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Chhindwara Kuno cheetah project अफ्रीकी चीतों का भोजन बनेंगे पेंच टाइगर रिजर्व के चीतल, अभी 500 चीतल भेजे जाएंगे - छिंदवाड़ा अभी 500 चीतल कूनो भेजे जाएंगे

मध्य प्रदेश में शिवराज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अति महात्वाकांक्षी चीता प्रोजेक्ट की उलटी गिनती शुरू हो गई है. शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी अपने जन्मदिन पर मध्यप्रदेश और देश को विलुप्त हुए चीतों की सौगात आदिवादी इलाके श्योपुर कूनो में देने जा रहे हैं. नामीबिया से लाये जाने वाले इन चीतों के भोजन के लिए पेंच टाइगर रिजर्व से चीतल भेजे जा रहे हैं.( chhindwara Kuno cheetah project Cheetals)

chhindwara Kuno cheetah project Cheetals
छिंदवाड़ा अफीकी चीतों का भोजन बनेंगे पेंच टाइगर रिजर्व के चीतल
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Published : Sep 16, 2022, 3:02 PM IST

Updated : Sep 16, 2022, 5:35 PM IST

छिंदवाड़ा। अफ्रीकन चीतों के भोजन के लिए पेंच टाइगर रिजर्व से चीतल भेजे गए हैं. पहली शिफ्ट में 57 चीतल भेजे जा रहे हैं. जिसमें 15 नर और 42 मादा चीतल शिफ्ट किए गए हैं. कूनो में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश या यूं कहें भारत को विलुप्त हुए चीतों की सौगात देने जा रहें. कूनो अभ्यारण में छोड़े जाने वाले इन चीतों को संरक्षित करना वन अधिकारियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. (Chhindwara cheetah project cheetals Kuno)

कुल 500 चीतल भेजे जाएंगे कूनो अभ्यारण मेंः पेंच टाइगर रिजर्व प्रबंधन को 500 चीतल भेजने का टारगेट दिया गया है. बाकि 443 चीतल अलग-अलग शिफ्ट में भेजे जाएंगे. पेंच से अन्य क्षेत्रों में भी चीतल भेजे जा रहे हैं. हालांकि जहां चीतल भेजे जाने हैं उसका लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है. पेंच में वर्तमान में 52 हजार से अधिक चीतल हैं. यही कारण है कि इन्हें अन्य वन क्षेत्रों में इन्हें शिफ्ट किया जा रहा है. (Chhindwara cheetal become food for cheetah)

चीतों की खास पसंद हैं चीतलः पेंच के पशु चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा के अनुसार चीता भी बिल्ली प्रजाति में आता है. वह भी किसी भी शिकार को घेरकर मारता है. चीतों के मनपसंद भोजन में चीतल, हिरण, श्वान और अन्य वन्यजीव भी हैं. वह तेजी से शिकार को पकड़ता है. वह अपने शिकार के लिए काफी दूर तक पीछा करने में सक्षम है. रफ्तार में उसे कोई नहीं पछाड़ सकता. चीता के अलावा तेंदुआ भी काफी फुर्तिला होता है. ताकत के मामले में बाघ और शेर सबसे ऊपर श्रेणी में आते हैं. यह दोनों अपने से ज्याता वजन और ताकज वाले जानवरों का भी शिकार करने में सक्षम हैं. जैसे हाथी को भी चार पांच शेर या बाघ मिलकर गिरा लेते हैं. (Chhindwara 500 cheetal transfer to kuno)

चीतल को पकड़ने लगाया गया है बोमाः पेंच में चीतलों को पकड़ने के लिए बोमा लगाया गया है. जिस जगह बोमा है वहां पर बारिश के कारण बड़े वाहन यानी ट्रक पहुंचने में दिक्कतें होती हैं. चूंकि कई बार चीतलों का झुंड इधर उधर हो जाता है. बारिश होने के कारण उन्हें पकड़ना भी मुश्किल होता है. अफ्रीकन चीतों को लाने की जिस तरह तैयारियां कूनों में की जा रही हैं. वैसे ही उनके भोजन प्रबंधन के लिए चीतलों की मांग भी आसपास के टाइगर रिजर्व से हो रही है. पेंच से भी चीतल भेजने का जो लक्ष्य मिला है उसे पूरा करने का दबाव भी बना हुआ है. प्रभारी डिप्टी डायरेक्टर, पेंच टाइगर रिजर्व के बीपी तिवारी ने बताया कि कूनो नेशनल पार्क के लिए अभी 57 चीतल भेजे गए हैं. पकड़ने के लिए बोमा लगाया गया है. बारिश के कारण दिक्कतें हो रही है. जैसे-जैसे चीतल पकड़ में आएंगे उन्हें शिफ्ट किया जाएगा. ( chhindwara Kuno cheetah project Cheetals)

