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छिंदवाड़ा का हरामखाऊ सम्मेलन, नहीं देखा होगा यह अंदाज, बताते हैं आपको क्या है खास

होली के मौके पर सम्मेलन और कार्यक्रम तो आपने कई देखे होंगे लेकिन छिंदवाड़ा का हरामखाऊ सम्मेलन कुछ खास है. यहां राजनीति और अफसरशाही से जुड़े लोगों को अलग अंदाज में सम्मान से नवाजा जाता है. आइए. दिखाते हैं आपको हरामखाऊ सम्मेलन क्यों है विशेष.

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छिंदवाड़ा का हरामखाऊ सम्मेलन
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Published : Mar 8, 2023, 7:29 PM IST

Updated : Mar 8, 2023, 7:38 PM IST

छिंदवाड़ा का हरामखाऊ सम्मेलन

छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के अलग-अलग अंचलों में होली को लेकर तमाम तरह की परंपराएं और रीति-रिवाज मौजूद हैं. होली के मौके पर प्रदेश भर में कई तरह के विशेष आयोजन किए जाते हैं. ईटीवी भारत आज आपको छिंदवाड़ा में होली के मौके पर होने वाले ऐसे ही आयोजन के बारे में बताने जा रहा है, जो अपने आप में खास है. छिंदवाड़ा में होने वाले इस आयोजन में मंच पर नेता, अधिकारी और वरिष्ठ लोगों को सार्वजनिक तौर पर अपमानित किया जाता है. इस सम्मेलन को हरामखाऊ सम्मेलन और अपमान समारोह कहते हैं, जो पिछले 35 साल से लगातार आयोजित किया जा रहा है.

कविताओं के माध्यम से सुनाई जाती है खरी-खोटी: होलिका दहन की रात को छिंदवाड़ा के दशहरा मैदान में हरामखाऊ सम्मेलन और अपमान समारोह आयोजित किया जाता है. इसमें छिंदवाड़ा के सभी जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी, समाजसेवी, पत्रकार और व्यापारियों को आमंत्रित किया जाता है. इस सम्मेलन में सभी मेहमानों का सब्जियों और फूलों की माला से स्वागत किया जाता है. इसके बाद इन सभी को निशाना बनाकर कविताएं पढ़ी जाती हैं. इन कविताओं में सभी मेहमानों की खिंचाई की जाती है. छिंदवाड़ा में होने वाला ये कार्यक्रम अपने आप में अनोखा है. इसमें बिना किसी लाग-लपेट के नेताओं और अधिकारियों को कविताओं के माध्यम से जमकर खरी-खोटी सुनाई जाती है.

दिए जाते हैं मजेदार टाइटल: इस समारोह के दौरान ही हास्य बुलेटिन हरामखाऊ टाइम्स का विमोचन भी किया जाता है. इस अखबार में जिले के बड़े-बड़े नामों के साथ मजाकिया टाइटल दिए जाते हैं. सालभर ये लोग इसी नाम से जाने जाते हैं. मजाकिया टाइटल और अलग नामों का ये सिलसिला हर साल चलता है, जो इस कार्यक्रम को और भी रोचक बना देता है. आलम यह है कि इस कार्यक्रम की लोकप्रियता साल-दर-साल बढ़ती जा रही है. इसकी वजह से हर साल यहां प्रदेश भर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं.

Must Read:- होली से जुड़ी खबरें...

बुरा न मानो होली है: छिंदवाड़ा में इस अनोखे समारोह का आयोजन पिछले 35 साल से हो रहा है. यहां पहुंचने वाले कवि और दर्शक इस समारोह में चार चांद लगाते हैं. यहां होने वाला कविता पाठ, हास्य विनोद इस समारोह की पहचान है. छिंदवाड़ा की ही एक सामाजिक संस्था द्वारा होली को विनोदपूर्मण तरीके से मनाने और लोगों में भाईचारा व एकता का संदेश देने के उद्देश्य से इस समारोह का आयोजन किया जाता है. भरे मंच से सम्मानित लोगों को प्रतीकात्मक तौर पर यहां अपमानित किया जाता है. इसे 'बुरा न मानो होली है' के स्लोगन से जोड़कर देखा जाता है. ये स्लोगन ही इस समारोह की रीढ़ की हड़्डी है.

