपी मनोज से ढाई लाख रुपए की रकम भी ले चुके थे. बाकी रकम के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है. कोर्ट ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
MP Chhindwara क्रिप्टो करेंसी में रकम लगाने से हुए नुकसान के बाद परियोजना अधिकारी ने किया सुसाइड
सुसाइड के पहले बनाया था वीडियो: टीआई सुमेर सिंह जगेत ने बताया कि ''सुसाइड करने वाले परियोजना अधिकारी मनोज वानखेड़े ने आत्महत्या करने से पहले अपने मोबाइल में एक वीडियो बनाया था. इसमें उसने दोनों आरोपियों पर पैसे के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. मनोज वानखेड़े ने वीडियो में बताया था कि, उसने उन दोनों आरोपियों को क्रिप्टो करेंसी में पैसे लगाने के लिए जबरदस्ती नहीं की थी, सिर्फ आपसी चर्चा में इनसे पैसे इंवेस्ट करने की बात कही थी. सभी ने आपसी सहमति से पैसे भी इंवेस्ट किए थे, लेकिन उसके बाद लगातार दोनों आरोपी उस पर पैसे देने का दबाव बना रहे थे. इसी वजह से वह आत्महत्या करने जैसा कदम उठा रहा है''.
सीएम हेल्पलाइन में भी की गई थी शिकायत: छिंदवाड़ा डीआईजी आर.आर.एस परिहार ने बताया कि ''आत्महत्या करने वाले महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी मनोज वानखेड़े की शिकायत आरोपियों ने सीएम हेल्पलाइन में भी की थी. इसके साथ ही पुलिस और विभाग में भी क्रिप्टो करेंसी और चिट फंड में पैसे इंवेस्ट कराने के नाम पर पैसे ठगने की शिकायत करने की बार-बार धमकी दे रहे थे (Chhindwara loss in Crypto Currency Suicide). पुलिस की विवेचना में दोनों आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के सबूत मिले हैं, इसी आधार पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है''.