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तमिलनाडु में मिला ढाई साल पहले छिंदवाड़ा से लापता युवक, एनजीओ ने की मदद

छिंदवाड़ा जिले के जामसावंली से करीब ढाई साल पहले गुम हुए युवक को एक संस्था ने उसके परिवार तक पहुंचाया, युवक मानसिक रूप से विक्षिप्त है.

missing man of chhindwara found
एनजीओ के साथ युवक
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Published : Jan 23, 2020, 2:03 PM IST

छिंदवाड़ा। सौंसर के चमत्कारिक हनुमान मंदिर जामसांवली से ढाई वर्ष पहले गुम हुए युवक को ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान सौंसर ने परिवार से मिलाया है. युवक तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिला अस्पताल में भर्ती था, जब एनजीओ के प्रयास से युवक परिवार से मिला तो सबकी आंखे नम हो गईं.


संस्था संचालक अजय धवले ने बताया कि, विक्षिप्त युवक को उसके पिता ढाई साल पहले हनुमान मंदिर जामसांवली लेकर गए थे, जहां से वो विछड़ गया. परिवार ने पुलिस को सूचना देकर खोजबीन की, लेकिन युवक कही नहीं मिला. कई माह बीत जाने के बाद उसके परिजन ने युवक के मिलने की उम्मीद छोड़ दी थी.


युवक तमिलनाडु कैसे पहुंचा यह उसे भी नहीं पता, युवक दो साल से तिरुवन्नामलाई के जिला अस्पताल में भर्ती था, जहां पर उसका उपचार हुआ और धीरे -धीरे वो सामान्य स्थिति में आया. स्वस्थ होने बाद अस्पताल के सामाजिक कार्यकर्ता ने युवक से परिवार की जानकरी ली, लेकिन उसे ज्यादा कुछ याद नहीं आ रहा था, सिर्फ छिंदवाड़ा जिले का होने की बात बताई. उसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान सौंसर से संपर्क किया और युवक की जानकारी देकर उसके फोटो भेजे.


संस्था द्वारा संचालित संजीवनी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के कार्यकर्ताओं ने परासिया के एक सहयोगी संस्था की मदद से युवक के गांव और परिवार को खोजकर जानकारी दी. युवक के सही सलामत होने की जानकरी मिलते ही उसके परिवार में सभी खुश हो गए.


युवक के पिता किसान हैं और उन्हें तमिलनाडु राज्य की कोई जानकरी नहीं थी, संस्था ने उन्हें तिरुवन्नामलाई भेजकर उनको वहां सहयोगी संस्था से मदद दिलाकर युवक को परिवार से मिलाया.

छिंदवाड़ा। सौंसर के चमत्कारिक हनुमान मंदिर जामसांवली से ढाई वर्ष पहले गुम हुए युवक को ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान सौंसर ने परिवार से मिलाया है. युवक तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिला अस्पताल में भर्ती था, जब एनजीओ के प्रयास से युवक परिवार से मिला तो सबकी आंखे नम हो गईं.


संस्था संचालक अजय धवले ने बताया कि, विक्षिप्त युवक को उसके पिता ढाई साल पहले हनुमान मंदिर जामसांवली लेकर गए थे, जहां से वो विछड़ गया. परिवार ने पुलिस को सूचना देकर खोजबीन की, लेकिन युवक कही नहीं मिला. कई माह बीत जाने के बाद उसके परिजन ने युवक के मिलने की उम्मीद छोड़ दी थी.


युवक तमिलनाडु कैसे पहुंचा यह उसे भी नहीं पता, युवक दो साल से तिरुवन्नामलाई के जिला अस्पताल में भर्ती था, जहां पर उसका उपचार हुआ और धीरे -धीरे वो सामान्य स्थिति में आया. स्वस्थ होने बाद अस्पताल के सामाजिक कार्यकर्ता ने युवक से परिवार की जानकरी ली, लेकिन उसे ज्यादा कुछ याद नहीं आ रहा था, सिर्फ छिंदवाड़ा जिले का होने की बात बताई. उसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान सौंसर से संपर्क किया और युवक की जानकारी देकर उसके फोटो भेजे.


संस्था द्वारा संचालित संजीवनी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के कार्यकर्ताओं ने परासिया के एक सहयोगी संस्था की मदद से युवक के गांव और परिवार को खोजकर जानकारी दी. युवक के सही सलामत होने की जानकरी मिलते ही उसके परिवार में सभी खुश हो गए.


युवक के पिता किसान हैं और उन्हें तमिलनाडु राज्य की कोई जानकरी नहीं थी, संस्था ने उन्हें तिरुवन्नामलाई भेजकर उनको वहां सहयोगी संस्था से मदद दिलाकर युवक को परिवार से मिलाया.

Intro:छिंदवाड़ा । सौंसर के चमत्कारिक हनुमान मंदिर जामसांवली से ढाई वर्ष पहले गुमशुदा हुए युवक को ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान सौंसर ने परिवार से मिलाया। युवक तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिला अस्पताल में भर्ती था । जब एनजीओ प्रयास से युवक परिवार से परिवार से मिला तो सबकी आंखे नम हो गई। Body:संस्था संचालक अजय धवले ने बताया कि परासिया के एक गाँव का रहने वाला 19 साल का मानसिक रोग से अवस्थ युवक को जून 2017 में उसके किसान पिता जामसांवली लेकर आए थे और 2 दिन बाद वह मंदिर परिसर से गुमशुदा हो गया , तब उसके परिवार ने पुलिस को सुचना देकर खोजबीन की लेकिन युवक कही नहीं मिला। कई महिनों तक खोजबीन करने के बाद परिवार ने युवक के मिलने की आशा छोड़ दी थी। उन्हें लगता था कि उनका बेटा अब कभी नहीं मिलेगा। युवक तमिलनाडु कैसे पहुंचा यह उसे भी नहीं पता , युवक दो साल से तिरुवन्नामलाई के जिला अस्पताल में भर्ती था ,जहां पर उसका उपचार हुआ और धीरे -धीरे वह सामान्य स्थिति में आया। स्वस्थ होने बाद अस्पताल के सामाजिक कार्यकर्ता ने युवक से परिवार की जानकरी ली लेकिन उसे ज्यादा कुछ याद नहीं आ रहा था ,उसने छिंदवाड़ा जिले का होने बात बताई। उसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान सौंसर से संपर्क किया और युवक की जानकारी देकर उसके फोटो भेजे। संस्था द्वारा संचालित संजीवनी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के कार्यकर्ताओ ने परासिया के एक सहयोगी संस्था की मदद से युवक के गांव और परिवार को खोजकर जानकारी दी। युवक सही सलामत होने की जानकरी मिलते ही उसके परिवार में सभी खुश हो गए। युवक के पिता किसान हैं और उन्हें तमिलनाडु राज्य की कोई जानकरी नहीं थी,संस्था ने उन्हें तिरुवन्नामलाई भेजकर उनको वहा सहयोगी संस्था से मदद दिलाकर युवक को परिवार से मिलाया। Conclusion: ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान हनुमान मंदिर परिसर के साथ क्षेत्र में संजीवनी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है ,जिसके माध्यम से मानसिक रोगियो का उपचार और पुनर्वास कार्य किए जा रहे हैं। संस्था के प्रयास से सैकड़ो मानसिक रोगी स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी रहे हैं।

नोट- युवक तमिलनाडू में मिला है इसलिए सिर्फ फोटो ही अरेंज हो पाए हैं इसलिए ड्राय न्यूज भेजा है।
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