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Hartalika Teej 2023: आज भगवान को खुश करने के लिए चढ़ाएं बांस की टोकनी, क्या है महत्व और क्यों किया जाता है हरितालिका तीज का व्रत

Hartalika Teej 2023 Puja: हरितालिका व्रत पर भगवान को बांस की टोकनी चढ़ाएं का क्या महत्व है और क्यों रखती हैं महिलाएं हरितालिका तीज का व्रत.. आइए जानते हैं सबकुछ-

Hartalika Teej Vrat 2023
हरितालिका व्रत 2023
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 18, 2023, 7:19 AM IST

Updated : Sep 18, 2023, 7:46 AM IST

हरितालिका तीज पर भगवान को खुश करने के लिए चढ़ाएं बांस की टोकनी

छिंदवाड़ा। हरितालिका तीज अखंड सौभाग्य और परिवार की कुशलता और वंश की वृद्धि को लेकर मनाया जाता है, सुहागन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए शिव गौरी का पूजन करती हैं और महिलाएं पति की लंबी उम्र के कामना करती हैं. वहीं कुंवारी लड़कियां अच्छे पति के लिए इस व्रत को रखती है, माना जाता है कि हरतालिका तीज के दिन बांस से बनी टोकनी चढ़ाने से वंश की वृद्धि होती है.

हरितालिका व्रत में बांस से बनी चीजों का है महत्व: ऐसा माना जाता है कि हरितालिका व्रत में बांस से बनी चीजों को चढ़ाने से वंश में वृद्धि होती है, इसी कारण बांस से बनी टोकनी, में फल फूल नारियल और सुहाग की चीजों को रखकर चढ़ाया जाता है और भगवान शिव पार्वती से मनोकामना की जाती है कि उनके सुहाग की लंबी उम्र हो और वंश की वृद्धि होती रहे. इसके साथ ही लोग घर में सुख समृद्धि बनी रहे इसके लिए भी हरितालिका तीज पर प्रार्थना की जाती है.

एक बार व्रत रखने के बाद जीवन भर करती है महिलाएं: हरितालिका व्रत सुहागन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं दोनों ही रखती हैं, इस व्रत को एक बार रखने के बाद हमेशा जीवन भर इस व्रत को रखना पड़ता है. कुछ महिलाएं निर्जला व्रत कर उपवास रखती हैं.

बाजारों में रौनक छाई: बाजार में सड़क के दोनों और हरितालिका तीज के लिए उपयोग में आने वाले सामानों को लेकर दुकानें सजी हुई हैं, जहां महिलाएं सोलह सिंगार की सामग्रियां खरीद रही है. तो वहीं बांस से बनी टोकनी समेत पूजन की अन्य सामग्रियां भी एकत्रित कर रही हैं, बाजार में हरित तालिका व्रत को लेकर दुकानें सजी हुई हैं.

हरितालिका तीज की पूजन विधि: हरितालिका व्रत के मौके पर सुहागन महिलाएं नए लाल वस्त्र पहनकर मेहंदी और सोलह सिंगर कल शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और मां पार्वती का पूजन करते हैं, फिर फल-फूल चढ़ाए जाते हैं. भगवान शिव और पार्वती की आरती की जाती है और हरितालिका व्रत की कथा सुनी जाती है..

हरितालिका तीज पर भगवान को खुश करने के लिए चढ़ाएं बांस की टोकनी

छिंदवाड़ा। हरितालिका तीज अखंड सौभाग्य और परिवार की कुशलता और वंश की वृद्धि को लेकर मनाया जाता है, सुहागन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए शिव गौरी का पूजन करती हैं और महिलाएं पति की लंबी उम्र के कामना करती हैं. वहीं कुंवारी लड़कियां अच्छे पति के लिए इस व्रत को रखती है, माना जाता है कि हरतालिका तीज के दिन बांस से बनी टोकनी चढ़ाने से वंश की वृद्धि होती है.

हरितालिका व्रत में बांस से बनी चीजों का है महत्व: ऐसा माना जाता है कि हरितालिका व्रत में बांस से बनी चीजों को चढ़ाने से वंश में वृद्धि होती है, इसी कारण बांस से बनी टोकनी, में फल फूल नारियल और सुहाग की चीजों को रखकर चढ़ाया जाता है और भगवान शिव पार्वती से मनोकामना की जाती है कि उनके सुहाग की लंबी उम्र हो और वंश की वृद्धि होती रहे. इसके साथ ही लोग घर में सुख समृद्धि बनी रहे इसके लिए भी हरितालिका तीज पर प्रार्थना की जाती है.

एक बार व्रत रखने के बाद जीवन भर करती है महिलाएं: हरितालिका व्रत सुहागन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं दोनों ही रखती हैं, इस व्रत को एक बार रखने के बाद हमेशा जीवन भर इस व्रत को रखना पड़ता है. कुछ महिलाएं निर्जला व्रत कर उपवास रखती हैं.

बाजारों में रौनक छाई: बाजार में सड़क के दोनों और हरितालिका तीज के लिए उपयोग में आने वाले सामानों को लेकर दुकानें सजी हुई हैं, जहां महिलाएं सोलह सिंगार की सामग्रियां खरीद रही है. तो वहीं बांस से बनी टोकनी समेत पूजन की अन्य सामग्रियां भी एकत्रित कर रही हैं, बाजार में हरित तालिका व्रत को लेकर दुकानें सजी हुई हैं.

हरितालिका तीज की पूजन विधि: हरितालिका व्रत के मौके पर सुहागन महिलाएं नए लाल वस्त्र पहनकर मेहंदी और सोलह सिंगर कल शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और मां पार्वती का पूजन करते हैं, फिर फल-फूल चढ़ाए जाते हैं. भगवान शिव और पार्वती की आरती की जाती है और हरितालिका व्रत की कथा सुनी जाती है..

Last Updated : Sep 18, 2023, 7:46 AM IST
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