छिंदवाड़ा का हरामखाऊ सम्मेलन

छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के अलग-अलग अंचलों में होली को लेकर तमाम तरह की परंपराएं और रीति-रिवाज मौजूद हैं. होली के मौके पर प्रदेश भर में कई तरह के विशेष आयोजन किए जाते हैं. ईटीवी भारत आज आपको छिंदवाड़ा में होली के मौके पर होने वाले ऐसे ही आयोजन के बारे में बताने जा रहा है, जो अपने आप में खास है. छिंदवाड़ा में होने वाले इस आयोजन में मंच पर नेता, अधिकारी और वरिष्ठ लोगों को सार्वजनिक तौर पर अपमानित किया जाता है. इस सम्मेलन को हरामखाऊ सम्मेलन और अपमान समारोह कहते हैं, जो पिछले 35 साल से लगातार आयोजित किया जा रहा है.

कविताओं के माध्यम से सुनाई जाती है खरी-खोटी: होलिका दहन की रात को छिंदवाड़ा के दशहरा मैदान में हरामखाऊ सम्मेलन और अपमान समारोह आयोजित किया जाता है. इसमें छिंदवाड़ा के सभी जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी, समाजसेवी, पत्रकार और व्यापारियों को आमंत्रित किया जाता है. इस सम्मेलन में सभी मेहमानों का सब्जियों और फूलों की माला से स्वागत किया जाता है. इसके बाद इन सभी को निशाना बनाकर कविताएं पढ़ी जाती हैं. इन कविताओं में सभी मेहमानों की खिंचाई की जाती है. छिंदवाड़ा में होने वाला ये कार्यक्रम अपने आप में अनोखा है. इसमें बिना किसी लाग-लपेट के नेताओं और अधिकारियों को कविताओं के माध्यम से जमकर खरी-खोटी सुनाई जाती है.

दिए जाते हैं मजेदार टाइटल: इस समारोह के दौरान ही हास्य बुलेटिन हरामखाऊ टाइम्स का विमोचन भी किया जाता है. इस अखबार में जिले के बड़े-बड़े नामों के साथ मजाकिया टाइटल दिए जाते हैं. सालभर ये लोग इसी नाम से जाने जाते हैं. मजाकिया टाइटल और अलग नामों का ये सिलसिला हर साल चलता है, जो इस कार्यक्रम को और भी रोचक बना देता है. आलम यह है कि इस कार्यक्रम की लोकप्रियता साल-दर-साल बढ़ती जा रही है. इसकी वजह से हर साल यहां प्रदेश भर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं.

Must Read:- होली से जुड़ी खबरें...

बुरा न मानो होली है: छिंदवाड़ा में इस अनोखे समारोह का आयोजन पिछले 35 साल से हो रहा है. यहां पहुंचने वाले कवि और दर्शक इस समारोह में चार चांद लगाते हैं. यहां होने वाला कविता पाठ, हास्य विनोद इस समारोह की पहचान है. छिंदवाड़ा की ही एक सामाजिक संस्था द्वारा होली को विनोदपूर्मण तरीके से मनाने और लोगों में भाईचारा व एकता का संदेश देने के उद्देश्य से इस समारोह का आयोजन किया जाता है. भरे मंच से सम्मानित लोगों को प्रतीकात्मक तौर पर यहां अपमानित किया जाता है. इसे 'बुरा न मानो होली है' के स्लोगन से जोड़कर देखा जाता है. ये स्लोगन ही इस समारोह की रीढ़ की हड़्डी है.

Last Updated : Mar 8, 2023, 7:38 PM IST
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