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जहरीली हवा से जंग! मैकेनिक ने वेस्ट मैटेरियल से बनाई इको फ्रेंडली बाइक

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए छिंदवाड़ा के एक मैकेनिक ने बैट्री चलित इको फ्रेंडली बाइक बना डाली. इस आविष्कार के लिए गोदाम में पडे़ वेस्ट मैटेरियल का ही उपयोग भी किया है.

bike made with waste
कूड़े की बाइक
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Published : Nov 26, 2019, 2:45 PM IST

छिंदवाड़ा। आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है और दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो ये काम और भी आसान हो जाता है. प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देख मैकेनिक सुभाष रूंधे ने बेकार पड़े सामान से ऐसी बाइक बना डाली, जो बिना जहर उगले सवार को उसके गंतव्य तक बेहद सुगमता से पहुंचा देता है. 72 वोल्ट की बैट्री के सपोर्ट से चलने वाली इको फ्रेंडली बाइक बेहद आरामदायक भी लगती है.

कूड़े की बाइक

दिल्ली की जहरीली होती हवा के बारे में जानने के बाद सुभाष प्रदूषण मुक्त गाड़ी बनाने की ठानी और गोदाम में पड़े वेस्ट मैटेरियल से प्रदूषण मुक्त बाइक बना डाली.

सुभाष पिछले 25 साल से बाइक रिपेयरिंग का काम कर रहे हैं, जिसके जरिए वो अपने परिवार का भरण पोषण करते आ रहे हैं, इसलिए उन्हें गाड़ी बनाने में कोई परेशानी नहीं हुई.

सुभाष ने बताया कि बाइक में 72 वोल्ट की बैट्री लगी है, साथ ही एक किट लगी है, जो बैट्री से उत्पन्न करंट को जरूरत के हिसाब से अलग-अलग भागों तक पहुंचाता है.

हवा-पानी के बिना जिंदगी मुश्किल है, यही हवा जब प्रदूषित हो जाती है तो भी वह जीवन के लिए खतरा बन जाती है, ऐसे में जिंदगी बचाने के लिए पर्यावरण को संरक्षित करना जरूरी हो जाता है, लेकिन वाहनों-कारखानों से निकलते धुएं हवा में जहर घोल रहे हैं, ऐसे में सुभाष का ये आविष्कार प्रदूषण बचाने के लिए हर किसी को प्रेरित करता है.

छिंदवाड़ा। आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है और दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो ये काम और भी आसान हो जाता है. प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देख मैकेनिक सुभाष रूंधे ने बेकार पड़े सामान से ऐसी बाइक बना डाली, जो बिना जहर उगले सवार को उसके गंतव्य तक बेहद सुगमता से पहुंचा देता है. 72 वोल्ट की बैट्री के सपोर्ट से चलने वाली इको फ्रेंडली बाइक बेहद आरामदायक भी लगती है.

कूड़े की बाइक

दिल्ली की जहरीली होती हवा के बारे में जानने के बाद सुभाष प्रदूषण मुक्त गाड़ी बनाने की ठानी और गोदाम में पड़े वेस्ट मैटेरियल से प्रदूषण मुक्त बाइक बना डाली.

सुभाष पिछले 25 साल से बाइक रिपेयरिंग का काम कर रहे हैं, जिसके जरिए वो अपने परिवार का भरण पोषण करते आ रहे हैं, इसलिए उन्हें गाड़ी बनाने में कोई परेशानी नहीं हुई.

सुभाष ने बताया कि बाइक में 72 वोल्ट की बैट्री लगी है, साथ ही एक किट लगी है, जो बैट्री से उत्पन्न करंट को जरूरत के हिसाब से अलग-अलग भागों तक पहुंचाता है.

हवा-पानी के बिना जिंदगी मुश्किल है, यही हवा जब प्रदूषित हो जाती है तो भी वह जीवन के लिए खतरा बन जाती है, ऐसे में जिंदगी बचाने के लिए पर्यावरण को संरक्षित करना जरूरी हो जाता है, लेकिन वाहनों-कारखानों से निकलते धुएं हवा में जहर घोल रहे हैं, ऐसे में सुभाष का ये आविष्कार प्रदूषण बचाने के लिए हर किसी को प्रेरित करता है.

