छिंदवाड़ा। नगर निगम पर पानी का 20 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया है. पहले नगरपालिका और फिर नगर निगम सालों से कन्हरगांव बांध से लिए जा रहे पानी का शुल्क नहीं चुका रहा है. जिससे बकाया बढ़ता ही जा रहा है. जबकि खुद निगम जलापूर्ति के बदले शहरवासियों से बाकायदा शुल्क वसूल रहा है. हर माह करीब 35 लाख रुपए नगर निगम शहरवासियों से जलकर के रूप में वसूलता है. जबकि डैम से लिए जा रहे पानी का 3.87 लाख रुपए ही उसे हर माह चुकाना है.
ये है अनुबंध : अब सवाल यह कि पानी का पैसा आखिर जा कहां रहा है. डैम से नगर निगम का सालभर में करीब 7.08 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का अनुबंध है. सालभर में इससे ज्यादा पानी शहर की जलापूर्ति व्यवस्था में लग जाता है. रीडिंग के आधार पर डब्ल्यूआरडी बिलिंग करता है. वर्ष 2021-22 में नगर निगम को सालभर का करीब 50 लाख रुपए शुल्क जलसंसाधन विभाग को चुकाना था लेकिन महज 5 लाख रुपए चुकाया गया. इस वित्तीय वर्ष में अब तक करीब 22 लाख रुपए का बिल हो चुका है. बताया जाता है कि जून माह में 3.69 लाख रुपए चुकाए गए हैं.
48 वार्डों में नल कनेक्शन 36 हजार : शहर के 48 वार्डों में नगरनिगम ने 36 हजार मकानों में नल कनेक्शन दे रखे हैं. ये वे कनेक्शन हैं जिनसे जलकर की वसूली की जा रही है. प्रत्येक कनेक्शन पर नगर निगम 150 रुपए हर माह जलकर की वसूली करता है. कई नगरपालिका और नगर परिष भी बिल अदा नहीं कर रहे हैं. नगरपालिका पांढुर्ना पर पानी के शुल्क का 15 करोड़ रुपए बकाया है. पांदन नगर में जुनेवानी जलाशय से हर साल 2.63 एमसीएम पानी दिया जाता है. सालों से नपा पानी का शुल्क नहीं चुका पा रही है. वहीं, नगरपालिका अमरवाड़ा से डब्ल्यूआरडी को पानी शुल्क 20 लाख रुपए से ज्यादा वसूल करना है. तवा, सकरवाड़ा और हरनभटा जलाशय से नपा 1.58 एमसीएम पानी साल भर में लेती है. नगरपरिषद हर्रई जल संसाधन विभाग के हर्रई जलाशय से नगर में जलापूर्ति है. उक्त जलाशय से नगरपरिषद साल भर में 0.80 एमसीएम पानी लेती है. जिसका 20 लाख रुपए से ज्यादा शुल्क बकाया है.
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नगर निगम से 20 करोड़ रुपए से ज्यादा का शुल्क लेना है. एसीएस ने वसूली के सख्त निर्देश दिए हैं. तनख्वाह रुकने की चेतावनी दी है. वसूली के लिए निगम कमिश्नर से मिलकर मांग की गई है. उन्होंने डिटेल मांगी थी, वह भी दे दी गई है. अब तक बकाया की राशि नहीं दी गई है. नोटिस के जरिए फिर अवगत कराया है.
- कुमकुम पटेल, ईई, जल संसाधन विभाग