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BJP Kamal Nath Plan: कमलनाथ के गढ़ में कमल खिलाने का BJP प्लान, इस मास्टर स्ट्रोक से बीजेपी ने बदला चुनावी समीकरण

मध्य प्रदेश में अगर साल 2023 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में अगर कोई हॉट डिस्ट्रिक्ट और सीट है तो वो है छिंदवाड़ा. यहां से कांग्रेस के चीफ कमलनाथ आते हैं और इस चुनाव में उनकी साख दांव पर है. (How BJP Encircles Kamal Nath In Chhindwara) जाहिर है कमलनाथ इलाके में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखना चाहते हैं. वहीं बीजेपी के लिए भी बड़ा चैलेंज यहां से कांग्रेस को उखाड़ फेंकना है. BJP ने इसी के चलते एक बड़ी चाल चली है. जानें क्या है कमल का पूरा प्लान.

BJP Kamal Nath Plan
कमलनाथ के गढ़ में कमल खिलाने का बीजेपी प्लान
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Published : Aug 17, 2023, 8:22 PM IST

छिन्दवाड़ा। भारतीय जनता पार्टी ने कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा की दो प्रमुख विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर टिकट बंटवारे के मामले में कमलनाथ और कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया है. (How BJP Encircles Kamal Nath in Chhindwara) मगर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों सौंसर और पांढुर्णा विधानसभा में पहले BJP को अपने उम्मीदवारों की घोषणा करनी पड़ी. मगर कहा जा रहा है कि बीजेपी ने बहुत सोच समझ कर यहां पर पहले उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. कमलनाथ का इस इलाके और दोनों ही सीटों पर प्रतिष्ठा दांव पर है, तो बीजेपी के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है मगर पार्टी यहां से कोई एक भी सीट जीतने में कामयाब होती है तो उसके लिए यह विन-विन कंडिशन होगा.

कमलनाथ की गृह विधानसभा में नानाभाऊ मोहड़ होंगे बीजेपी को मोहरा: 2003 के विधानसभा चुनाव से लगातार तीन बार सौंसर विधानसभा से विधायक रहे नानाभाऊ को एक बार फिर बीजेपी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है. सौसर विधानसभा अनारक्षित सीट है हालांकि 2018 के चुनाव में कांग्रेस के विजय चौरे चुनाव जीत गए थे. नाना भाऊ कुनबी समाज से आते हैं और इलाके में इनकी काफी पकड़ है. खास बात ये है कि हाल ही में हुए नगर पालिका चुनाव और जिला पंचायत और जनपद पंचायत के चुनाव में नाना भाऊ मोहोड़ ने कांग्रेस को एकतरफा मात देते हुए भाजपा का परचम लहराया था. कमलनाथ की घरेलू विधानसभा होने के बाद भी सौंसर विधानसभा मैं बीजेपी का काफी अच्छा प्रदर्शन रहा है. कमलनाथ को अभी से ही अपने विधानसभा में घेरने की रणनीति के तहत भाजपा ने साथ कदम उठाया है.

how BJP Encircles Kamal Nath in Chhindwara
सौंसर सीट पर नानाभाऊ मोहड़ होंगे बीजेपी के उम्मीदवार

पांढुर्ना में जज के पद से इस्तीफा दे बीजेपी कैंडिडेट बने प्रकाश ऊइके: भाजपा ने सौंसर विधानसभा से लगी पांढुर्णा सीट से प्रकाश ऊइके को अपना उम्मीदवार बनाया है. पांढुर्णा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित विधानसभा सीट है. प्रकाश ऊइके संघ यानि RSS की पृष्ठभूमि से आते हैं और हाल ही में उन्होंने दमोह के जिला न्यायालय के न्यायाधीश के पद से इस्तीफा दे बीजेपी ज्वाइन किया था. अब पार्टी में उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया बड़ा संदेश इलाके में देने की कोशिश की है.

Chhindwara Assembly Election 2023
पांढुर्ना से बीजेपी कैंडिडेट बने प्रकाश ऊइके

मध्य प्रदेश चुनाव से जुड़ी ये खबरें जरुर पढ़ें

पार्टी में असंतोष बीजेपी के लिए होगी अब चुनौती: सौंसर विधानसभा की बात करें तो यहां पर प्रबल दावेदार रहे पूर्व विधायक रहे अजय चौरे काफी भारी पड़ने वाले हैं. अजय पिछले चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे और ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक माने जाते हैं. इसलिए पार्टी के सामने अजय चौरे को मनाना भी एक बड़ी चुनौती हो सकती है.

वही पांढुर्ना विधानसभा चुनाव में पिछले 2 बार चुनाव लड़कर बीजेपी से हारे टीकाराम कोराची भी प्रबल दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने पैराशूट कैंडिडेट यहां पर दिया है. हालांकि प्रकाश ऊइके संघ में पहले से ही जुड़े थे और लगातार सक्रिय भी थे.