Intro:छिंदवाड़ा! जहां चाहा वहां रहा कहावत सही होती दिखाई देती है पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए एक व्यक्ति ने जुगाड़ के सामान से बाइक का निर्माण किया जो बैटरी और किट के सपोर्ट से चलती है बाइक बनाने वाले व्यक्ति का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण इतना बढ़ चुका है कि लोग सांस तक नहीं ले पा रहे इस बात से प्रेरित होकर जुगाड़ के सामान से बाइक बनाई


Body:छिंदवाड़ा में रहने वाले सुभाष रुंधे नाम के व्यक्ति ने पर्यावरण प्रदूषण से प्रेरित होकर वेस्ट सामान से एक बाइक का निर्माण किया जो बिना डीजल पेट्रोल के चलती है इस गाड़ी में ना तो धुआं होता है ना ही आवाज जहां 72 वोल्ट की बैटरी से गाड़ी चलती है इसमें किट लगाई गई है जिसके सपोर्ट से मोटर घूमती है हालांकि उन्होंने बाहर से खरीद कर लाया है पर इस गाड़ी का डिजाइन जुगाड़ के सामान से बनाकर खुद ही निर्माण कर दिया यह पिछले लगभग 25 सालों से मैकेनिक का काम कर रहे हैं

पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए बिना पेट्रोल डीजल के चलने वाली बाईक निर्माण का सोचा- सुभाष ने बताया कि बिना पेट्रोल डीजल की बाइक बनाने की प्रेरणा उन्हें दिल्ली में हर साल हो रहे प्रदूषण को देखते हुए उनके दिमाग में विचार आया की ऐसी गाड़ियों का चलन भरना चाहिए जिसमें पेट्रोल डीजल का उपयोग ना हो और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखा जा सके उन्होंने जुगाड़ का सामान से बाइक निर्माण करना शुरू किया

पाइप और वेस्ट मटेरियल से मिलाकर बनाई है बाइक- उन्होंने बताया कि उनके दिमाग में जब यह बात आई कि मुझे एक प्रदूषण मुक्त गाड़ी बनानी है तो उन्होंने घर में पड़े हुए गिरिल के डंडे और वेस्टेज मटेरियल का उपयोग किया,

25 सालों से कर रहे हैं मैकेनिक का काम- उन्होंने बताया कि पिछले 25 सालों से लगातार वाह मैकेनिकल काम कर रहे हैं गाड़ियों को सुधारना रिपेयरिंग करना और इस काम के द्वारा वह अपने परिवार का भरण पोषण करते आ रहे हैं इसलिए उन्हें गाड़ी बनाने में ज्यादा दिक्कतों का सामना करना नहीं पड़ा

बिना पेट्रोल डीजल से चलने वाली गाड़ी बनाई- उन्होंने बताया कि प्रदूषण को देखते हुए और पेट्रोल डीजल के लगातार बढ़ते दामों को देखते हुए और पर्यावरण स्वच्छ बना रहे इन सभी बातों को देखते हुए उन्होंने बैटरी बाइक का निर्माण किया इसमें लगभग 72 वोल्ट की बैटरी लगी है इसके साथ ही एक किट लगी है जिससे इंडिकेटर और होम के लिए 12 बोर की जरूरत होती है उससे वह कन्वर्ट हो जाता है हालांकि उन्होंने किट बाजार से खरीद कर लाई है इस गाड़ी को बनाने में लागत लगभग ₹80000 लग गई बताया साथ ही उन्होंने बताया कि किट ही इसकी ₹70000 की है जो उन्होंने बाजार से खरीदा है पर इस गाड़ी का डिजाइन उन्होंने खुद ही बनाया है गाड़ी में सीट के नीचे डिक्की है सामने भी पर्याप्त सामान रखने का स्थान है लगभग यह गाड़ी बाइक और लूना का संगम लगता है इस गाड़ी की बैटरी को चार्ज करने में लगभग 2 घंटे लग जाते हैं वहां अभी मीटर के काम कर रहे हैं जिसमें स्पीड दिखाइए जा सके अभी बाइक किट से मीटर कनेक्ट नहीं हो पाया है

प्रदूषण मुक्त गाड़ी का निर्माण- बैटरी से चलने वाली गाड़ी के कारण पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने में काफी मदद होती है इससे ना तो उधवा निकलता है ना ही आवाज होती है इस गाड़ी को चलाने में भी काफी आसान है



Conclusion:कुछ कर दिखाने की जहा लोगों से क्या-क्या काम नहीं करा लेती वही प्रदूषण से वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने की चाह में एक व्यक्ति ने एक बैटरी बाइक का निर्माण किया

बाईट 01- सुभाष रुंधे , बैटरी बाइक निर्माता
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