छिंदवाड़ा। जिले में लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ते जा रहा है. गुरुवार को जिले में 63 कोरोना मरीज सामने आए हैं और 43 का कोरोना प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार किया गया है. सरकारी आंकड़ों में केवल एक ही व्यक्ति की कोरोना से मौत होना बताया जा रहा है. सरकारी आंकड़े और श्मशान की हकीकत बहुत ही अलग दिखाई दे रही है.
- जिले में 463 एक्टिव केस, एक की मौत
छिंदवाड़ा जिले में गुरुवार को 63 नए संक्रमित मरीज मिलने के साथ ही 463 एक्टिव केस हो गए हैं. सरकारी आंकड़ों के हिसाब से एक व्यक्ति की मौत कोविड से हुई ,है लेकिन शहर के श्मशान घाटों में 43 लोगों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया है. जिनमें परतला के मोक्षधाम में 27, देवर्धा में 12, कब्रिस्तान में 3 और इसाई कब्रिस्तान में एक का अंतिम संस्कार किया. वहीं गुरुवार को 75 लोग की रिपोर्ट नेगेटिव आई है जो स्वस्थ होकर अपने घर गए हैं.
- 371 कंटेनमेंट जोन एक्टिव
जिले भर में करीब 22 लाख की आबादी है. जिसमें सबसे ज्यादा संक्रमण सौंसर और पांढुर्णा में बताया जा रहा है. जिले में फिलहाल 371 कंटेनमेंट एरिया बनाए गए है. अकेले छिंदवाड़ा नगर निगम क्षेत्र के 13 वार्डों का निर्धारित क्षेत्र गुरुवार को कंटेंटमेन्ट जोन घोषित किया गया है.
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- रोजाना 4,300 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत
छिंदवाड़ा जिले में दो सरकारी अस्पताल और 6 निजी अस्पतालों में कोविड-19 ईलाज जारी है. जिसमें सभी बिस्तर फुल हैं. एक निजी अस्पताल और बनकर तैयार है, जिसमें सोमवार से इलाज शुरू हो जाएगा. जिले में हर दिन 2,400 से 2,600 लीटर ऑक्सीजन की खपत सरकारी अस्पताल में हो रही है. निजी अस्पतालों में 1,200 से 1,700 लीटर ऑक्सीजन की खपत हो रही है.
- दाह संस्कार के लिए भटक रहे कर्मचारी
कोरोना संक्रमण से लगातार हो रही मौतों के बाद शव वाहन कम पड़ने लगे हैं. ग्रामीण इलाकों में लोग कोरोना मरीजों अंतिम संस्कार करने का भी विरोध कर रहे हैं. शनिवार को चौरई क्षेत्र के एक गांव में संदिग्ध मरीज की मौत होने के बाद नगर पालिका कर्मचारी जैसे ही गांव में अंतिम संस्कार करने पहुंचे तो ग्रामीणों ने विरोध किया. उसके बाद वे पेंच नदी के किनारे गए वहां भी ग्रामीणों ने विरोध किया. आखिरकार नगर पालिका कर्मचारियों को मरीज के गांव में जाकर अंतिम संस्कार करना पड़ा.
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- 1,200 रेमडेसिविर की डिमांड, सप्लाई 20 फीसदी
जिले में कोरोना संक्रमितों के इलाज में उपयोगी रेमेडीसीवीर इंजेक्शन और फैबिफ्लू टैबलेट की कमी बरकरार है. दवाओं की मांग के अनुरूप 20 फीसदी से भी कम सप्लाई हो रही है. जिले में 1,200 रेमडेसिविर और 800 स्ट्रिप फैबिफ्लू की जरूरत है.