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छिंदवाड़ा में 40 दिनों में 1215 शवों की अंत्येष्टी, श्मशान उगल रहा सरकारी झूठ!

कोरोना संक्रमण के इस खौफनाक दौर में प्रदेशभर के साथ-साथ छिंदवाड़ा जिले का भी हाल बेहाल है. यहां के श्मशान घाटों में जलने वाले शवों और प्रशासन द्वारा बताई जा रही कोरोना संक्रमण से मौतों का आंकड़ा मेल नहीं खा रहा है. छिंदवाड़ा के श्मशान घाटों में 1 अप्रैल से 10 मई तक 1215 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया है. जबकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जिले में इस अवधि में केवल 50 कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हुई है.

Cremation
छिंदवाड़ा में श्मशान उगलता राज
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Published : May 11, 2021, 9:40 PM IST

Updated : May 13, 2021, 7:58 PM IST

छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस की जानलेवा दूसरी लहर में संक्रमण से मरने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. राज्य में रोजाना सैंकड़ों संक्रमित मरीजों की मौत हो रही है, लिहाजा मध्य प्रदेश में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक कोरोना संक्रमण से 6,501 लोग अपनी जान गवा चुके हैं. प्रदेश में इस वक्त कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार करने वाले कर्मचारियों की हालत काफी नाजुक बनी हुई है. अंतिम संस्कार करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि शव जलाते-जलाते उनकी आंखें पथरा गई हैं, दिल पत्थर सा हो गया है, अब उनके सामने कोई भी शव आता है तो वह उनके लिए महज जलाने का सामान मात्र है, उनके अंदर अब कोई हमदर्दी नहीं बची.

छिंदवाड़ा में श्मशान उगलता राज
  • 1215 शवों का अंतिम संस्कार

कोरोना संक्रमण के इस खौफनाक दौर में प्रदेशभर के साथ-साथ छिंदवाड़ा जिले का भी ऐसा ही कुछ हाल है. यहां के श्मशान घाटों में जलने वाले शवों और प्रशासन द्वारा बताई जा रही कोरोना संक्रमण से मौतों का आंकड़ा मेल नहीं खा रहा है. छिंदवाड़ा के श्मशान घाटों में 1 अप्रैल से 10 मई तक 1215 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया है. जबकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जिले में इस अवधि में केवल 50 कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हुई है.

Funeral
शवों के अंतिम संस्कार की लिस्ट
  • कमलनाथ ने उठाए जिला प्रशासन पर सवाल

कोरोना संक्रमण से जिले में लगातार हो रही मौतों के बाद 8 अप्रैल को छिंदवाड़ा पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी जिला प्रशासन के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह बनावटी आंकड़े हैं. जिला प्रशासन के मुताबिक छिंदवाड़ा जिले में और खास तौर सौसर और पांढुर्ना में स्थिति ठीक है, जबकि अकेले सौसर विधानसभा में करीब 150 लोगों की मौत हो चुकी है. कमलनाथ ने कहा कि असली आंकड़े श्मशान घाट से पता चल रहे हैं ,जहां पर हर दिन कई शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

  • जिला प्रशासन ने दी सफाई

वहीं, जिला के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जी.सी. चौरसिया का इस मामले को लेकर कहना है कि जिन मरीजों की मौत अलग-अलग बीमारियों से अस्पताल में हो रही है, उनका अंतिम संस्कार भी कोविड-19 प्रोटोकॉल के मुताबिक ही किया जा रहा है, क्योंकि इनमें से किसी की भी मौत के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आती है और उनके परिजन उनका अंतिम संस्कार करते हैं तो ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है, इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं.

डॉ. जी. सी

24 घंटे के आंकड़े 30 दिन पर भारी, श्मशान उगल रहा सरकारी झूठ !

  • प्रदेश में अन्य जिलों में भी हाल बेहाल

प्रदेश में सिर्फ छिंदवाड़ा शहर ही ऐसा नहीं है जहां हालात इस तरह खराब हैं. छिंदवाड़ा के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में भी कोविड-19 से मरीजों की लगातार मौत हो रही है, जिससे लोगों में डर का माहौल है और अंतिम संस्कार करने वाले कर्मचारियों की हालत बिगड़ती जा रही है.

छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस की जानलेवा दूसरी लहर में संक्रमण से मरने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. राज्य में रोजाना सैंकड़ों संक्रमित मरीजों की मौत हो रही है, लिहाजा मध्य प्रदेश में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक कोरोना संक्रमण से 6,501 लोग अपनी जान गवा चुके हैं. प्रदेश में इस वक्त कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार करने वाले कर्मचारियों की हालत काफी नाजुक बनी हुई है. अंतिम संस्कार करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि शव जलाते-जलाते उनकी आंखें पथरा गई हैं, दिल पत्थर सा हो गया है, अब उनके सामने कोई भी शव आता है तो वह उनके लिए महज जलाने का सामान मात्र है, उनके अंदर अब कोई हमदर्दी नहीं बची.

छिंदवाड़ा में श्मशान उगलता राज
  • 1215 शवों का अंतिम संस्कार

कोरोना संक्रमण के इस खौफनाक दौर में प्रदेशभर के साथ-साथ छिंदवाड़ा जिले का भी ऐसा ही कुछ हाल है. यहां के श्मशान घाटों में जलने वाले शवों और प्रशासन द्वारा बताई जा रही कोरोना संक्रमण से मौतों का आंकड़ा मेल नहीं खा रहा है. छिंदवाड़ा के श्मशान घाटों में 1 अप्रैल से 10 मई तक 1215 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया है. जबकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जिले में इस अवधि में केवल 50 कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हुई है.

Funeral
शवों के अंतिम संस्कार की लिस्ट
  • कमलनाथ ने उठाए जिला प्रशासन पर सवाल

कोरोना संक्रमण से जिले में लगातार हो रही मौतों के बाद 8 अप्रैल को छिंदवाड़ा पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी जिला प्रशासन के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह बनावटी आंकड़े हैं. जिला प्रशासन के मुताबिक छिंदवाड़ा जिले में और खास तौर सौसर और पांढुर्ना में स्थिति ठीक है, जबकि अकेले सौसर विधानसभा में करीब 150 लोगों की मौत हो चुकी है. कमलनाथ ने कहा कि असली आंकड़े श्मशान घाट से पता चल रहे हैं ,जहां पर हर दिन कई शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

  • जिला प्रशासन ने दी सफाई

वहीं, जिला के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जी.सी. चौरसिया का इस मामले को लेकर कहना है कि जिन मरीजों की मौत अलग-अलग बीमारियों से अस्पताल में हो रही है, उनका अंतिम संस्कार भी कोविड-19 प्रोटोकॉल के मुताबिक ही किया जा रहा है, क्योंकि इनमें से किसी की भी मौत के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आती है और उनके परिजन उनका अंतिम संस्कार करते हैं तो ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है, इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं.

डॉ. जी. सी

24 घंटे के आंकड़े 30 दिन पर भारी, श्मशान उगल रहा सरकारी झूठ !

  • प्रदेश में अन्य जिलों में भी हाल बेहाल

प्रदेश में सिर्फ छिंदवाड़ा शहर ही ऐसा नहीं है जहां हालात इस तरह खराब हैं. छिंदवाड़ा के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में भी कोविड-19 से मरीजों की लगातार मौत हो रही है, जिससे लोगों में डर का माहौल है और अंतिम संस्कार करने वाले कर्मचारियों की हालत बिगड़ती जा रही है.

Last Updated : May 13, 2021, 7:58 PM IST
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