छिंदवाड़ा। कहते हैं जिनके हौसले बुलंद और लक्ष्य निर्धारित होते हैं, वो किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, मुंबई के हर्षद गोठणकर ने. हर्षद के हाथ नहीं हैं, लेकिन वे पैरों से कैरम खेलते हैं और उनके इस जज्बे को दुनिया सलाम कर रही है.
छिंदवाड़ा में आयोजित कैरम प्रतियोगिता में हर्षद ने हाथ नहीं होने के बावजूद बेहतरीन प्रदर्शन किया. हर्षद कहते हैं कि उनके हाथ-पैर नहीं होने के बावजूद भी उन्हें इसके लिए उनके मां-बाप से प्रेरणा मिली है, स्टेट लेबल पर कैरम खेल रहे हर्षद चाहते हैं कि वे नेशनल स्तर पर कैरम खेलें. जिसके लिए वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
पहले खेलते थे फुटबॉल
हर्षद बताते हैं कि वे पहले फुटबॉल खेला करते थे, जब उनके दोस्तों ने उन्हें कैरम के लिए प्रेरित किया तो वे कैरम खेलने लगे, हर्षद ने कहा कि उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए उनके माता पिता ने हर कदम पर प्रेरित किया है.
डेढ़ साल से खेल रहे हैं कैरम
जब हर्षद से पूछा गया कि वे कैरम कब से खेल रहे हैं तो उन्होंने बताया कि वे पिछले एक से डेढ़ साल से कैरम खेल रहे हैं.