छिंदवाड़ा। जिले में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है. छिंदवाड़ा जिले में करीब 745 एक्टिव केस हो चुके हैं. इसके अलावा कई मरीज जिले के बाहर भी इलाज करवा रहे हैं. मंगलवार को छिंदवाड़ा जिले में कोरोना के 79 नए संक्रमित मिले. वहीं 37 लोगों का अंतिम संस्कार भी कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया गया.
सरकारी आंकड़ों में सिर्फ 2 मौत
छिंदवाड़ा जिले में मंगलवार को 79 नए संक्रमित मरीज मिले, इसी के साथ जिले में एक्टिव केस की संख्या 745 पर पहुंच गई. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले में मंगलवार को सिर्फ 2 मरीजों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई, लेकिन शहर के श्मशान घाटों में कुल 37 लोगों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया गया. जिनमें परतला मोक्षधाम में 23 लोगों का, नागपुर रोड श्मशान घाट में 9 मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया. वहीं कब्रिस्तान में भी कोरोना प्रोटोकॉल के तहत 5 मृतकों को सुपुर्दे-ए-खाक किया गया. इधर सोमवार को 61 कोरोना संक्रमित ठीक होकर अपने घर भी पहुंचे.
जिले में 459 कंटेनमेंट जोन
22 लाख आबादी वाले छिंदवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित सौंसर और पांढुर्णा में सामने आ रहे हैं. पूरे जिले में फिलहाल 459 क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन में बदल दिया गया है. अकेले छिंदवाड़ा शहर में ही 24 वार्डों को कंटेनमेंट जोन बनाया जा चुका है.
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एक और निजी अस्पताल को कोविड अस्पताल में बदला
छिंदवाड़ा शहर के दो सरकारी अस्पतालों और 7 निजी अस्पतालों में कोविड-19 इलाज जारी है. इन अस्पतालों में मरीजों के लिए एक भी बेड खाली नहीं मिल रहा है. स्थिति को देखते हुए शहर के एक और निजी अस्पताल को कोविड अस्पताल में बदल दिया गया है. छिंदवाड़ा जिले के सरकारी अस्पतालों में हर दिन लगभग 2400 लीटर ऑक्सीजन की खपत हो रही है, तो निजी अस्पतालों में हर दिन लगभग 1500 लीटर तक ऑक्सीजन की खपत हो रही है.
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रेमडेसिविर, फेबिफ्लू की कमी, जमीन पर लेटाकर इलाज
छिंदवाड़ा जिले में जिस तरीके से कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, उतनी ही ज़रूरी दवाओं की कमी भी सामने आ रही है. जिले में रेमडेसिविर की कमी अभी भी बरकरार है. जिले में लोगों को फेबिफ्लू जैसी सामान्य दवाएं भी आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रही है. छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड के सभी बेड भरे हुए हैं. हालात इस कदर खराब हो रहे हैं कि अब मरीजों को जमीन पर लेटाकर इलाज किया जा रहा है.