छिन्दवाड़ा। मतगणना के दौरान हर टेबल पर EVM मशीन वोटों के आंकड़े बता रही थी, लेकिन छिंदवाड़ा विधानसभा का बूथ क्रमांक 165 की EVM ऐसी मशीन थी, जो जीरो का आंकड़ा दिखा रही थी. आखिर इस मशीन में एक भी वोट क्यों नहीं पड़े? ऐसी EVM जिसके भाग्य में मतदाताओं ने मतदाताओं ने अपने मत का उपयोग नहीं किया. आइए जानते हैं...
ग्रामीणों ने मतदान का किया था बहिष्कार: दरअसल, छिंदवाड़ा जिले के चौरई विधानसभा से शाहपुरा गांव के रहने वाले युवा किसान नेता नीरज पटेल ने कांग्रेस से टिकट की मांग की थी. कमलनाथ ने उन्हें टिकट देने का आश्वासन दिया था, लेकिन एनवक्त पर उनको टिकट नहीं दी गई. गांव में इस युवक के प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया. ग्रामीणों ने इसे कमलनाथ की तरफ से धोखा बताया.
मशीन ने बताएं जीरो के आंकड़े खाली रहा बूथ: छिंदवाड़ा के पीजी कॉलेज में सात विधानसभा की मतगणना हो रही थी. हर एक टेबल पर ईवीएम मशीन सभी प्रत्याशियों को मिले वोटो के आंकड़े बता रही थी. लेकिन बूथ क्रमांक 165 की ईवीएम मशीन के पास आंकड़े नहीं थे. उस मशीन में एक भी वोट नहीं पड़े थे. इसलिए आंकड़ा जीरो था. वोटिंग के दिन भी प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को काफी समझाइए दी थी. वह जाकर मतदान करें. लेकिन कोई भी ग्रामीण मतदान करने नहीं पहुंचा था.
कमलनाथ के छिन्दवाड़ा विधानसभा का है शाहपुरा गांव: दरअसल, शाहपुरा में गांव उस समय चर्चाओं में आया था, जब वोटिंग हो रही थी. यह गांव छिंदवाड़ा विधानसभा मैं आता है इस विधानसभा से कमलनाथ प्रत्याशी थे. हालांकि, कमलनाथ छिंदवाड़ा से चुनाव जीत गए. यह विधानसभा चर्चाओं में रही. अधिकतर लोग विकास के मुद्दे और अन्य बातों को लेकर मतदान का बहिष्कार करते नजर आते थे. यह ऐसा गांव था, जहां पर लोगों ने गांव के युवक को चुनावी टिकट नहीं मिलने के चलते मतदान का बहिष्कार किया था.