महाराष्ट्र से लगी है दोनों विधानसभा RSS का प्रभाव: सौसर और पांढुर्ना विधानसभा महाराष्ट्र के नागपुर जिले से लगी है. दोनों ही विधानसभाओं में महाराष्ट्र का प्रभाव ज्यादा है और नागपुर से जुड़े होने की वजह से यहां पर RSS का वर्चस्व भी काफी ज्यादा है. लिहाजा बीजेपी यहां से भाजपा के पक्ष में माहौल बनाकर दूसरे विधानसभाओं को अभी से अपने पक्ष में प्रभावित करने की रणनीति के तहत काम कर रही है.

छिन्दवाड़ा। भारतीय जनता पार्टी ने कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा की दो प्रमुख विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर टिकट बंटवारे के मामले में कमलनाथ और कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया है. (How BJP Encircles Kamal Nath in Chhindwara) मगर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों सौंसर और पांढुर्णा विधानसभा में पहले BJP को अपने उम्मीदवारों की घोषणा करनी पड़ी. मगर कहा जा रहा है कि बीजेपी ने बहुत सोच समझ कर यहां पर पहले उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. कमलनाथ का इस इलाके और दोनों ही सीटों पर प्रतिष्ठा दांव पर है, तो बीजेपी के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है मगर पार्टी यहां से कोई एक भी सीट जीतने में कामयाब होती है तो उसके लिए यह विन-विन कंडिशन होगा.

कमलनाथ की गृह विधानसभा में नानाभाऊ मोहड़ होंगे बीजेपी को मोहरा: 2003 के विधानसभा चुनाव से लगातार तीन बार सौंसर विधानसभा से विधायक रहे नानाभाऊ को एक बार फिर बीजेपी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है. सौसर विधानसभा अनारक्षित सीट है हालांकि 2018 के चुनाव में कांग्रेस के विजय चौरे चुनाव जीत गए थे. नाना भाऊ कुनबी समाज से आते हैं और इलाके में इनकी काफी पकड़ है. खास बात ये है कि हाल ही में हुए नगर पालिका चुनाव और जिला पंचायत और जनपद पंचायत के चुनाव में नाना भाऊ मोहोड़ ने कांग्रेस को एकतरफा मात देते हुए भाजपा का परचम लहराया था. कमलनाथ की घरेलू विधानसभा होने के बाद भी सौंसर विधानसभा मैं बीजेपी का काफी अच्छा प्रदर्शन रहा है. कमलनाथ को अभी से ही अपने विधानसभा में घेरने की रणनीति के तहत भाजपा ने साथ कदम उठाया है.

how BJP Encircles Kamal Nath in Chhindwara
सौंसर सीट पर नानाभाऊ मोहड़ होंगे बीजेपी के उम्मीदवार

पांढुर्ना में जज के पद से इस्तीफा दे बीजेपी कैंडिडेट बने प्रकाश ऊइके: भाजपा ने सौंसर विधानसभा से लगी पांढुर्णा सीट से प्रकाश ऊइके को अपना उम्मीदवार बनाया है. पांढुर्णा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित विधानसभा सीट है. प्रकाश ऊइके संघ यानि RSS की पृष्ठभूमि से आते हैं और हाल ही में उन्होंने दमोह के जिला न्यायालय के न्यायाधीश के पद से इस्तीफा दे बीजेपी ज्वाइन किया था. अब पार्टी में उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया बड़ा संदेश इलाके में देने की कोशिश की है.

Chhindwara Assembly Election 2023
पांढुर्ना से बीजेपी कैंडिडेट बने प्रकाश ऊइके

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पार्टी में असंतोष बीजेपी के लिए होगी अब चुनौती: सौंसर विधानसभा की बात करें तो यहां पर प्रबल दावेदार रहे पूर्व विधायक रहे अजय चौरे काफी भारी पड़ने वाले हैं. अजय पिछले चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे और ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक माने जाते हैं. इसलिए पार्टी के सामने अजय चौरे को मनाना भी एक बड़ी चुनौती हो सकती है.

वही पांढुर्ना विधानसभा चुनाव में पिछले 2 बार चुनाव लड़कर बीजेपी से हारे टीकाराम कोराची भी प्रबल दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने पैराशूट कैंडिडेट यहां पर दिया है. हालांकि प्रकाश ऊइके संघ में पहले से ही जुड़े थे और लगातार सक्रिय भी थे.

महाराष्ट्र से लगी है दोनों विधानसभा RSS का प्रभाव: सौसर और पांढुर्ना विधानसभा महाराष्ट्र के नागपुर जिले से लगी है. दोनों ही विधानसभाओं में महाराष्ट्र का प्रभाव ज्यादा है और नागपुर से जुड़े होने की वजह से यहां पर RSS का वर्चस्व भी काफी ज्यादा है. लिहाजा बीजेपी यहां से भाजपा के पक्ष में माहौल बनाकर दूसरे विधानसभाओं को अभी से अपने पक्ष में प्रभावित करने की रणनीति के तहत काम कर रही है.

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