छिंदवाड़ा। जिले को हेवी लॉकडाउन पर रखा गया है. जिससे किसानों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. छिंदवाड़ा जिले में बड़े पैमाने पर किसान सब्जियां लगाते हैं, इस बार भी जिले में सब्जियों की अच्छी फसल हुई है. लेकिन लॉक डाउन की वजह से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. क्योंकि सब्जियां बिक नहीं पा रही हैं.
छिंदवाड़ा जिले से सब्जियां अलग-अलग जिलों की मंडियों में जाती हैं लेकिन अब लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपए की सब्जी की फसल खेतों में ही खराब हो रही हैं. किसान अपने खेतों से नष्ट हुई फसलों को बाहर फेंकने के लिए मजबूर है. किसानों का कहना है कि अगर लॉकडाउन इसी तरह जारी रहा तो उन्हें इस साल बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा. क्योंकि शादियों का सीजन होने की वजह से इस वक्त सब्जी की अच्छी खपत होती थी.
खराब हो गई शिमला मिर्च की फसल
बिसापुर गांव के एक किसान ने 5 एकड़ में शिमला मिर्च लगाई थी, बीच में पाला पड़ने से नुकसान हुआ. जो कुछ बचा था वह लॉकडाउन की वजह से खराब हो रहा है. शिमला मिर्च प्रति एकड़ के हिसाब से लगाने में ढाई लाख रुपए की लागत आती है. लेकिन जब आमदनी का समय आया तो लॉकडाउन सब किए कराए पर पानी फेर दिया. किसान का कहना है कि सरकार की मेहरबानी या बीमा कंपनी पिछले समय का बीमा कंपनी ने कुछ नहीं दिया.
कुछ यही हाल मोहखड़ गांव के किसानों का भी है. यहां के किसान बड़ी संख्या में सब्जी की फसल उगाते हैं. सब्जियां लगाने में किसान की लागत अधिक आती है. किसान गोविंद का कहना है कि एक हेक्टेयर में बैंगन लगाया था एक हेक्टेयर में ककड़ी और शिमला मिर्च और टमाटर लगाया था. पहले तो अतिवृष्टि हुई उसके बाद लॉक डाउन के चलते फसल नहीं बेच पा रहे. यानि लॉक डाउन आगे बढ़ा तो किसानों की हालत और खराब होगी.