छिंदवाड़ा। अफ्रीकन चीतों के भोजन के लिए पेंच टाइगर रिजर्व से चीतल भेजे गए हैं. पहली शिफ्ट में 57 चीतल भेजे जा रहे हैं. जिसमें 15 नर और 42 मादा चीतल शिफ्ट किए गए हैं. कूनो में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश या यूं कहें भारत को विलुप्त हुए चीतों की सौगात देने जा रहें. कूनो अभ्यारण में छोड़े जाने वाले इन चीतों को संरक्षित करना वन अधिकारियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. (Chhindwara cheetah project cheetals Kuno)

कुल 500 चीतल भेजे जाएंगे कूनो अभ्यारण मेंः पेंच टाइगर रिजर्व प्रबंधन को 500 चीतल भेजने का टारगेट दिया गया है. बाकि 443 चीतल अलग-अलग शिफ्ट में भेजे जाएंगे. पेंच से अन्य क्षेत्रों में भी चीतल भेजे जा रहे हैं. हालांकि जहां चीतल भेजे जाने हैं उसका लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है. पेंच में वर्तमान में 52 हजार से अधिक चीतल हैं. यही कारण है कि इन्हें अन्य वन क्षेत्रों में इन्हें शिफ्ट किया जा रहा है. (Chhindwara cheetal become food for cheetah)

चीतों की खास पसंद हैं चीतलः पेंच के पशु चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा के अनुसार चीता भी बिल्ली प्रजाति में आता है. वह भी किसी भी शिकार को घेरकर मारता है. चीतों के मनपसंद भोजन में चीतल, हिरण, श्वान और अन्य वन्यजीव भी हैं. वह तेजी से शिकार को पकड़ता है. वह अपने शिकार के लिए काफी दूर तक पीछा करने में सक्षम है. रफ्तार में उसे कोई नहीं पछाड़ सकता. चीता के अलावा तेंदुआ भी काफी फुर्तिला होता है. ताकत के मामले में बाघ और शेर सबसे ऊपर श्रेणी में आते हैं. यह दोनों अपने से ज्याता वजन और ताकज वाले जानवरों का भी शिकार करने में सक्षम हैं. जैसे हाथी को भी चार पांच शेर या बाघ मिलकर गिरा लेते हैं. (Chhindwara 500 cheetal transfer to kuno)

चीतल को पकड़ने लगाया गया है बोमाः पेंच में चीतलों को पकड़ने के लिए बोमा लगाया गया है. जिस जगह बोमा है वहां पर बारिश के कारण बड़े वाहन यानी ट्रक पहुंचने में दिक्कतें होती हैं. चूंकि कई बार चीतलों का झुंड इधर उधर हो जाता है. बारिश होने के कारण उन्हें पकड़ना भी मुश्किल होता है. अफ्रीकन चीतों को लाने की जिस तरह तैयारियां कूनों में की जा रही हैं. वैसे ही उनके भोजन प्रबंधन के लिए चीतलों की मांग भी आसपास के टाइगर रिजर्व से हो रही है. पेंच से भी चीतल भेजने का जो लक्ष्य मिला है उसे पूरा करने का दबाव भी बना हुआ है. प्रभारी डिप्टी डायरेक्टर, पेंच टाइगर रिजर्व के बीपी तिवारी ने बताया कि कूनो नेशनल पार्क के लिए अभी 57 चीतल भेजे गए हैं. पकड़ने के लिए बोमा लगाया गया है. बारिश के कारण दिक्कतें हो रही है. जैसे-जैसे चीतल पकड़ में आएंगे उन्हें शिफ्ट किया जाएगा. ( chhindwara Kuno cheetah project Cheetals)

Last Updated : Sep 16, 2022, 5:35 PM IST

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