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MP Assembly Election Podcast: छिंदवाड़ा से फिर मैदान में राजनीति के अजेय योद्धा कमलनाथ, पॉडकास्ट में सुनें कमलनाथ का सियासी सफर

Kamal Nath Political Journey: ईटीवी भारत के पॉडकास्ट में आज सुनेंगे कि राजनीति के अजेय योद्धा कहे जाने वाले कमलनाथ का सियासी सफर कैसा था, वे कैसे राजनीति में आए और कैसे चुनाव जीतते चले गए. आइए सुनते हैं पूरा पॉडकास्ट-

Kamal Nath political journey podcast
कमलनाथ का सियासी सफर पॉडकास्ट
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 16, 2023, 10:58 AM IST

Updated : Oct 16, 2023, 11:43 AM IST

राजनीति के अजेय योद्धा कमलनाथ का सियासी सफर

छिंदवाड़ा। साल 1980 के लोकसभा चुनाव के दौरान छिंदवाड़ा में प्रचार करने पहुंची तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कमलनाथ को अपना तीसरा बेटा बताया था और छिंदवाड़ा के लोगों से वोट देने की अपील की थी, उसके बाद से कमलनाथ ने राजनीति के मैदान में पीछे मुड़कर नहीं देखा. जानिए इस अजेय योद्धा का राजनीतिक सफर.

जन्मभूमि से लेकर कर्मभूमि तक कमलनाथ का सफर: 18 नवंबर 1946 को कानपुर के खलासी लाइन में कमलनाथ का जन्म हुआ. कमलनाथ की प्रारंभिक शिक्षा कानपुर में हुई, उनके पिता महेंद्र नाथ और मां लीला नाथ उन्हें पढ़ा लिखा कर वकील बनना चाहते थे. कानपुर के बाद उनके माता-पिता कोलकाता में जाकर बस गए कमलनाथ की स्कूली शिक्षा देहरादून के दोनों स्कूल से हुई, उसके बाद उन्होंने कोलकाता के सेंट जेवियर कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया. कमलनाथ को साल 2006 में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया, कमलनाथ 1980 में पहली बार छिंदवाड़ा से सांसद चुने गए इसके बाद वे 1984, 1989, 1991, 1997, 1998, 1999, 2004, 2009, 2014 तक छिंदवाड़ा लोकसभा से सांसद रहे. कमलनाथ अब तक सिर्फ 1997 के छिंदवाड़ा में हुए लोकसभा का चुनाव मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा से हारे थे.

कुछ और पॉडकास्ट यहां सुनें:

कमलनाथ ने मोदी लहर में भी बीजेपी को दी पटखनी: 2018 में विधानसभा चुनाव में 15 सालों से सत्ता का बनवास झेल रही कांग्रेस को वापस लाकर मुख्यमंत्री बने कमलनाथ ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने बेटे नकुलनाथ को मैदान में उतारा. पूरे प्रदेश में मोदी लहर के चलते 28 लोकसभा सीटों में भाजपा ने जीत दर्ज की. खुद कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी चुनाव हार गए, लेकिन छिंदवाड़ा लोकसभा सीट में कमलनाथ की बेटे नकुलनाथ ने जीत दर्ज की थी.

राजनीति के अजेय योद्धा कमलनाथ का सियासी सफर

छिंदवाड़ा। साल 1980 के लोकसभा चुनाव के दौरान छिंदवाड़ा में प्रचार करने पहुंची तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कमलनाथ को अपना तीसरा बेटा बताया था और छिंदवाड़ा के लोगों से वोट देने की अपील की थी, उसके बाद से कमलनाथ ने राजनीति के मैदान में पीछे मुड़कर नहीं देखा. जानिए इस अजेय योद्धा का राजनीतिक सफर.

जन्मभूमि से लेकर कर्मभूमि तक कमलनाथ का सफर: 18 नवंबर 1946 को कानपुर के खलासी लाइन में कमलनाथ का जन्म हुआ. कमलनाथ की प्रारंभिक शिक्षा कानपुर में हुई, उनके पिता महेंद्र नाथ और मां लीला नाथ उन्हें पढ़ा लिखा कर वकील बनना चाहते थे. कानपुर के बाद उनके माता-पिता कोलकाता में जाकर बस गए कमलनाथ की स्कूली शिक्षा देहरादून के दोनों स्कूल से हुई, उसके बाद उन्होंने कोलकाता के सेंट जेवियर कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया. कमलनाथ को साल 2006 में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया, कमलनाथ 1980 में पहली बार छिंदवाड़ा से सांसद चुने गए इसके बाद वे 1984, 1989, 1991, 1997, 1998, 1999, 2004, 2009, 2014 तक छिंदवाड़ा लोकसभा से सांसद रहे. कमलनाथ अब तक सिर्फ 1997 के छिंदवाड़ा में हुए लोकसभा का चुनाव मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा से हारे थे.

कुछ और पॉडकास्ट यहां सुनें:

कमलनाथ ने मोदी लहर में भी बीजेपी को दी पटखनी: 2018 में विधानसभा चुनाव में 15 सालों से सत्ता का बनवास झेल रही कांग्रेस को वापस लाकर मुख्यमंत्री बने कमलनाथ ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने बेटे नकुलनाथ को मैदान में उतारा. पूरे प्रदेश में मोदी लहर के चलते 28 लोकसभा सीटों में भाजपा ने जीत दर्ज की. खुद कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी चुनाव हार गए, लेकिन छिंदवाड़ा लोकसभा सीट में कमलनाथ की बेटे नकुलनाथ ने जीत दर्ज की थी.

Last Updated : Oct 16, 2023, 11:43 AM IST
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