छिंदवाड़ा। शिक्षा की अलख जगाने के लिए हाथ में तिरंगा लेकर इंटरनेशनल अल्ट्रा रनर अतुल 333 किलोमीटर का सफर दौड़कर तय करेंगे और लोगों को शिक्षा के लिए प्रेरित करेंगे. मैराथन में कई इंटरनेशनल रिकॉर्ड बना चुके अतुल चौकसे नागपुर से दौड़ते हुए छिंदवाड़ा पहुंचे हैं. अतुल ने बताया कि सामाजिक गतिविधियां और डिस्टेंस एजुकेशन को प्रमोट करने के लिए वे नागपुर से पचमढ़ी तक लगभग 333 किलोमीटर की रनिंग कर रहे हैं.
अतुल चौकसे की यात्रा 14 जुलाई को नागपुर से शुरू हुई थी और वे जगह-जगह रुकते हुए छिंदवाड़ा जिला पहुंचे हैं. इस दौरान वे शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई गतिविधि भी कर रहे हैं और ऐसे इलाकों में जा रहे हैं, जहां शिक्षा को दरकिनार कर काम को प्राथमिकता दी जाती है.
काम के साथ पढ़ाई भी जरूरी
अतुल चौकसे का कहना है कि काम तो जरूरी है ही, लेकिन कई ऐसे लोग हैं जो काम के चलते अपनी पढ़ाई बीच में रोक देते हैं, लेकिन अब ऐसे कई डिस्टेंस एजुकेशन सामने हैं, जिनके जरिए लोग काम करते-करते भी पढ़ाई कर सकते हैं, इसलिए उन्होंने यात्रा निकाली है और लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि ''पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया''.
55 डिग्री तापमान में पूरी की 257 किलोमीटर की दौड़
फिटनेस कोच और इंटरनेशनल रनर अतुल चौकसे ने बताया कि उन्होंने अब तक कई चुनौतीपूर्ण स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मैराथन सफलतापूर्वक की है. 2018 में विश्व की सबसे कठिन इंटरनेशनल मैराथन सहारा रेगिस्तान (उत्तर अफ्रीका) इसमें शामिल है. इस मैराथन में उन्होंने 55 डिग्री तापमान में 257 किलोमीटर की दौड़ पूरी की थी. मैराथन पूरी करने के अलावा उन्होंने हिमालय में वर्ल्ड की हाईएस्ट 114 किलोमीटर की अल्ट्रामैरॉथन भी पूरी की. साथ ही नमक के रेगिस्तान में नॉनस्टॉप 161 किलोमीटर की दौड़ पूरी की. इसके अलावा वे अब तक 25 से अधिक इंटरनेशनल मैराथन प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं.
फिलहाल इंटरनेशनल अल्ट्रा रनर अतुल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 'पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया' के उद्देश्य से 333 किलोमीटर की यात्रा कर रहे हैं. जिसके चलते हर दिन वे हजारों लोगों से मिलते हैं और लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करते हैं. उनका कहना है कि सिर्फ स्कूल जाकर या कॉलेज में ही शिक्षा नहीं पूरी की जा सकती, बल्कि डिस्टेंस एजुकेशन और घर में बैठकर भी पढ़ाई की जा सकती है. इसके लिए हर किसी को आगे आना चाहिए.