छिंदवाड़ा। चौरई के कुकरई में दबंगों द्वारा 12 एकड़ शासकीय जमीन पर कब्जा करने ऑल पट्टा आवंटित होने पर ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट आ कर सौंपा ज्ञापनय शासकीय भूमि घास मध्य में थी जहां पर मवेशी चढ़ते थे वहीं से शमशान जाने का रास्ता था और तालाब जाने का रास्ता था, वह बंद कर दिया गया है, जिसके विरोध में आदिवासी समाज के लोगों ने कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन.
छिंदवाड़ा जिले के चौरई तहसील के कुकरई ग्राम में रहने वाले आदिवासियों ने आकर ज्ञापन सौंपा और कलेक्टर से मांग की कि जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए उन्होंने कहा कि को कई में दबंग के द्वारा और लगभग 12 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया गया है जो शासकीय जमीन है जहां पर घास मद के नाम से जमीन स्वीकृत है इस जमीन पर दबंगों द्वारा मिलीभगत कर पट्टा ले लिया गया है जिसके विरोध में ग्रामीण एकजुट होकर शासकीय भूमि को खाली कराने की मांग को लेकर पहुंचे.
आदिवासी ग्रामीणों ने बताया कि इस रास्ते से सभी लोगों का आना जाना लगा रहता था इस जगह पर घास चरने के लिए मवेशी आते थे इसी रास्ते से शमशान जाने का भी रास्ता है और तालाब जाने का भी दबंगों द्वारा शासकीय लोगों के साथ मिलकर जमीन पर कब्जा कर लिया गया है.
दबंगों के कब्जे से सरकारी जमीन छुड़वाने के लिए सौंपा ज्ञापन - Chaukai Kukrai
चौरई के कुकरई में दबंगों द्वारा 12 एकड़ शासकीय जमीन पर कब्जा करने ऑल पट्टा आवंटित होने पर ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट आ कर सौंपा ज्ञापनय शासकीय भूमि घास मध्य में थी जहां पर मवेशी चढ़ते थे वहीं से शमशान जाने का रास्ता था और तालाब जाने का रास्ता था, वह बंद कर दिया गया है, जिसके विरोध में आदिवासी समाज के लोगों ने कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन.
छिंदवाड़ा। चौरई के कुकरई में दबंगों द्वारा 12 एकड़ शासकीय जमीन पर कब्जा करने ऑल पट्टा आवंटित होने पर ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट आ कर सौंपा ज्ञापनय शासकीय भूमि घास मध्य में थी जहां पर मवेशी चढ़ते थे वहीं से शमशान जाने का रास्ता था और तालाब जाने का रास्ता था, वह बंद कर दिया गया है, जिसके विरोध में आदिवासी समाज के लोगों ने कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन.
छिंदवाड़ा जिले के चौरई तहसील के कुकरई ग्राम में रहने वाले आदिवासियों ने आकर ज्ञापन सौंपा और कलेक्टर से मांग की कि जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए उन्होंने कहा कि को कई में दबंग के द्वारा और लगभग 12 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया गया है जो शासकीय जमीन है जहां पर घास मद के नाम से जमीन स्वीकृत है इस जमीन पर दबंगों द्वारा मिलीभगत कर पट्टा ले लिया गया है जिसके विरोध में ग्रामीण एकजुट होकर शासकीय भूमि को खाली कराने की मांग को लेकर पहुंचे.
आदिवासी ग्रामीणों ने बताया कि इस रास्ते से सभी लोगों का आना जाना लगा रहता था इस जगह पर घास चरने के लिए मवेशी आते थे इसी रास्ते से शमशान जाने का भी रास्ता है और तालाब जाने का भी दबंगों द्वारा शासकीय लोगों के साथ मिलकर जमीन पर कब्जा कर लिया गया है.